बारातों में नाबालिगों से कराई जा रही है मजदूरी, उठवाए जा रहें हैं इलेक्ट्रिक गमला व बैंड बाजे

सिलवानी। शादी विवाह शुरू होते ही बारातों का दौर शुरू हो गया है। लेकिन बारातों में इलेक्ट्रिक गमला उठाने व बैंड बाजे पर जाने के लिए बैंड संचालकों द्वारा बाल मजदूरी कराई जा रही है। स्थिति यह है कि नाबालिग मासूम सिर पर लाइट के गमले रखकर मजदूरी कर रहे है। यह सिलसिला गांव में ही नहीं बल्कि नगर की चकाचौंध शादियों में नाबालिग मजदूरी करते देखे जा सकते हैं। खासबात यह है कि बच्चे स्कूल जाने की वजह मजदूरी कर रहे हैं। लेकिन गरीबी और महंगाई के चलते जिम्मेदारियों अपेक्षाओं के बोझ तले दबकर यह मासूम अपनी जीवन नहीं जी पा रहे हैं। गरीबी के शिकार बच्चे अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए होटलों और दुकानों के अलावा अन्य काम करने में ही अपना हंसता खेलता बचपन कब गंवा देते हैं। यह उन्हें भी पता नहीं चलता अब सवाल तो यह हैं कि पेन कागज पकड़ने वाले हाथों और कंधों में जिम्मेदारियों का भारी भरकम बोझ मासूमों को उनका बचपन कब मिलेगा या फिर ऐसे ही होगी देश के भविष्य की तस्वीर।