Today Panchang आज का पंचांग मंगलवार, 13 मई 2025

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
✦••• जय श्री हरि •••✦
🧾 आज का पंचाग 🧾
मंगलवार 13 मई 2025
हनुमान जी का मंत्र : हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट् ।
🌌 दिन (वार) – मंगलवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से उम्र कम होती है। अत: इस दिन बाल और दाढ़ी नहीं कटवाना चाहिए ।
मंगलवार को हनुमान जी की पूजा और व्रत करने से हनुमान जी प्रसन्न होते है। मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा एवं सुन्दर काण्ड का पाठ करना चाहिए।
मंगलवार को यथासंभव मंदिर में हनुमान जी के दर्शन करके उन्हें लाल गुलाब, इत्र अर्पित करके बूंदी / लाल पेड़े या गुड़ चने का प्रशाद चढ़ाएं । हनुमान जी की पूजा से भूत-प्रेत, नज़र की बाधा से बचाव होता है, शत्रु परास्त होते है।
🔮 शुभ हिन्दू नववर्ष 2025 विक्रम संवत : 2082 कालयक्त विक्रम : 1947 नल
🌐 कालयुक्त संवत्सर विक्रम संवत 2082,
✡️ शक संवत 1947 (विश्वावसु संवत्सर), चैत्र
☮️ गुजराती सम्वत : 2081 नल
☸️ काली सम्वत् 5126_
🕉️ संवत्सर (उत्तर) क्रोधी
☣️ आयन – उत्तरायण
☂️ ऋतु – सौर ग्रीष्म ऋतु
☀️ मास – ज्यैष्ठ मास प्रारंभ
🌔 पक्ष – कृष्ण पक्ष
📆 तिथि – मंगलवार ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष प्रतिपदा तिथि 12:36 AM तक उपरांत द्वितीया
🖍️ तिथि स्वामी – प्रतिपदा तिथि के देवता हैं अग्नि। इस तिथि में अग्निदेव की पूजा करने से धन और धान्य की प्राप्ति होती है।
💫 नक्षत्र – नक्षत्र विशाखा 09:09 AM तक उपरांत अनुराधा
🪐 नक्षत्र स्वामी – विशाखा नक्षत्र का स्वामी ग्रह गुरु (बृहस्पति) है।विशाखा नक्षत्र के देवता इंद्र और अग्नि हैं।
⚜️ योग – वरीयान योग 05:52 AM तक, उसके बाद परिघ योग
⚡ प्रथम करण : बालव – 11:32 ए एम तक
✨ द्वितीय करण : कौलव – 12:35 ए एम, मई 14 तक तैतिल
🔥 गुलिक काल : मंगलवार का गुलिक दोपहर 12:06 से 01:26 बजे तक।
🤖 राहुकाल (अशुभ) – दोपहर 15:19 बजे से 16:41 बजे तक। राहु काल में शुभ कार्य करना वर्जित माना गया है।
⚜️ दिशाशूल – मंगलवार को उत्तर दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिये, यदि अत्यावश्यक हो तो कोई गुड़ खाकर यात्रा कर सकते है।
🌞 सूर्योदयः- प्रातः 05:25:00
🌅 सूर्यास्तः- सायं 06:35:00
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 04:08 ए एम से 04:50 ए एम
🌆 प्रातः सन्ध्या : 04:29 ए एम से 05:31 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 11:51 ए एम से 12:45 पी एम
✡️ विजय मुहूर्त : 02:33 पी एम से 03:27 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 07:02 पी एम से 07:23 पी एम
🌃 सायाह्न सन्ध्या : 07:04 पी एम से 08:06 पी एम
💧 अमृत काल : 12:14 ए एम, मई 14 से 02:01 ए एम, मई 14
🗣️ निशिता मुहूर्त : 11:56 पी एम से 12:38 ए एम, मई 14
🚓 यात्रा शकुन-दलिया का सेवन कर यात्रा पर निकलें।
👉🏼 आज का मंत्र-ॐ अं अंगारकाय नम:।
💁🏻 आज का उपाय-हनुमान मंदिर में पंचमुखा दीपक प्रज्जवलित करें।
🪵 वनस्पति तंत्र उपाय- खैर के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार : ज्यैष्ठ मांस प्रारंभ/नारद जयंती/ अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस, अंतर्राष्ट्रीय हम्मस दिवस, सुकांत भट्टाचार्य स्मृति दिवस, अभिनेता मेघा गुप्ता जन्म दिवस, विश्व प्रवासी पक्षी दिवस, स्वतंत्रता सेनानी मथुरा प्रसाद मिश्र वैद्य जन्म दिवस, राष्ट्रीय एकता दिवस, मदर्स डे, फेयर ट्रेड डे, नेशनल एप्पल पाई डे, भारत ने राजस्थान के पोखरण में 2 परमाणु परीक्षण दिवस, सीता माता प्राकट्योत्सव दिवस, स्वतंत्र भारत की पहली संसद का सत्र शुरवाती दिवस, अंतर्राष्ट्रीय हम्मस दिवस (International Hummus Day), संयुक्त राष्ट्र वैश्विक सड़क सुरक्षा सप्ताह (12 से 16 मई)
✍🏼 तिथि विशेष – प्रतिपदा तिथि को कद्दू एवं कूष्माण्ड का दान एवं भक्षण दोनों ही त्याज्य बताया गया है। प्रतिपदा तिथि वृद्धि देनेवाली अर्थात किसी भी कार्य को अथवा कार्यक्षेत्र को बढ़ाने वाली तिथि मानी जाती है। साथ ही प्रतिपदा तिथि सिद्धिप्रद अर्थात कोई भी कार्य को निर्विघ्नता पूर्वक चरम तक पहुंचाने अर्थात सिद्धि तक पहुंचाने वाली तिथि भी मानी जाती है। इस प्रतिपदा तिथि के स्वामी अग्नि देवता को बताया गया है। यह प्रतिपदा तिथि नन्दा नाम से विख्यात मानी जाती है।।
🗼 Vastu tips 🗽
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में सीढ़ियां ऐसी होनी चाहिए कि सीढ़ी चढ़ते समय हमारा मुख पश्चिम या उत्तर दिशा की तरफ हो. साथ ही ध्यान रखें कि घर में सीढ़ियां हमेशा दक्षिण, पश्चिम या फिर दक्षिण-पश्चिम यानी नैऋत्य कोण में होनी चाहिए. इस दिशा में सीढ़ियां होना बहुत शुभ माना जाता है और घर के सदस्यों की भी प्रगति होती है.
अगर घर में तोड़-फोड़ संभव नहीं है और सीढ़ियां भी गलत दिशा में हैं तो वास्तु शास्त्र में भी इसका उपाय बताया गया है. आप सीढ़ियों पर स्टोन पिरामिड रख सकते हैं, यह आपके वास्तु दोष को दूर करता है. स्टोन पिरामिड घर की सभी तरह की नेगेटिव एनर्जी को दूर कर पॉजिटिव एनर्जी को बढ़ावा देता है.
🔐 जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
चवन्नी घास, जिसे दूर्वा घास या धूप घास के नाम से भी जाना जाता है, एक औषधीय पौधा है जिसके बहुत सारे लाभ हैं:
इसमें विटामिन ए, विटामिन सी और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं।
इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो शरीर की सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
इसमें एंटी-वायरल और एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं जो विभिन्न प्रकार के संक्रमणों से लड़ने में मदद करते हैं।
यह पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है और अपच जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है।
यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
सुबह-शाम नंगे पैर इस घास पर चलने से आंखों की रोशनी बेहतर हो सकती है।
यह हृदय के लिए भी फायदेमंद माना जाता है।
इसके पत्तों को चंदन के पेस्ट के साथ मिलाकर लगाने से पिंपल्स और काले धब्बे दूर हो सकते हैं।
इसके रस से गरारे करने से मुंह के छाले ठीक हो सकते हैं।
इसके रस को नाक में डालने से खून बहना बंद हो सकता है।
🩸 आरोग्य संजीवनी 💊
क्या अकेले मीठा खाना काफी है?
कुछ मान्यताओं के अनुसार, सिर्फ मीठा खाना ही नहीं, उसके साथ पानी पीना भी ज़रूरी होता है. कहा जाता है कि यह मिलकर शुभ फल देते हैं. पानी शरीर को ठंडक देता है और मन को संतुलन में रखता है. जब आप बाहर गर्मी या तनाव में निकलते हैं, तो पानी शरीर को तरोताज़ा रखता है और मन को शांत करता है. इसलिए कहा जाता है कि मीठे के साथ थोड़ा पानी पी लेना और भी बेहतर होता है.
ज्योतिष में क्या है इसका मतलब?
ज्योतिष की भाषा में देखें तो मीठा और जल दोनों ही कुछ खास ग्रहों से जुड़े होते हैं. जैसे चंद्रमा मन और शांति से जुड़ा होता है, वहीं बृहस्पति मिठास और शुभता का प्रतीक होता है. शुक्र को भी सुंदरता और स्वाद का ग्रह माना गया है.
ऐसा कहा जाता है कि जब इंसान कुछ मीठा खाता है, तो वह बृहस्पति और शुक्र दोनों को मजबूत करता है. वहीं पानी पीने से चंद्रमा शांत होता है और राहु जैसे ग्रहों का असर कम होता है. कई बार यह भी कहा जाता है कि मीठा और जल दोनों मिलकर मानसिक संतुलन और सकारात्मक सोच को बढ़ाते हैं.
🌷 गुरु भक्ति योग 🌹
हिंदू धर्म में तुलसी का बेहद खास महत्व है. तुलसी को साक्षात माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है. मान्यता है कि जो जातक तुलसी की पूजा करते हैं, उनके घर में कभी पैसों की कमी नहीं होती. साथ ही घर में सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है. हालांकि, माह के अनुसार तुलसी पूजा का विधान भी बदलता है. वैशाख माह खत्म होने को है और इसी के बाद ज्येष्ठ माह की शुरुआत होगी. इस महीने में भीषण गर्मी के कारण तुलसी सूख जाती हैं. ऐसे में उनके पूजन का विधान भी बदल जाता है. आचार्य ने बताया कि जेठ में तुलसी पूजन से कैसे लक्ष्मी की कृपा पाई जा सकती है.
आचार्य श्री गोपी राम ने बताया कि 12 मई को वैशाख पूर्णिमा है. इसके साथ ही 13 मई से जेठ महीने की शुरुआत होने जा रही है. हिंदू पंचांग के अनुसार, जेठ सबसे बड़ा महीना है. इस महीने में गंगा दशहरा, वट सावित्री व्रत और बड़ा मंगला जैसे प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं. वहीं, जेठ महीने में तुलसी पूजन का भी विशेष महत्व है. क्योंकि, इस महीने में तुलसी का पेड़ सूख जाता है. उस सूखे पेड़ की जड़ से कुछ खास उपाय कर सकते हैं. इससे माता लक्ष्मी बेहद प्रसन्न होंगी और घर में हमेशा धन की वर्षा करेंगी.
जेठ माह में ऐसे करें पूजा आचार्य श्री गोपी राम बताते हैं कि जेठ महीने में हर रोज तुलसी के पौधे में जल अर्पण अवश्य करना चाहिए. उस जल में दूध मिला लें. लाल चुनरी अवश्य अर्पण करें. साथ ही, हर संध्या का दीपक तुलसी पेड़ के नीचे जरूर जलाएं. इससे माता लक्ष्मी बेहद प्रसन्न होती हैं. घर में सुख-समृद्धि का वास होता है. वहीं, जेठ महीने में अगर तुलसी के पेड़ सूख जाते हैं तो उसकी जड़ को एक पीले कपड़े में बांधकर अपने घर के मुख्य द्वार पर लटका दें. इससे हमेशा घर में लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी.
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⚜️ प्रतिपदा तिथि शुक्ल पक्ष में अशुभ फलदायिनी मानी जाती है। आज प्रतिपदा तिथि को अग्निदेव से धन प्राप्ति के लिए एक अत्यंत ही प्रभावी उपाय कर सकते हैं। आज प्रतिपदा तिथि को इस अनुष्ठान से अग्निदेव से अद्भुत तेज प्राप्त करने के लिए भी आज का यह उपाय कर सकते हैं। साथ ही आज किसी विशिष्ट मनोकामना की पूर्ति भी इस अनुष्ठान के माध्यम से अग्निदेव से करवायी जा सकती हैं। इसके लिए आज अग्नि घर पर ही प्रज्ज्वलित करके गाय के शुद्ध देशी घी से (ॐ अग्नये नम: स्वाहा) इस मन्त्र से हवन करना चाहिये।।