पूरा गांव एक साथ पहुंचता हैं देवी मंदिर, पचपेढी में वर्षों से चली आ रही परंपरा

रिपोर्टर : सतीश चौरसिया
उमरियापान । नवरात्र पर्व की नौवीं के दिन समीपी ग्राम पचपेढी के श्रृद्धालु एक साथ बैंडबाजों के साथ धुबहा तालाब स्थित देवी मंदिर की मढिया पहुंचते हैं। यह परंपरा पचपेढी में वर्षों से चली आ रही है। पंडा द्वारका झारिया, सुरेश झारिया, नर्मदा प्रसाद झारिया ने बताया कि पचपेढी के श्रृद्धालु पहले गांव के ही देवाले से बडीमाई मंदिर उमरियापान के दर्शन के लिए आते थे। इस पर देवी के द्वारा एक बार पंडा को भाव देकर इतनी दूर नहीं आने का आदेश दिया गया। जिसके बाद से गांव के लोग धुबहा तालाब समीप मढिया में बड़ीमाई की पूजा पाठ की जाने लगी। हर नवरात्र की नवमीं पर पूरा गांव एक साथ एकत्रित होकर मढिया पहुंचकर पूजन करते हैं। दंड भरते हुए व भाव खेलते हुए श्रृद्धालु भी मढिया तक पहुंचते हैं। विशेष पूजन के बाद कन्याभोज एवं प्रसाद वितरण किया जाता है। कुछ वर्षों पूर्व सरपंच जिया बाई झारिया द्वारा मंदिर का निर्माण कराया गया है।
अष्टमी की रात करीब बारह बजे महाकाली के साथ ग्राम के लोगों के साथ बड़े दिवाले से पूरे गांव का भ्रमण कर धुबहा तलाब मंदिर खेर माता मंदिर तक बैंड-बाजे के साथ गांव का भ्रमण किया जाता है। यह परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है ।