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केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ा झटका, वित्त मंत्रालय ने HRA के नियमों में किया बदलाव

रिपोर्टर : तारकेश्वर शर्मा
नई दिल्ली । केन्द्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है। वित्त मंत्रालय के तहत व्यय विभाग ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए हाउस रेंट अलाउंस के नियमों को अपडेट कर दिया है। अब नए नियमों के मुताबिक कुछ मामलों में सरकारी कर्मचारियों को HRA नहीं मिलेगा। इसमें केंद्र, राज्य, ऑटोनॉमस पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग और सेमी-गवर्मेंट संस्थाओं के कर्मचारी भी शामिल है। साथ ही नगरपालिका, पोर्ट ट्रस्ट, राष्ट्रीयकृत बैंक, एलआईसी आदि के कर्मचारियों पर भी इसका असर पड़ेगा। आपको बता दें कि HRA या हाउस रेंट अलाउंस, सैलरी का बड़ा हिस्सा होता है। अगर कोई सैलरीड कर्मचारी किराए के घर में रहता है तो उसे इस पर टैक्स एग्जेम्पशन भी मिलता है।
किनको नहीं मिलेगा HRA?

  1. अगर कर्मचारी, दूसरे सरकारी कर्मचारी को दिए गए सरकारी आवास को शेयर करता है।
  2. अगर कर्मचारी के माता-पिता, बेटे या बेटी को इनमें से किसी ने घर अलॉट किया है और वह उसमें रह रहा है।
  3. अगर सरकारी कर्मचारी के जीवनसाथी को केंद्र या राज्य सरकार, पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग और सेमी-गवर्मेंट ऑर्गनाइजेशन जैसे नगर निगम, पोर्ट ट्रस्ट, नेशनलाइज्ड बैंक, LIC आदि की ओर से घर दिया है और वह उसमें रह रहा है।
  4. अगर वह जीवनसाथी से अलग भी किराये पर रह रहा है, तो भी वह योग्य नहीं होगा।
    सरकार कितना देती है HRA?
    सरकारी सैलरीड व्यक्ति, जो किराये के घर में रह रहा है, उसके घर से जुड़े खर्च को 3 केटेगरी में बांटा गया है। उसी आधार पर HRA दिया जाता है। –
  5. X – 7वें वेतन आयोग के तहत 50 लाख और उससे अधिक जनसंख्या वाले एरिया में 24% HRA दिया जाता है।
  6. Y – 5 लाख से 50 लाख के बीच आबादी वाले एरिया के कर्मचारियों को 16% HRA दिया जाता है।
  7. Z – अगर निवास स्थान की आबादी 5 लाख से कम है, तो वहां 8% HRA दिया जाता है।
    किसको मिलता है HRA?: HRA क्लेम केवल सैलरीड कर्मचारी कर सकता है, सेल्फ एंप्लॉयड नहीं। साथ ही शख्स को वह किराए के घर में होना चाहिए। खुद के घर में रहने पर इसका लाभ नहीं मिलता है। इसके अलावा घर का रेंट आपकी सैलरी के 10 फीसदी से ज्यादा होना चाहिए, तभी इसका फायदा उठाया जा सकता है। ये भी बता दें कि जितना HRA मिलता है उससे ज्यादा डिडक्शन का लाभ नहीं उठाया जा सकता है। मेट्रो सिटी के लिए यह अधिकतम बेसिक और महंगाई भत्ता का 50 फीसदी हो सकता है।

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