Today Panchang आज का पंचांग बुधवार, 11 दिसम्बर 2024
आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला मुख्यालय हरियाणा मो. 9812224501
जय श्री हरि
🧾 आज का पंचांग 🧾
बुधवार 11 दिसम्बर 2024
11 दिसम्बर 2024 दिन बुधवार को मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है। आज सभी वैष्णव भक्तों एवं स्मार्त भक्तों के लिए मोक्षदा एकादशी का व्रत है। आज गीता जयन्ती का परम पावन व्रत भी है। आज की एकादशी को ही दक्षिण भारत में वैकुण्ठ एकादशी के रूप में मनाया जाता है। जैन लोग इसी एकादशी को मौन एकादशी के रूप में मानते हैं। परन्तु आज अखिल भूमण्डल पर गीता ज्ञान को विस्तारित करने का संकल्प लेने का दिन भी है। हम सभी को चाहिए कि अपने जीवन के कुछ पल निकालकर ब्रह्माण्ड के गूढ़ ज्ञान से परिपूर्ण गीता ग्रन्थ को लोगों में प्रसारित करें। आप सभी सनातनियों को “गीता जयन्ती एवं वैकुण्ठ एकादशी व्रत” की हार्दिक शुभकामनायें।।
ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात ।।
☄️ दिन (वार) – बुधवार के दिन तेल का मर्दन करने से अर्थात तेल लगाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है धन लाभ मिलता है।
बुधवार का दिन विघ्नहर्ता गणेश का दिन हैं। बुधवार के दिन गणेश जी के परिवार के सदस्यों का नाम लेने से जीवन में शुभता आती है।
बुधवार के दिन गणेश जी को रोली का तिलक लगाकर, दूर्वा अर्पित करके लड्डुओं का भोग लगाकर उनकी की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
🌐 संवत्सर क्रोधी
📖 संवत्सर (उत्तर) कालयुक्त
🧾 विक्रम संवत 2081 विक्रम संवत
🔮 गुजराती संवत 2080 विक्रम संवत
☸️ शक संवत 1946 शक संवत
☪️ कलि संवत 5125 कलि संवत
🕉️ शिवराज शक 351
☣️ आयन – दक्षिणायन
☀️ ऋतु – सौर हेमंत ऋतु
🌤️ मास – मार्गशीर्ष मास
🌖 पक्ष – शुक्ल पक्ष
📆 तिथि – बुधवार मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि 01:09 AM तक उपरांत द्वादशी
📝 तिथि स्वामी – एकादशी के देवता हैं विश्वेदेवगणों और विष्णु। इस तिथि को विश्वेदेवों पूजा करने से संतान, धन-धान्य और भूमि आदि की प्राप्ति होती है।
💫 नक्षत्र – नक्षत्र रेवती 11:48 AM तक उपरांत अश्विनी
🪐 नक्षत्र स्वामी – रेवती नक्षत्र के स्वामी ग्रह बुध हैं.रेवती नक्षत्र के देवता पूषा हैं। इस नक्षत्र के प्रथम चरण के स्वामी गुरु हैं।
⚜️ योग – वरीयान योग 06:47 PM तक, उसके बाद परिघ योग
⚡ प्रथम करण : वणिज – 02:27 पी एम तक
✨ द्वितीय करण : विष्टि – 01:09 ए एम, दिसम्बर 12 तक बव
🔥 गुलिक काल : – बुधवार को शुभ गुलिक 10:30 से 12 बजे तक ।
⚜️ दिशाशूल – बुधवार को उत्तर दिशा में दिशा शूल होता है ।इस दिन कार्यों में सफलता के लिए घर से सुखा / हरा धनिया या तिल खाकर जाएँ ।
🤖 राहुकाल : – बुधवार को राहुकाल दिन 12:00 से 1:30 तक । राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |
🌞 सूर्योदयः – प्रातः 06:46 :00
🌅 सूर्यास्तः – सायं 05:14:00
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 05:15 ए एम से 06:09 ए एम
🌇 प्रातः सन्ध्या : 05:42 ए एम से 07:04 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : कोई नहीं
✡️ विजय मुहूर्त : 01:58 पी एम से 02:39 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 05:22 पी एम से 05:50 पी एम
🏙️ सायाह्न सन्ध्या : 05:25 पी एम से 06:47 पी एम
💧 अमृत काल : 09:34 ए एम से 11:03 ए एम 03:15 ए एम, दिसम्बर 12 से 04:43 ए एम, दिसम्बर 12
🗣️ निशिता मुहूर्त : 11:48 पी एम से 12:42 ए एम, दिसम्बर 12
❄️ रवि योग : 07:04 ए एम से 11:48 ए एम
🚓 यात्रा शकुन-गणेश जी को 108 दूर्वांकुर की माला चढ़ाएं।
👉🏼 आज का मंत्र-ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:।
💁🏻♀️ आज का उपाय-किसी बटुक को हरे फल भेंट करें।
🪵 वनस्पति तंत्र उपाय-अपामार्ग के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – मोक्षदा एकादशी व्रत ( स्मार्त/ वैष्णव)/ वैकुण्ठ एकादशी/ श्री गीता जयन्ती/ मौनी एकादशी (जैन)/ पंचक समाप्त 11.48 तक/ तमिल कवि सुब्रह्मण्य भारती जन्म दिवस, भारतीय उद्योगपति वेणु श्रीनिवासन जन्म दिवस, भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी जयन्ती, रघुनाथराव पेशवा स्मृति दिवस, अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस, संगीतकार आनंद शंकर जयन्ती, अभिनेता दिलीप कुमार जन्म दिवस, भूतपूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त नागेन्द्र सिंह पुण्य तिथि, जगत नारायण मुल्ला स्मृति दिवस, हवाई सुरक्षा दिवस (सप्ताह), यूनीसेफ़ दिवस (विश्व बालकोष दिवस), अखिल भारतीय हस्तशिल्प सप्ताह (08-14 दिसम्बर)
✍🏼 विशेष – एकादशी तिथि को चावल एवं दाल नहीं खाना चाहिये तथा द्वादशी को मसूर नहीं खाना चाहिये। यह इस तिथि में त्याज्य बताया गया है। एकादशी को चावल न खाने अथवा रोटी खाने से व्रत का आधा फल सहज ही प्राप्त हो जाता है। एकादशी तिथि एक आनन्द प्रदायिनी और शुभफलदायिनी तिथि मानी जाती है। एकादशी को सूर्योदय से पहले स्नान के जल में आँवला या आँवले का रस डालकर स्नान करना चाहिये। इससे पुण्यों कि वृद्धि, पापों का क्षय एवं भगवान नारायण के कृपा कि प्राप्ति होती है।
🏘️ _Vastu tips 🏘️
घर में नकारात्मकता होने पर मिलते हैं ऐसे संकेत
आपके जीवन में नकारात्मकता तभी आती है जब आपके घर में किसी तरह का वास्तु दोष होता है, या फिर आपकी दिनचर्या अव्यवस्थित होती है और आपको गलत रास्तों पर चलते हैं। इन दोनों ही स्थितियों में आपको घर में प्रवेश करते ही कुछ नकारात्मक चीजों का अहसास हो सकता है। इनके बारे में नीचे बताया गया है।
अगर घर में प्रवेश करते ही आपको किसी तरह की दुर्गंध का अनुभव होता है, और ऐसा आपको एक बार नहीं बार-बार होता है, तो समझ जाइए किसी तरह की नकारात्मक शक्ति आपके घर में है। घर में वास्तु दोष होने पर भी इस तरह का संकेत आपको मिल सकता है।
घर में प्रवेश करते ही अगर आपको डर महसूस होता है, तो ये भी अच्छा संकेत नहीं माना जाता। इसकी वजह भी घर में मौजूद नकारात्मकता हो सकती है। ऐसी स्थिति में आपको तुरंत किसी वास्तु विशेषज्ञ को संपर्क करना चाहिए।
जिन लोगों के घर में नकारात्मकता होती है उनके घर में बार-बार चमकादड़ आ सकते हैं। इसलिए इस बात को गलती से भी अनदेखा न करें।
♻️ जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
नमक के पानी से मुंह धोने के कुछ मुख्य फायदे निम्नलिखित हैं
मुँह के छालों में राहत। नमक का पानी मुँह के छालों को तेजी से ठीक करने में मदद करता है और दर्द को कम करता है
मसूड़ों की सूजन कम होती है। नमक के पानी से कुल्ला करने से मसूड़ों की सूजन और दर्द में आराम मिलता है
दांतों की सड़न से बचाव। यह दांतों पर जमी गंदगी और बैक्टीरिया को कम करके दांतों की सड़न रोकने में मदद करता है
बैक्टीरिया को खत्म करता है।नमक का पानी एंटीसेप्टिक की तरह काम करता है, जिससे मुँह के बैक्टीरिया को खत्म किया जा सकता है
सांसों की बदबू कम होती है। नमक के पानी से कुल्ला करने से मुंह की दुर्गंध को कम किया जा सकता है।
थ्रोट इन्फेक्शन से राहत*: गले के संक्रमण में नमक का पानी गले की खराश को कम करने में सहायक होता है।
🥝 *आरोग्य संजीवनी* 🍓
इलायची के 5 जबरदस्त फायदे?
इलायची को गर्म पानी के साथ खाएंय इससे नींद आएगी और खर्राटे की समस्या भी दूर हो जाएगी.
इलायची का सेवन से गैस, ऐसिडिटी, कब्ज, पेट में ऐंठन की समस्या को दूर किया जा सकता है.
इलायची का नियमित सेवन करने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को माद दी जा सकती है.
इलायची में एंटी इंफेलेमेंटरी तत्व मुंह का कैंसर, त्वचा के कैंसर से लड़ने में कारगर होते हैं.
बढ़ते वजन और मोटापे से परेशान रहते हैं, तो ऐसे में अपनी डाइट में इलायची को जरुर शामिल करें. इसमें मौजूद पौषक तत्व तेजी से वजन घटाने में मदद करती है.
🌷 गुरु भक्ति योग 🌳
सनातन धर्म में तुलसी के पौधे को पवित्र पौधों में से एक माना जाता है आचार्य श्री गोपी राम के अनुसार जिस घर में तुलसी का पौधा होता है वहां का वातावरण हमेशा सकारात्मक बना रहता है जिससे घर में कभी भी सुख समृद्धि की कमी नहीं होती है घर में तुलसी का पौधा लगाकर विद्वत पूजा करने से मां लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है
कई बार बदलते मौसम या फिर ठीक ढंग से रखरखाव ना हो पाने के कारण तुलसी सूख जाती है ऐसे ही आमतौर पर जब तुलसी का पौधा सूख जाता है तो उसे हटाकर उस गमले में नया पौधा लगा देते हैं एवं उस सूखे तुलसी के पौधे को जल में प्रभावित कर देते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि सूखी तुलसी का प्रयोग करके भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को प्रसन्न कर सकते हैं तो दोस्तों आज जो प्रयोग मैं आपको बताने जा रहा हूं बहुत ही साधारण और उत्तम प्रयोग है इस प्रयोग से आपका घर धन धान से हमेशा भरा रहेगा माता लक्ष्मी और विष्णु जी की हमेशा कृपा बनी रहेगी
दोस्तों गुरुवार के दिन आपको सूखी तुलसी की सात लकड़ी ले लेना है जिनकी लंबाई चार या 5 इंच हो फिर इनको एक पीले धागे में बांध लेना है फिर आपको अपने पूजा घर के सामने एक आसन पर बैठ जाना है और देसी घी का दीपक जला लेना है फिर इन सूखी लकड़ी को दीपक के ऊपर यह मंत्र बोलते हुए क्लॉक वाइज घुमाना है ओम सर्व पूज्य महादेवी नमस्ते तुलसी हरि प्रिय ऐसा आपको सात बार करना है यह क्रिया सात बार करने के बाद इन लकड़ी को पीले कपड़े में लपेटकर पीले धागे से बांधकर अपने पूजा घर में रख देना है
जिससे रोज इनको धूप दीप मिलता रहे यकीन मानिए दोस्तों मात्र इतना करने से ही भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा हमेशा आपके परिवार पर बनी रहेगी आपका घर धन धान से भरा रहेगा
सीता राम धन्यवाद
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⚜️ एकादशी तिथि के देवता विश्वदेव होते हैं। नन्दा नाम से विख्यात यह तिथि शुक्ल पक्ष में शुभ तथा कृष्ण पक्ष में अशुभ फलदायिनी मानी जाती है। एकादशी तिथि एक आनंद प्रदायिनी और शुभ फलदायी तिथि मानी जाती है। इसलिये आज दक्षिणावर्ती शंख के जल से भगवान नारायण का पुरुषसूक्त से अभिषेक करने से माँ लक्ष्मी प्रशन्न होती है एवं नारायण कि भी पूर्ण कृपा प्राप्त होती है।
एकादशी तिथि को जिस व्यक्ति का जन्म होता है वो धार्मिक तथा सौभाग्यशाली होता है। मन, बुद्धि और हृदय से ऐसे लोग पवित्र होते हैं। इनकी बुद्धि तीक्ष्ण होती और लोगों में बुद्धिमानी के लिए जाने जाते है। इनकी संतान गुणवान और अच्छे संस्कारों वाली होती है, इन्हें अपने बच्चों से सुख एवं सहयोग भी प्राप्त होता है। समाज के प्रतिष्ठित लोगों से इन्हें मान सम्मान मिलता है।