धार्मिक

Today Panchang आज का पंचांग शनिवार, 17 मई 2025

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
✦••• जय श्री हरि •••✦
🧾 आज का पंचाग 🧾
शनिवार 17 मई 2025
शनि देव जी का तांत्रिक मंत्र – ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।।
☄️ दिन (वार) -शनिवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से आयु का नाश होता है । अत: शनिवार को बाल और दाढ़ी दोनों को ही नहीं कटवाना चाहिए।
शनिवार के दिन प्रात: पीपल के पेड़ में दूध मिश्रित मीठे जल का अर्ध्य देने और सांय पीपल के नीचे तेल का दीपक जलाने से कुंडली की समस्त ग्रह बाधाओं का निवारण होता है ।
शनिवार के दिन पीपल के नीचे हनुमान चालीसा पड़ने और गायत्री मन्त्र की àएक माला का जाप करने से किसी भी तरह का भय नहीं रहता है, समस्त बिग़डे कार्य भी बनने लगते है ।
शिवपुराण के अनुसार शनि देव पिप्लाद ऋषि का स्मरण करने वाले, उनके भक्तो को कभी भी पीड़ा नहीं देते है इसलिए जिन के ऊपर शनि की दशा चल रही हो उन्हें अवश्य ही ना केवल शनिवार को वरन नित्य पिप्लाद ऋषि का स्मरण करना चाहिए।
शनिवार के दिन पिप्पलाद श्लोक का या पिप्पलाद ऋषि जी के केवल इन तीन नामों (पिप्पलाद, गाधि, कौशिक) को जपने से शनि देव की कृपा मिलती है, शनि की पीड़ा निश्चय ही शान्त हो जाती है ।
🔮 शुभ हिन्दू नववर्ष 2025 विक्रम संवत : 2082 कालयक्त विक्रम : 1947 नल
🌐 कालयुक्त संवत्सर विक्रम संवत 2082,
✡️ शक संवत 1947 (विश्वावसु संवत्सर), चैत्र
☮️ गुजराती सम्वत : 2081 नल
☸️ काली सम्वत् 5126
🕉️ संवत्सर (उत्तर) क्रोधी
☣️ आयन – उत्तरायण
☂️ ऋतु – सौर ग्रीष्म ऋतु
☀️ मास – ज्यैष्ठ मास
🌗 पक्ष – कृष्ण पक्ष
📆 तिथि – शनिवार ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष पंचमी तिथि पूर्ण रात्रि तक
📝 तिथी स्वामी – पंचमी के देवता हैं नागराज। इस तिथि में नागदेवता की पूजा करने से विष का भय नहीं रहता, स्त्री और पुत्र प्राप्ति होती है। यह लक्ष्मीप्रदा तिथि हैं।
💫 नक्षत्र – नक्षत्र पूर्वाषाढ़ा 05:44 PM तक उपरांत उत्तराषाढ़ा
🪐 नक्षत्र स्वामी – पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र का स्वामी ग्रह शुक्र है. पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र का वैदिक देवता “अपस” है, जो जल देवता या जल देवी के रूप में जाना जाता है।
⚜️ योग – साध्य योग 07:08 AM तक, उसके बाद शुभ योग
प्रथम करण : कौलव – 05:39 पी एम तक
द्वितीय करण : तैतिल – पूर्ण रात्रि तक
🔥 गुलिक काल : – शनिवार को शुभ गुलिक प्रातः 6: 53 से 8:19 बजे तक ।
⚜️ दिशाशूल – शनिवार को पूर्व दिशा का दिकशूल होता है ।यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से अदरक खाकर, घी खाकर जाएँ ।
🤖 राहुकाल -सुबह – 9:44 से 11:09 तक।राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |
🌞 सूर्योदयः- प्रातः 05:24:00
🌅 सूर्यास्तः- सायं 06:38:00
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 04:06 ए एम से 04:48 ए एम
🌇 प्रातः सन्ध्या : 04:27 ए एम से 05:29 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 11:50 ए एम से 12:45 पी एम
✡️ विजय मुहूर्त : 02:34 पी एम से 03:28 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 07:05 पी एम से 07:26 पी एम
🏙️ सायाह्न सन्ध्या : 07:06 पी एम से 08:08 पी एम
💧 अमृत काल : 12:36 पी एम से 02:19 पी एम
🗣️ निशिता मुहूर्त : 11:57 पी एम से 12:38 ए एम, मई 18
🚓 यात्रा शकुन-शर्करा मिश्रित दही खाकर घर से निकलें।
👉🏼 आज का मंत्र-ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनयै नम:।
💁🏻‍♀️ आज का उपाय-शनि मंदिर में सवाकिलो इमरती चढ़ाएं।
🪵 वनस्पति तंत्र उपाय-शमी के वृक्ष में जल चढ़ाएं
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – प्रसिद्ध भारतीय ग़ज़ल पार्श्वगायक पंकज उदास जन्म दिवस, चरित्र अभिनेत्री प्रीति गांगुली जन्म दिवस, विश्व दूरसंचार दिवस, विश्व उच्चरक्तचाप दिवस, विश्व इंटरनेट दिवस, विश्व सूचना समाज दिवस, गोविंद सखाराम सरदेसाई जयन्ती, संथाकुमारी जन्म दिवस, हंसराज भारद्वाज जयन्ती, श्याम रामसे जन्म दिवस हर्षद चोपड़ा जन्म दिवस, विश्व हाइपरटेंशन दिवस, भारतीय क्रिकेटर भागवत चंद्रशेखर जन्म दिवस, नॉर्वे संविधान दिवस, अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) स्थापना दिवस
✍🏼 तिथि विशेष – पञ्चमी तिथि को बिल्वफल त्याज्य बताया गया है। पञ्चमी तिथि को खट्टी वस्तुओं का दान और भक्षण दोनों ही त्याज्य है। पञ्चमी तिथि धनप्रद अर्थात धन देनेवाली तिथि मानी जाती है। यह पञ्चमी तिथि अत्यंत शुभ तिथि भी मानी जाती है। इस पञ्चमी तिथि के स्वामी नागराज वासुकी हैं। यह पञ्चमी तिथि पूर्णा नाम से विख्यात मानी जाती है। यह पञ्चमी तिथि शुक्ल पक्ष में अशुभ और कृष्ण पक्ष में शुभ फलदायीनी मानी जाती है।
🗼 Vastu tips_ 🗽
वास्तु के अनुसार, घर के मुख्य द्वार के ठीक सामने झाड़ू रखना अशुभ माना गया है। इससे घर की लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं और धन की हानि के योग बनने लगते हैं। दरअसल, मुख्य द्वार को ही घर में प्रवेश करने वाली ऊर्जा का मार्ग माना जाता है, और इस स्थान पर गंदगी या झाड़ू का रखा होना ऊर्जा के प्रवाह को बाधित करता है।
जूठे बर्तन न छोड़ें रात भर खाना खाने के बाद जूठे बर्तनों को डाइनिंग टेबल या कमरे में छोड़ना न केवल स्वच्छता की दृष्टि से गलत है, बल्कि वास्तु दोष भी उत्पन्न करता है। मान्यता है कि रात भर जूठे बर्तन छोड़ने से नकारात्मक शक्तियां घर में प्रवेश करती हैं और पूर्वजों की नाराजगी का सामना करना पड़ता है। इससे घर की सुख-शांति पर भी असर पड़ता है।
जूते-चप्पलों के लिए रखें अलग स्थान घर में प्रवेश करते समय जूते-चप्पल उतारना सिर्फ एक शिष्टाचार नहीं, बल्कि वास्तु के अनुसार ऊर्जा को शुद्ध रखने का एक अहम नियम है। बाहर की गंदगी और नकारात्मक ऊर्जा को घर में लाने से रोकने के लिए हमेशा जूते-चप्पल घर के बाहर ही रखें और बेडरूम में कभी लेकर न जाएं। इससे घर का वातावरण स्वच्छ और शांत बना रहता है।
🎯 जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
बीकासूल कैप्सूल के स्वास्थ्य लाभ
✅ (A) त्वचा, बाल और नाखूनों के लिए फायदेमंद
✔ विटामिन B7 (Biotin) और विटामिन C बालों को मजबूत और घना बनाते हैं।
✔ त्वचा के दाने (Acne), रैशेज़ और झुर्रियों को कम करने में मदद करता है।
✔ नाखूनों की कमजोरी और टूटने की समस्या को दूर करता है।
✅ (B) शरीर में एनर्जी बढ़ाता है
✔ विटामिन B-कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और फैट को एनर्जी में बदलने में मदद करता है।
✔ थकान, कमजोरी और चक्कर आने जैसी समस्याओं को कम करता है।
✔ शरीर को दिनभर ऊर्जावान बनाए रखता है।
✅ (C) इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है
✔ विटामिन C शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) बढ़ाता है।
✔ वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन से बचाव करता है।
✅ (D) पाचन और भूख बढ़ाने में मदद करता है
✔ विटामिन B1 और B6 पाचन एंजाइम्स को सक्रिय करते हैं।
✔ भूख न लगने (Loss of Appetite) की समस्या में फायदेमंद।
💉 आरोग्य संजीवनी 🩸
दूध पचता नहीं, दूध से कब्ज होती हैं। दूध को कैसे पचायें
दूध बिना परिश्रम, मेहनत के नहीं पचता, चाहें कर लो लाख उपाय…दूध के 26 खास रहस्य दूध पचाने के आयुर्वेद में अनेक प्रयोगों के वर्णन है।
सुबह खाली पेट गुनगुना दूध पीकर एक घण्टे बाद 2 से 3 ग्लास पानी पिएं और फ्रेश होने जाने से उदर का पूरा दूषित मल साफ हो जाता है।
7 दिन यही प्रक्रिया अपनाएं, तो दूध पचने लगेगा।
रात को दूध न पिएं क्योंकि रात का पिया हुआ दूध पचता नहीं है और मल का सड़ाता है।
अम्लपित्त, गैस की अधिकांश समस्या की वजह रात्रि में दूध पीने से पैदा होती है।
भारत में गाय, भैंस, बकरी का दूध औषधीय गुण से लबालब होता है। ।अति प्राचीनतम कालसे जाना जाता है।चिकित्सकीय दृष्टिकोणसे दूध बहुत महत्त्वपूर्ण है। यह शरीर के लिये उच्च श्रेणी का खाद्य पदार्थ है।
भोज्य पदार्थ के रूप में दूध एक महत्त्वपूर्ण आहार का विलक्षण समुच्चय है। दूध प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट्स, खनिज, वसा, इन्जाइम तथा आयरन से युक्त होता है।
दूध में प्रोटीन और कैलशियम तत्त्वोंका प्रसार होने से यह (दूधिया) अद्वितीय, अपारदर्शी होता है।
📖 गुरु भक्ति योग 🕯️
एक गांव में एक ब्रह्माणी रहती थी जो बहुत पूजा पाठ करती थी ।सुबह उसे करीब दो घंटे पूजा में लगते थे ।बहुत श्रद्धा भाव से एक एक भगवान को नहलाना ,उनके वस्त्र बदलना ,चंदन ,कुमकुम हल्दी ,चावल चढ़ाना ,फूलों से श्रृंगार करना ,भोग लगाना फिर सबकी आरती करना इसके बाद मंत्र जाप करना ।यह उसका प्रतिदिन का नियम था । बहु के काम में जरा भी हाथ न बंटाती थी ।
घर में बहू थी जो घर के सभी काम अकेले ही संभालती थी। एक दिन ब्रह्माणी जब मंदिर गई तो पता चला कि वहां से गंगा स्नान के लिए एक बस हरिद्वार जा रही थी जिसे जाना हो वो पैसे जमा करवा दे ।
ब्रह्माणी के पति तो बीमार थे तो वह तो जा नहीं सकते थे इसलिए बेटे ने मां को गंगा स्नान के लिए भेज दिया ।जाते समय सासू मां ने बहु को समझाया कि मेरे भगवान की वैसी ही सेवा करना जैसे मैं करती थी ।उन्हें रोज नहलाना पूजा आरती करना।और फिर ब्रह्माणी एक सप्ताह के लिए हरिद्वार के लिए रवाना हो गई ।
अब बहु को तो पूरे घर के साथ ससुर जी ,पति और दो बच्चों के भी काम थे तो संभव ही नहीं था कि दो घंटे भगवान की सेवा में लगाए । फिर भी वो सुबह गर्म पानी छोटी बाल्टी में भर रख आती और उन्हें बोल आती मै जब तक भोजन तैयार करती हूं आप नहा लो ,वो भोग लेकर जाती भगवान जी मुझे बच्चो को स्कूल से लेने जाना है ।आप सब जीम लो ।और भगवान के पट बंद कर देती ।
ठाकुर जी भी भक्त की व्यस्तता देखकर गर्म पानी ले कर नहा लेते और गर्म गर्म भोजन की थाली में से भोजन कर लेते ।सुबह बहु खाली बाल्टी और खाली भोजन के वर्तन ला कर धो देती ।इसी तरह एक सप्ताह बीत गई और सासू मां वापस लौट आईं।उन्होंने पूछा बहु मेरे भगवान की अच्छे से पूजा सेवा करतीं थी न तुम ?
बहुत बोली झूठ नहीं बोलूंगी मांजी सुबह मुझे इतने काम रहते है कि मैं ठाकुर जी की नहलाने का वक्त नहीं निकाल पाती थी ,पर रोज गर्म पानी की बाल्टी मंदिर में रख आती थी ,फिर मै भोजन की थाली लगाकर जाती तब तक वो स्नान कर के बैठ जाते ,उन्हें आग्रह करती ठाकुर जी आप भोजन करिए मुझे बच्चो को स्कूल से लेने जाना है ।मै वहां से आती जब तक वो जीम लेते मै उनके बरतन उठा लाती और उन्हें आराम करने जा बोल मंदिर के पट बंद कर देती ।
आपके ठाकुर जी ने मेरी बहुत सहायता की ,ब्रह्माणी आश्चर्यचकित होकर बोली ऐसा हो ही नहीं सकता कि ठाकुर जी स्वयं से उठ कर नहा ले अपने हाथों से जीम ले मै तो उनका भोग शाम को सब बच्चो को बांट देती थी।
बहु बोली मै सच बोल रही हूं ,मांजी कल आप खुद चुपके से देख लेना ।सुबह बहु ने गर्म पानी की बाल्टी मंदिर में रखी और आग्रह किया प्रभु आप स्नान करो तब तक मै भोजन लगाती हूं ।ठाकुर जी ने स्नान किया और आकर बैठ गए फिर भोजन की थाली में से अपने हाथों से भोजन किया।ब्राह्मणी की आंखों में अश्रुधारा बह निकली ।उसने बहु को गले लगा लिया बोली तुम धन्य हो बहु जिसे ठाकुर जी ने दर्शन दिए मै तो दो दो घंटे उनकी सेवा करती थी लेकिन मुझे बिहारी जी ने कभी दर्शन नहीं दिए ।
उपरोक्त श्लोक ….चतुराई चौपट करें, ज्ञानी गोतें खाएं, सीधे साधे भोलें भालें लोगन को, श्रीहरि नारायण मिल जाएं?”” यह कथा इसका छोटा सा उदाहरण है ।की ईश्वर सिर्फ भक्त की भावना देखते है ।आप चाहे कितना भी आडंबर कर ले ,उन्हें तो सच्चे प्रेम की चाह होती है बस ।
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⚜️ पञ्चमी तिथि में शिव जी का पूजन सभी कामनाओं की पूर्ति करता है। आज पञ्चमी तिथि में नाग देवता का पूजन करके उन्हें बहती नदी में प्रवाहित करने से भय और कष्ट आदि की सहज ही निवृत्ति हो जाती है। ऐसा करने से यहाँ तक की कालसर्प दोष तक की शान्ति हो जाती है। अगर भूतकाल में किसी की मृत्यु सर्पदंश से हुई हो तो उसके नाम से सर्प पूजन से उसकी भी मुक्ति तक हो जाती है।।

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