आज का पंचांग आज का पंचांग सोमवार, 11 मार्च 2024

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला मुख्यालय हरियाणा मो. 9812224501
✦••• जय श्री हरि •••✦
🧾 आज का पंचाग 🧾
सोमवार 11 मार्च 2024
11 मार्च 2024 दिन सोमवार को फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। आज से बुध देवता पश्चिम दिशा में उदित हो रहे हैं। आज से पयोव्रत नामक व्रत का आरम्भ किया जाता है। श्रीमदभागवत महापुराण में वर्णित यह व्रत अद्भुत प्रभाव से संपन्न संतान प्राप्ति करवाने वाला व्रत माना जाता है। संतान प्राप्ति की इच्छा रखनेवाले स्त्री-पुरुषों के लिए शास्त्रों में पयोव्रत करने का विधान बताया गया है। यह भगवान को संतुष्ट करके पुत्र प्रदान करनेवाला व्रत माना जाता है। इसका नाम “सर्वयज्ञ एवं सर्वव्रत” भी है। यह फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष में किया जाता है। भागवत के अनुसार यह पयोव्रत बारह दिनों का व्रत होता है, जिसे सिर्फ दूध पीकर ही किया जाता है। इसका विस्तृत वर्णन श्रीमद्भागवत के अष्टम स्कन्ध के (16-23) अध्यायों में वर्णित है।।
महा मृत्युंजय मंत्र – ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।
☄️ दिन (वार) – सोमवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से पुत्र का अनिष्ट होता है शिवभक्ति को भी हानि पहुँचती है अत: सोमवार को ना तो बाल और ना ही दाढ़ी कटवाएं ।
सोमवार के दिन भगवान शंकर की आराधना, अभिषेक करने से चन्द्रमा मजबूत होता है, काल सर्प दोष दूर होता है।
सोमवार का व्रत रखने से मनचाहा जीवन साथी मिलता है, वैवाहिक जीवन में लम्बा और सुखमय होता है।
जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए हर सोमवार को शिवलिंग पर पंचामृत या मीठा कच्चा दूध एवं काले तिल चढ़ाएं, इससे भगवान महादेव की कृपा बनी रहती है परिवार से रोग दूर रहते है।
सोमवार के दिन शिव पुराण के अचूक मन्त्र “श्री शिवाये नमस्तुभ्यम’ का अधिक से अधिक जाप करने से समस्त कष्ट दूर होते है. निश्चित ही मनवाँछित लाभ मिलता है।
🔮 शुभ हिन्दू नववर्ष 2023 विक्रम संवत : 2080 नल, शक संवत : 1945 शोभन
🌐 संवत्सर नाम अनला
🔯 शक सम्वत : 1945 (शोभकृत् संवत्सर)
☸️ काली सम्वत् 5124
🕉️ संवत्सर (उत्तर) पिंगल
☣️ आयन – उत्तरायण
☀️ ऋतु – सौर बसन्त ऋतु
🌤️ मास – फाल्गुन मास
🌘 पक्ष – शुक्ल पक्ष
📆 तिथि – सोमवार फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि 10:45 AM तक उपरांत द्वितीया
🖍️ तिथि स्वामी – प्रतिपदा तिथि के देवता हैं अग्नि। इस तिथि में अग्निदेव की पूजा करने से धन और धान्य की प्राप्ति होती है।
💫 नक्षत्र – नक्षत्र उत्तरभाद्रपदा 11:02 PM तक उपरांत रेवती
🪐 नक्षत्र स्वामी – उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के स्वामी शनिदेव हैं। तथा स्वामी देवताओं के गुरु बृहस्पति देव हैं।
🔕 योग – शुभ योग 11:57 AM तक, उसके बाद शुक्ल योग
⚡ प्रथम करण : बव – 10:44 ए एम तक
✨ द्वितीय करण : बालव – 08:56 पी एम तक कौलव
🔥 सोमवार का शुभ गुलिक कालः-शुभ गुलिक काल 01:42:00 P.M से 02:59:00 P.M बजे तक
⚜️ दिशाशूलः- आज के दिन पूर्व दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए यदि यात्रा करना ज्यादा आवश्यक हो तो घर से दर्पण देखकर या दूध पीकर जायें।
🤖 राहुकालः- आज का राहु काल 08:31:00 A.M से 09:49:00 A.M बजे तक
🌞 सूर्योदयः- प्रातः 06:08:00
🌅 सूर्यास्तः- सायं 05:52:00
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 04:58 ए एम से 05:46 ए एम
🌇 प्रातः सन्ध्या : 05:22 ए एम से 06:35 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 12:07 पी एम से 12:55 पी एम
🔯 विजय मुहूर्त : 02:30 पी एम से 03:17 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 06:25 पी एम से 06:49 पी एम
🏙️ सायाह्न सन्ध्या : 06:27 पी एम से 07:40 पी एम
💧 अमृत काल : 06:49 पी एम से 08:13 पी एम
🗣️ निशिता मुहूर्त : 12:06 ए एम, मार्च 12 से 12:55 ए एम, मार्च 12
🚓 यात्रा शकुन-मीठा दूध पीकर यात्रा करें।
👉🏽 आज का मंत्र-ॐ सौं सौमाय नम:।
🤷🏻 आज का उपाय-मंदिर में सवाकिलो मखाने चढ़ाएं।
🪵 वनस्पति तंत्र उपाय- पलाश के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – मूल प्रारंभ/चंद्रदर्शन शौर्य दिवस, पृथ्वीराज चौहान पुण्य तिथि, विश्व प्लंबिंग दिवस, राष्ट्रीय स्वप्न दिवस, राष्ट्रीय अपनी नाक धोने का दिन, राष्ट्रीय ओटमील नट वफ़ल दिवस, हमारे स्टेपलर दिवस, राष्ट्रीय दिवसों और प्राकृतिक आपदाओं से चिह्नित दिवस, छत्रपति संभाजी राजे भोसले स्मृति दिवस, क्रिकेट विश्व कप का उद्घाटन दिवस, अंडमान-निकोबार दिवस, राष्ट्रीय पोषण माह (1 से 31 मार्च)
✍🏼 विशेष – प्रतिपदा तिथि को कद्दू एवं कूष्माण्ड का दान एवं भक्षण दोनों ही त्याज्य बताया गया है। प्रतिपदा तिथि वृद्धि देनेवाली तिथि मानी जाती है। साथ ही प्रतिपदा तिथि सिद्धिप्रद तिथि भी मानी जाती है। इस प्रतिपदा तिथि के स्वामी अग्नि देवता हैं। यह प्रतिपदा तिथि नन्दा नाम से विख्यात मानी जाती है।
🗼 Vastu tips 🗽
ईशान कोण में तुलसी का पौधा लगाने तथा पूजा के स्थान र गंगाजल रखने से बरकत होती है ।
🔸तुलसी को रोज जल चढ़ाने तथा गाय के घी का दीपक जलाने से घर में स ख-समृद्धि बढ़ती है ।
🔸जो दारिद्रय मिटाना व सुख-सम्पदा पाना चाहता है, उसे तुलसी पूजन दिवस के अवसर पर शुद्ध भाव व भक्ति से तुलसी के पौधे की 108 परिक्रमा करनी चाहिए ।
🔸1. श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं वृन्दावन्यै स्वाहा । इस दशाक्षर मंत्र के द्वारा विधिसहित तुलसी का पूजन करने से मनुष्य को समस्त सिद्धि प्राप्त होती है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण प्र. खं. 22.10.11)
🔸2. जिस घर में तुलसी का पौधा हो उस घर में दरिद्रता नहीं रहती । जहाँ तुलसी विराजमान होती हैं, वहाँ दुःख, भय और रोग नहीं ठहरते । (पद्म पुराण, उत्तर खण्ड)
मान्यता है कि घर में तुलसी का पौधा होने से दरिद्रता और दुर्भाग्य नहीं आता. धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक, नियमित रूप से तुलसी की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.
♻️ जीवनोपयोगी कुंजियां ♻️
वजन नियंत्रित रहता है धनिया का पानी पीने से वजन भी नियंत्रित रहता है। इसमें मौजूद हाई फाइबर कंटेंट से पेट काफी समय तक भरा रहता है, जिससे भूख नहीं लगती और वजन भी कंट्रोल रहता है।
पीरियड पेन कम होता है पीरिड्स के दौरान होने वाले दर्द और पेट की एंठन को दूर करने के लिए धनिया का पानी सबसे अच्छा विकल्प है।
स्किन के लिए फायदेमंद कई सारे न्यूट्रिएंट्स और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर धनिया का पानी रोजाना पीने से स्किन की समस्या दूर होती है। इससे स्किन की रंगत भी निखरती है और एंजिंग भी स्लो हो जाती है।
ब्लड शुगर होता है कंट्रोल
धनिया के बीज में हाइपोग्लाइसीमिक गुण पाए जाते हैं, जो ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल रखते हैं। रोजाना धनिया का पानी का सेवन डायबिटीज के रोगियों के लिए फायदेमंद हो सकता है।
सूजन कम करें धनिया के बीज में पाए जाने वाले एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
☘️ आरोग्य संजीवनी 🍃
घमौरियों हों तो
नीम के 10 ग्राम फूल व थोड़ी मिश्री पीसकर पानी में मिला के खाली पेट पी लें | इससे घमौरियाँ शीघ्र गायब हो जायेंगी |
नारियल तेल में नींबू-रस मिलाकर लगाने से घमौरियाँ गायब हो जाती हैं |
मुलतानी मिट्टी लगा के कुछ मिनट बाद स्नान करने से गर्मी और घमौरियों का शमन होता है |
📖 गुरु भक्ति योग 🕯️
धारणां के संबंध में आपके केवल विचार है कि समाज और परिवार द्वारा हमारे अवचेतन में जो कुछ बैठाया गया है ध्यान की अवस्था में वही दिखाई देता है लेकिन हमारे अनुभव आपसे बिल्कुल अलग है। हमारे अनुभवों के अनुसार ध्यान की अवस्था में वही दिखाई देता है जो की सत्य होता है।
जिस प्रकार से आपने ध्यान किया है उसी प्रकार से मैंने भी आज्ञा चक्र के सामने एक बिंदु पर बगैर कल्पना किया ध्यान करने का अभ्यास किया था इस अभ्यास के बाद हमारा तीसरा नेत्र खुल गया और कुंडलिनी जागृत होने लगी। कुंडलिनी जागृत होने के दौरान मुझे सैकड़ो की संख्या में ऐसी कुटिया दिखाई दी जो की बांस बल्ली की बनी हुई थी उनके दरवाजे पर महिलाएं दरवाजा लीप रही थी अथवा गोबर के कंडे बना रही थीं। महिला के पास ही एक या दो बच्चे भी खेलते हुए दिखाई दे रहे थे। कुटिया के पीछे जंगल दिखाई दे रहा था। ऐसी कुटिया एक-एक कर हमारे सामने से निकलती गई।
हमारे ग्रंथों में हनुमान जी का फोटो एक वानर के रूप में दर्शाया गया है लेकिन मैं हनुमान जी को एक सामान्य आदमी के रूप में देखा। जिस कमरे में मैं ध्यान लगा रहा था उसे कमरे का बरामदा हमें दिखाई दिया। बरामदे की एक तरफ से एक 15 या 20 फीट का लंबा आदमी दूसरी तरफ को धीमे-धीमे कदमों से चला जा रहा था वह अपने कंधे पर एक गदा भी रखे हुए था। उनके कोई भी दाढ़ी मूछ नहीं थी मैंने उनकी पूछ की तरफ देखा उनके कोई भी पूछ भी नहीं थी। यह हनुमान जी की वर्णित फोटो से बिल्कुल अलग है।
एक चक्र में हमारे सामने एक काला सर्प दिखाई दिया जो कि जमीन पर अपना फन फैलाए हुए था उस फन के ऊपर अचानक से एक लड़की प्रकट हुई। उसे लड़की के बक्ष स्थल पर सफेद रंग के कपड़े की एक पट्टी कई बार लिपटी हुई थी उसकी कमर में भी एक सफेद रंग का कपड़ा घुटनों तक लिपटा हुआ था इसके अलावा उसका पूरा बदन बगैर कपड़ों के था। यह लड़की जिस युग की थी उसके द्वारा पहने गई वस्त्र भी उसी युग का पहनावा दर्शाते थे जबकि हमने कभी ऐसे कपड़ों की कल्पना भी नहीं की थी। अपने बक्ष स्थल पर ऐसी ही कपड़े की पट्टी परमावतार श्री कृष्णा में भी राधा व अन्य लड़कियों ब महिलाओं को लगाए हुए देखी जा सकती है लेकिन परमावतार श्री कृष्णा में इस कपड़े की पट्टी के अलावा अन्य कपड़े भी महिलाएं पहने हुए दिखती हैं मगर जिस लड़की को मैंने कुंडलिनी के चक्र में देखा उसमें केवल बक्ष स्थल पर कपड़े की पट्टी तथा कमर में घुटनों तक सफेद रंग का कपड़ा कई बार लपेटा हुआ था। लड़की एक बार सामने दिखाई दी और तुरंत ही दृश्य गायब हो गया। इसके बाद हमें अन्य दृश्य दिखाई देने लगे। इसी लड़की ने हमें तीन लोकों की यात्रा भी कार्रवाई।
ध्यान के समय अगर आप पहले से किसी की मूर्ति अथवा देवता की धारणा बनाकर ध्यान लगाते हैं तो हो सकता है कि आपके कल्पित विचार के दृश्य ही ध्यान में दिखाई दें मगर जब आप बगैर किसी कल्पना के एक बिंदु पर ध्यान लगाते हैं तो जो कुछ दिखाई देता है वह सत्य दिखाई देता है।
𖡼•┄•𖣥𖣔𖣥•┄•𖡼 🙏🏻𖡼•┄•𖣥𖣔𖣥•┄•𖡼
⚜️ प्रतिपदा तिथि शुक्ल पक्ष में अशुभ तथा कृष्ण पक्ष में शुभ फलदायिनी मानी जाती है। आज प्रतिपदा तिथि को अग्निदेव से धन प्राप्ति के लिए एक अत्यंत ही प्रभावी उपाय कर सकते हैं। इस अनुष्ठान से अग्निदेव से अद्भुत तेज प्राप्त करने के लिए भी आज का यह उपाय कर सकते हैं। साथ ही आज किसी विशिष्ट मनोकामना की पूर्ति भी इस अनुष्ठान के माध्यम से अग्निदेव से करवायी जा सकती हैं। इसके लिए आज अग्नि घर पर ही प्रज्ज्वलित करके गाय के शुद्ध देशी घी से (ॐ अग्नये नम: स्वाहा) इस मन्त्र से हवन करना चाहिये।
शास्त्र के अनुसार जिस व्यक्ति का जन्म प्रतिपदा तिथि में होता है वह व्यक्ति अनैतिक कार्यों में संलग्न रहने वाला होता है। ऐसा व्यक्ति कानून के विरूद्ध जाकर काम करने वाला भी होता है। ऐसे लोगों को मांस मदिरा काफी पसंद होता है अर्थात ये तामसी भोजन के शौकीन होते हैं। आम तौर पर इनकी दोस्ती ऐसे लोगों से होती है जिन्हें समाज में सम्मान की दृष्टि से नहीं देखा जाता अर्थात बदमाश और ग़लत काम करने वाले लोग।