मध्य प्रदेश

राशन दुकानों से दो माह का वितरण हुआ, उलझन में पड़े गरीब हितग्राही राशन दुकानों के चक्कर काटने के लिए मजबूर

कोरोना कॉल में राज्य का तीन माह का और केन्द्र सरकार का 2 माह का निःशुल्क राशन आवंटन,

फिर भी कहीं कही दो माह का ही हुआ वितरण।कोरोना काल में राशन के लिए आवेदन करने वाले कृषक सेवा सहकारी समितियों से नहीं मिल रहा राशन

रिपोर्टर : शिवलाल यादव, रायसेन।

रायसेन। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में काम धंधों से दूर गरीब परिवारों  को निःशुल्क गेंहू, चावल उपलब्ध हो। इसके लिए राज्य सरकार के साथ ही केन्द्र सरकार ने भी गरीबों की मदद के लिए दोनों हाथ खोल दिए। प्रदेश सरकार का तीन-तीन महीनों का अनाज अप्रैल माह में वितरित कराए जाने के निर्देश जारी किए थे। यह आदेश मई-जून में कराने के निर्देश दिए गए थे। जिसका राशन दुकानों में आवंटन भी लगभग पूरा हो चुका है। बावजूद इसके अभी भी हितग्रहियों को राशन वितरण पूरा नसीब नहीं हो सका है। दरअसल रायसेन शहर सहित ग्रामीण इलाकों में  कई जगहों पर शुरुआती दौर में  कहीं से दो माह का तो कहीं एक महीने का ही राशन बांटे जाने की शिकायतें आईं थीं।जबकि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का राशन अब तक ज्यादातर गरीबों को नहीं मिल सका है। ऐसी स्थिति में उपभोक्ता राशन दुकानों के चक्कर काटते हुए नजर आ रहे हैं।खाद्य निरीक्षक संदीप मालवीय का कहना है कि जिले भर में 444 राशन दुकानें हैं। जिन पर 52 फीसदी राशन वितरण किया जा चुका है। इन राशन दुकानों को राज्य की खाद्यन्न वितरण योजना के तहत एक साथ तीन महीनों अप्रैल, मई और जून का राशन आवंटन जारी किया गया था।

कई राशन दुकानों में सिर्फ दो माह का मुफ्त बांटने की शिकायतें….

आमतौर पर वितरित होने वाले राशन के अलावा इस बार अतिरिक्त राशन आवंटन भी राशन दुकानों में किया गया है। जिससे कि उन गरीब पात्र हितग्राहियों को फायदा पहुंचाया जा सके। जो हितग्राही के नये नाम जुड़े हैं।वहीं राशन दुकान संचालकों की मनमानी के चलते ऐसे किसी भी हितग्राही को लाभ नहीं दिया गया।जबकि गांव गांव से इस तरह की शिकायतें मिल रही हैं।रायसेन जिले में लगभग सवा 2 लाख गरीब उपभोक्ताओं को  राशन कोटा आवंटन कर दिया गया है। जो कि सभी सेवा सहकारी समितियों, राशन दुकानों में किया जा चुका है। इस लिहाज से प्रति सदस्य पहले 3 माह बाद में 2 माह का राशन वितरण किया जा रहा है। लेकिन अभी तक राशन जिले की अधिकांश राशन दुकानों का तीन महीने के अनाज के उठाव के बाद भी शुरुआती 3 महीनों  का भी सही तरीके से राशन वितरण नहीं किया जा रहा है। जबकि एक जून से प्रधानमंत्री गरीब  कल्याण योजना में 2 महीनों का राशन वितरण हो जाना चाहिए था। ऐसे में गरीब हितग्राही असमंजस्य में है। इन राशन दुकानों से मिलने वाले राशन कोटा आखिर किस महीने का था। ग्रामीण अंचलों में सर्वाधिक इस मामले की शिकायत जिला खाद्य विभाग पहुंच रही हैं।   बताया जा रहा है कि गरीब हितग्राहियों का दो महीने तक फ्री राशन वितरित करने के बजाय तीन महीने के रजिस्टर में चढ़ा दिया गया है। सांचेत, भादनेर, नरवर, नकतरा, दीवानगंज, खरबई, बीदपुरा पगनेश्वर आदि गांव में बजाय 3 महीनों का राशन वितरित करने की बजाय सिर्फ 2 माह का राशन रजिस्टर में दर्ज कर दिया है।इन राशन दुकानों में राशन की हेराफेरी कर कालाबाजारी की शिकायतें मिल रही हैं। मामले की लगातार शिकायतें मिलने के बाद स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी ने कुछ नेताओं ने इन क्षेत्रों में पहुंचकर राशन की हेराफेरी को रोकने निगरानी रख गरीब हितग्राहियों को वितरित कराया था।

कई राशन दुकानों पर शुरू नहीं हुआ जून का आवंटन…..

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत मई और जून महीने का अतिरिक्त निःशुल्क गेंहू वितरण विभागीय अधिकारियों ने  1 जून से आदेश दिए गए थे। लेकिन पता चला है कि अभी तक राशन दुकानों पर जून महीने का राशन वितरण की शुरआत नहीं की जा सकी है। जिले में अभी तक 12 हजार किवंटल राशन का वितरणन हीं हो रहा है। ऐसे में स्पष्ट होता है कि राशन का वितरण पूरी ईमानदारी से कर रहे थे।इसके अलावा कुछ ग्राम पंचायतों में तीन माह की जगह दो दो महीनों का राशन आवंटन की शिकायतें आई है।कुछ मामलों की शिकायतें सीएम हेल्पलाइन तो कुछ शिकायत कलेक्टर उमाशंकर भार्गव से की है।राशन उपभोक्ता काट रहे दुकानों के चक्कर…..राशन के गरीब हितग्राहियों को कोरोना काल के दौरान ऐसे गरीब पात्र हितग्राहियों को भी शामिल किया गया था। जिन्हें राशन की जरूरत है। इसी तरह के लगभग 130 आवेदन नगर पालिका परिषद और 168 आवेदन जिला खाद्य विभाग में पहुंचे थे।लेकिन ऐसे अधिकांश लोगों को इस योजना का लाभ नहीं मिला है।नगर पालिका सूत्रों के मुताबिक सभी अर्जियों को भोपाल भेज दिया गया है।जहां से वेरिफाइ होने के बाद खाद्यान्न पर्ची बनती है। कुछ आवेदकों के आवेदन रिजेक्ट भी हुए हैं। जबकि जरूरतमंदों को पर्ची देने के बाद भी राशन मुहैया नहीं कराया गया है।कारण पूछने पर सेल्समैन और राशन डीलर बोल रहे हैं कि पीओएस मशीनों में इनके नाम अपडेट नहीं है। इसकी वजह से उनको राशन नहीं दिया जा सकता है। इसी कारण गरीब मजदूर हितग्रहियों को राशन दुकान, नगर पालिका परिषद रायसेन और जिला खाद्य विभाग के चक्कर काटने के लिए मजबूर हैं।       

इस संबंध में संदीप भार्गव खाद्य निरीक्षक का कहना है कि राशन दुकानों में राज्य सरकार के तीन माह केंद्र सरकार के दो महीनों का मुफ्त खाद्यन्न का कोटा आवंटित किया जा चुका है। थोड़ा बाकी है उसका उठाव प्रक्रिया जारी है। जिन राशन दुकानों की राशन वितरण में शिकायतें आ रही हैं उनकी जांच पड़ताल कर दोषियों पर नियम अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाएगी।

Related Articles

Back to top button