Today Panchang आज का पंचांग मंगलवार, 07 अक्टूबर 2025

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
✦••• जय श्री हरि •••✦
🧾 आज का पंचाग 🧾
मंगलवार 07 अक्टूबर 2025
07 अक्टूबर 2025 दिन अश्र्विन मास के शुक्ल पक्ष कि पूर्णिमा तिथि है। आज स्नान – दान एवं व्रतादि की पूण्यत्मा पूर्णिमा है। आज की पूर्णिमा को आदि कवि एवं रामायण के रचिता महर्षि वाल्मीकि की जन्म जयन्ती है। आज ज्योतिष के पितामह महर्षि पाराशर जी की जन्म जयन्ती भी है। आज वीरों की भूमि मेवाड़ की महारानी परम भक्तिनी मीराबाई जी की जन्म जयन्ती भी है। आज की पूर्णिमा को उड़ीसा में कुमार पुर्णिमा भी कहा जाता है। आज सर्वार्थमृतासिद्धियोग भी है। आप सभी स्नातनियों को “महर्षि वाल्मीकि, महर्षि पाराशर, मेवाड़ की महारानी परम भक्तिनी मीराबाई जी के जन्म जयंती एवं कुमार पुर्णिमा” की हार्दिक शुभकामनायें।।
हनुमान जी का मंत्र : हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट् ।
🌌 दिन (वार) – मंगलवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से उम्र कम होती है। अत: इस दिन बाल और दाढ़ी नहीं कटवाना चाहिए ।
मंगलवार को हनुमान जी की पूजा और व्रत करने से हनुमान जी प्रसन्न होते है। मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा एवं सुन्दर काण्ड का पाठ करना चाहिए।
मंगलवार को यथासंभव मंदिर में हनुमान जी के दर्शन करके उन्हें लाल गुलाब, इत्र अर्पित करके बूंदी / लाल पेड़े या गुड़ चने का प्रशाद चढ़ाएं । हनुमान जी की पूजा से भूत-प्रेत, नज़र की बाधा से बचाव होता है, शत्रु परास्त होते है।
🔮 शुभ हिन्दू नववर्ष 2025 विक्रम संवत : 2082 कालयक्त विक्रम : 1947 नल
🌐 कालयुक्त संवत्सर विक्रम संवत 2082,
✡️ शक संवत 1947 (विश्वावसु संवत्सर), चैत्र
👸🏻 शिवराज शक 352
☮️ गुजराती सम्वत : 2081 नल
☸️ काली सम्वत् 5126
🕉️ संवत्सर (उत्तर) क्रोधी
☣️ आयन – दक्षिणायन
☂️ ऋतु – सौर शरद ऋतु
⛈️ मास – आश्विन मास
🌝 पक्ष – शुक्ल पक्ष
📆 तिथि – मंगलवार आश्विन माह के शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि 09:17 AM तक उपरांत प्रतिपदा तिथि 05:53 AM तक उपरांत द्वितीया
✏️ तिथि स्वामी – पूर्णिमा तिथि पूर्णत्व की तिथि मानी जाती है. इस तिथि के स्वामी स्वयं चन्द्र देव हैं. इस दिन सूर्य और चन्द्रमा समसप्तक होते हैं।
💫 नक्षत्र – नक्षत्र रेवती 01:28 AM तक उपरांत अश्विनी
🪐 नक्षत्र स्वामी – रेवती नक्षत्र का स्वामी ग्रह बुध है, और इसके देवता पूषा हैं.जो सूर्य देव का एक रूप हैं और आध्यात्मिक उन्नत्ति का प्रतीक माने जाते हैं
⚜️ योग – ध्रुव योग 09:31 AM तक, उसके बाद व्याघात योग 05:35 AM तक, उसके बाद हर्षण योग
⚡ प्रथम करण : बव – 09:16 ए एम तक बालव – 07:36 पी एम तक
✨ द्वितीय करण : कौलव – 05:53 ए एम, अक्टूबर 08 तक तैतिल
🔥 गुलिक काल : मंगलवार का गुलिक दोपहर 12:06 से 01:26 बजे तक।
🤖 राहुकाल (अशुभ) – दोपहर 15:19 बजे से 16:41 बजे तक। राहु काल में शुभ कार्य करना वर्जित माना गया है।
⚜️ दिशाशूल – मंगलवार को उत्तर दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिये, यदि अत्यावश्यक हो तो कोई गुड़ खाकर यात्रा कर सकते है।
🌞 सूर्योदयः- प्रातः 06:17:00
🌅 सूर्यास्तः- सायः 06:02:00
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 04:39 ए एम से 05:28 ए एम
🌇 प्रातः सन्ध्या : 05:04 ए एम से 06:17 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 11:45 ए एम से 12:32 पी एम
✡️ विजय मुहूर्त : 02:06 पी एम से 02:53 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 06:00 पी एम से 06:25 पी एम
🌃 सायाह्न सन्ध्या : 06:00 पी एम से 07:14 पी एम
💧 अमृत काल : 11:19 पी एम से 12:45 ए एम, अक्टूबर 08
🗣️ निशिता मुहूर्त : 11:44 पी एम से 12:34 ए एम, अक्टूबर 08
⭐ सर्वार्थ सिद्धि योग : 01:28 ए एम, अक्टूबर 08 से 06:18 ए एम, अक्टूबर 08
🌊 अमृत सिद्धि योग : 01:28 ए एम, अक्टूबर 08 से 06:18 ए एम, अक्टूबर 08
यात्रा शकुन-दलिया का सेवन कर यात्रा पर निकलें।
👉🏼 आज का मंत्र-ॐ अं अंगारकाय नम:।
💁🏻 आज का उपाय-देवी मन्दिर में सवाकिलो अनार चढ़ाएं।
🪵 *वनस्पति तंत्र उपाय- खैर के वृक्ष में जल चढ़ाएं। ⚛️ पर्व एवं त्यौहार – सर्वार्थ सिद्धि योग/ अमृत सिद्धि योग/ कार्तिक मासारंभ/ नवान्न पूर्णिमा/ कार्तिक स्नानारंभ/ आयंवील ओली समाप्ति (जैन)/ सुक्कोथ (ज्यू-यहूदी)/ पूर्णिमा समाप्ति सुबह 09.17/ पंचक समाप्त 25.28/ महाकाव्य रामायण के रचयिता, श्रद्धेय महर्षि वाल्मीकि जयन्ती, सिक्खों के गुरु गुरु गोविन्द सिंह जयन्ती, ज्योतिष के पितामह महर्षि पाराशर , मेवाड़ की महारानी परम भक्तिनी मीराबाई जयन्ती, प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी बली राम भगत जयन्ती, राष्ट्रीय चॉकलेट कवर प्रेट्ज़ेल दिवस, अभिनेत्री युक्ता मुखी जन्म दिवस, मदर टेरेसा द्वारा मिशनरीज ऑफ चैरिटी स्थापना दिवस, भारतीय प्रसिद्ध गजल गायिका बेगम अख़्तर जन्म दिवस, भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी ज़हीर ख़ान जन्म दिवस, राष्ट्रीय ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया जागरूकता दिवस, अभिजीत सावंत जन्म दिवस, विश्व कपास दिवस, राष्ट्रीय पोषाहार दिवस (सप्ताह) ✍🏼 तिथि विशेष – पूर्णिमा को घी एवं प्रतिपदा को कुष्मांड खाना एवं दान करना दोनों वर्जित बताया गया है। पूर्णिमा तिथि एक सौम्य और पुष्टिदा तिथि मानी जाती है। इसके देवता चन्द्रमा हैं तथा यह पूर्णा नाम से विख्यात है। यह शुक्ल पक्ष में ही होती है और पूर्ण शुभ फलदायी मानी गयी है। 🏘️ *_Vastu tips* 🏚️
बार-बार चीटियों का दिखना अगर आपके घर से निकलते वक्त कई दिनों तक लगातार चीटियों का झुंड दिख रह है तो यह समझिए की मां लक्ष्मी की आप पर विशेष कृपा बरसने वाली है। ऐसे में उन चीटिंयों का मारने व भगाने के बजाए उन्हें आटा या शक्कर डालना चाहिए। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
*लाल साड़ी में महिला दिखना अगर आप अपने सपने में भी कोई महिला लाल साड़ी पहने दिख जाए तो इसका मतलब साफ है कि आप पर मां लक्ष्मी मेहर बरसाने वाली हैं। *बिल्ली के बच्चे अगर आपके घर में बिल्ली ने आकर बच्चा दे दिया है तो समझ जाएं कि आपका अच्छा टाइम अब समय शुरू हो गया है, ये मां लक्ष्मी के आने का संकेत हैं। ऐसे में बिल्ली का भगाने के बजाए उसके पीने के लिए दूध रखें।
*सपने में दिखें ये पक्षी अगर आप सोते समय उल्लू, मोर, गरूड़ या गंगा नदी देख रहे हैं तो इसका मतलब साफ है कि आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार होने जा रही है। मां लक्ष्मी आप पर अपनी कृपा बरसाने वाली हैं। ♻️ *जीवनोपयोगी कुंजियां* ⚜️ *खांसी होने पर एक चम्मच शहद में लहसून के रस की चार पांच बूंद मिलाकर पीने से लाभ होती है। आजमाया हुआ है।
*अगर आपका गला खराब है तो लहसुुन के रस दस बूंद काफी हैं गर्म पानी में मिलाकर गरारे करने से गले की खिचखिच में तुरंत आराम मिलता है। *लहसुुन के रस की 20 बूंदें और एक ग्लास अनार का रस मिलाकर पीने से किसी भी तरह की खांसी पूरी तरह से ठीक हो जाती है।
*लहसुुन के रस की पांच से छः बूंद, दूध में मिलाकर रोजाना सुबह के समय पीने से महिलाओं में होने वाले बांझपन पर नियंत्रण किया जा सकता है। *यह रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में निश्चित रूप से प्रभावी है।
*लहसुुन के ज्यूस का सबसे कारगार गुण होता है शरीर में कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम करना और कम बनाए रखना। इसका नियमित प्रयोग से ह्दयाघात और दूसरी ह्रदय संबंधी रोगों का भय कम हो जाता है। *लहसुन का उपभोग बलोटिंग , पेट फूलना, गैस, खराब पेट, गन्दी सांस और शरीर की गंध जैसे समस्या उत्पन्न करता है। यदि आप पेट या पाचन की समस्या से ग्रस्त हैं, तो सावधानी के साथ लहसुन का उपयोग करें।
💉 *आरोग्य संजीवनी* 🩸
नागफनी के सेवन से पुरुषों में होने वाले सुजाक यानी गोनोरिया रोग का भी नाश होता है।
*खून की गरमी के कारण होने वाली जलन तथा दर्द में नागफनी के तने को पीसकर लगाने से आराम मिलता हैनागफनी में एंटीसैप्टिक गुण होते हैं। इसलिए यह अनेक चर्मरोगों में काम आता है। नागफनी घावों को शीघ्र भर देता है, उनमें संक्रमण नहीं पनपने देता और कीड़ों तथा पस यानी पीव को नष्ट करता है। *नागफनी के तने के गूदे को पीसकर घाव पर लगाने से घाव शीघ्र भर जाता है। कीटाणुओं के संक्रमण के कारण होने वाले घावों को ठीक करने के लिए भी इसको पीसकर घाव पर लगाते हैं।
*नागफनी को पीसकर त्वचा पर लगाने से दाद, खुजली आदि चर्म रोगों और चोट के कारण हुई सूजन तथा जलन भी ठीक होते हैं। *यदि फोड़े कच्चे हों और पक न रहे हों तो नागफनी के पत्तों को पीसकर गुनगुना गर्म करके फोड़ों पर लेप कर दें। फोड़े शीघ्र पक कर फूट जाएंगे।
📖 गुरु भक्ति योग 🕯️
एक बहुत बड़ा विचारक था।
वह एक दिन सुबह-सुबह अपने गांव के तेली के घर तेल खरीदने गया था। उसने तेल खरीदा। तब तक तेल तेली तौल रहा था, वह देखता रहा कि उसके पीछे ही तेली का कोल्हू चल रहा था। बैल की आंखों पर पट्टियां बंधी थीं और वह बैल कोल्हू को चला रहा था। कोई चलाने वाला नहीं था। उसने उस तेली को पूछाः कोई चला नहीं रहा है, फिर भी ये बैल चल रहा है, बात क्या है? उस तेली ने बड़े मतलब की बात कही। उसने कहाः देखते नहीं हैं, उसकी आंखें हमने बंद कर रखी हैं। जब आंख बंद होती है तो बैल को पता ही नहीं चलता कि कोई चला रहा है कि नहीं चला रहा है। आंख खुली हो तो बैल पता लगा लेगा कि कोई नहीं चला रहा है, तो वह खड़ा हो जाएगा।
उस विचारक ने पूछाः लेकिन अगर वह खड़ा हो जाए, तो तुम्हें कैसे पता चलेगा? तुम तो पीठ किए बैठे हुए हो। उसने कहाः उसके गले में हमने घंटी बांध रखी है। चलता है घंटी बजती रहती है, जैसे ही घंटी रुकती, हम फिर उसे चला देते हैं। उसे कभी यह खयाल ही नहीं आ पाता कि बीच में चलाने वाला गैर-मौजूद था। उस विचारक ने कहाः लेकिन यह भी तो हो सकता है कि बैल खड़ा हो जाए और सिर हिलाता रहे, घंटी बजती रहे। उस तेली ने कहाः हाथ जोड़ते हैं आपके, कृपा करके यहां से चले जाइए, कहीं बैल ने आपकी बात सुन ली, बड़ी मुश्किल हो जाएगी। आप जाइए, और अगली बार कहीं और से तेल खरीदा करिए। बैल बिचारा सीधा काम कर रहा है, इस तरह की बात सुन ले सब गड़बड़ हो जाए। बैल का मालिक नहीं चाहता है कि विचार बैल तक पहुंच जाए।
दुनिया में कोई मालिक नहीं चाहता है कि विचार मनुष्य तक पहुंच जाए। और मनुष्य को जोता हुआ है, बहुत से, बहुत से कोल्हुओं में उससे काम करवाया जा रहा है। और उसके गले में घंटियां बांध दी गई हैं–जो बज रही हैं, और आदमी है कि आंख बंद किए चला जा रहा है। आंख किस बात से बंद हैं?
आंख विश्वास से बंद हैं। बिलीफ, आदमी की आंख पर बिलीफ की पट्टियां हैं, विश्वास की पट्टियां हैं। तभी तो एक रंग की पट्टी एक आदमी को मुसलमान बना देती है, दूसरे को हिंदू, तीसरे को जैन, चैथे को ईसाई बना देती है। अन्यथा आदमी-आदमी में कोई और फर्क है सिवाय विश्वासों के? एक आदमी और दूसरे आदमी में कोई भेद है, कोई दीवाल है, कोई खाई है उन दोनों के बीच? उनके प्रेम को रोकने वाली कोई दीवाल है? सिर्फ विश्वास के अतिरिक्त और कोई दीवाल नहीं है। मैं मुसलमान हो जाता हूं, आप हिंदू हो जाते हैं।
क्योंकि मुझे बचपन से दूसरे विश्वास का जहर पिलाया गया और आपको दूसरे विश्वास का जहर पिलाया गया। आपकी आंख पर दूसरे ढंग की पट्टियां बांधी गईं, कोई दूसरे कोल्हू में आपको जोता गया, मुझे किसी दूसरे कोल्हू में जोता गया। और चाहे हम किसी भी कोल्हू में जुते हों, एक बात तय है कि हमारी आंखें बंद कर दी गई हैं। हमारी आंख के खुलने के सारे द्वार बंद कर दिए गए हैं, हमारे भीतर खयाल भी पैदा न हो।
और अगर कभी कोई खयाल दिलाने आ जाए तो कोल्हू का मालिक कहता हैः आपके हाथ जोड़ते हैं, आप यहां से जाइए। आपकी बातें अगर बैल ने सुन ली तो बड़ी मुश्किल हो जाएगी! इसलिए दुनिया में जब भी विचार को जन्म देने वाले लोग पैदा हुए तो हमने उनकी हत्या कर दी। हमने उनको सूली पर लटका दिया, या जहर पिला दिया।
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⚜️ हमारे वैदिक सनातन धर्म में हर मास की पूर्णिमा को कोई-न-कोई व्रत-त्यौहार होता ही है। जिनकी कुण्डली में चन्द्रमा की दशा चल रही हो उसे पूर्णिमा के दिन उपवास रखना अर्थात व्रत करना चाहिये। जिनके बच्चे कफ रोगी हों अर्थात सर्दी, जुकाम, खाँसी और निमोनियाँ समय-समय पर होती रहती हो उनकी माँ को वर्षपर्यन्त पूर्णिमा का व्रत करना और चन्द्रोदय के बाद चंद्रार्घ्य देकर व्रत तोड़ना चाहिये।।
पूर्णिमा माता लक्ष्मी को विशेष प्रिय होती है। इसलिये आज के दिन महालक्ष्मी की विधिवत पूजा करने से मनोवान्छित कामनाओं की सिद्धि होती है। पूर्णिमा को शिवलिंग पर शहद, कच्चा दूध, बिल्वपत्र, शमीपत्र, फुल तथा फलादि चढ़ाकर भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से शिव की कृपा सदैव बनी रहती है। पूर्णिमा को शिव पूजन में सफ़ेद चन्दन में केशर घिसकर शिवलिंग पर चढ़ाने से घर के पारिवारिक एवं आन्तरिक कलह और अशान्ति दूर होती है।।


