संत सेन जी महाराज की जयंती पर भारतीय सेन समाज द्वारा जन्म स्थली बांधवगढ़ में की पूजन अर्चना

फिर नहीं पहुँचे मुख्य मंत्री शिवराज, आठ वर्षो से दे रहे हैं आस्वाशन, समाज के लोगों ने जताई नाराजगी
ब्यूरो चीफ : मनीष श्रीवास
भोपाल । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा आगामी माह में सन्त शिरोमणि सेन जी महाराज की जंयती पर्व को लेकर सेन समाज की मूर्ति अनावरण व स्मारक भूमि पूजन को लेकर 17 अप्रैल सोमवार को पहुचने विगत लम्बे समय से केवल झूठे वादे और आश्वासन ही दे रहे हैं । और हर बार की तरह इस बार भी इन्होने वैसा ही किया ।
क्या हैं मंशा CM की – सन्त शिरोमणि सेन जी महाराज की 200 एकड़ जमीन बाधावगढ़ के बीच जंगल में देने व उनके स्मारक भूमि पर हर बार की तरह केवल झूठे वादे और आश्वासन दे कर सेन समाज के लोगों को आहत पहुचा रहे हैं । इस आयोजन के दौरान उपस्थिति समाज के लोगों में काफ़ी नाराजगी जताई गई । साथ ही भविष्य में इस प्रकार से समाज व सन्त शिरोमणि सेन जी महाराज की जन्म भूमि के बाधवगढ़ में उनके बने कई वर्षों से उस स्थान में साल भर में एक ही बार समाज के लोगों को जाने दिया जाता हैं ।
क्या सेन समाज के प्रेणा दायक सन्त शिरोमणि सेन जी महाराज की तपोभूमि में हमारे समाज का अधिकार नहीं है । जिस तरह से प्रदेश के मुखिया का व्यहार समय दे कर टाल देते हैं । आठ सलों में केवल झूठे वादे क्या केवल वोट बैंक के लिए ही कार्य करने आश्वासन देते चले आ रहे हैं ।
उपस्थित लोगों ने जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह नहीं पहुचे तो उन्होंने काफ़ी नराजगी जाहिर की । सभी ने फिर 17 अप्रैल सोमवार को सन्त सेन जी महाराज की 723 वी जयंती के पावन अवसर पर 12 बजे भारतीय सेन समाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमेश काका के नेतृत्व में संत शिरोमणि सेन जी महाराज की जन्म स्थली बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के अंदर भगवान की पूजन अर्चना, अभिषेक का वैदिक आयोजन किया गया है।
रमेश काका ने बताया कि रामानंदी संप्रदाय के आचार्य संत सेन जी महाराज भीष्म पितामह के अवतार थे । हरि भक्ति में लीन होकर अपनी सुध बुध खो बैठे थे महाराजा रीवा के पैतृक नाई होने के बाद नित्य नियम से श्री हरि नारायण की सेवा में लीन हो जाते भगवान श्री हरि नारायण जी अपने भक्तों के भक्ति से प्रभावित होकर सेन जी महाराज बनकर महाराजा रीवा के दैनिक सेवा पहुंच गए। जब सेन जी महाराज हरि सेवा से निर्वृत होकर सेवा में पहुंचे तो महाराज को बताया कि मैं हरि भजन कीर्तन में भूल गया था और श्री हरि नारायण ने आकर मेरी जगह आपकी दैनिक सेवा कर दी ।
सामाजिक समरसता और हरिनाम संकीर्तन के प्रचार प्रसार के लिए बांधवगढ़ से रीवा पंढरपुर महाराष्ट्र तक अनेकों बार पैदल दिंडी यात्राएं की जिसमें हजारों श्रद्धालु संकीर्तन करते हुए चलते थे ।
आज सेन जी महाराज की जन्म स्थली बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के अंदर है जहां पर पहुंचना मुश्किल है। म प्र सरकार संत सेन जी महाराज का विशाल विग्रह के साथ मंदिर जल्दी से जल्दी निर्माण कार्य पूर्ण कराये।
संत सेन जी महाराज की पुश्तैनी पादुकाओं को लेकर जबलपुर जिले से रमेश श्रीवास, अनुराग सेन, करण श्रीवास, विवेक श्रीवास, मनीष श्रीवास पत्रकार सड़क मार्ग से बाधवगढ़ पहुंचे। साथ ही संत सेन जी महाराज की जयंती के अवसर पर बफर जोन के अंदर बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में स्थापित सेन चबूतरे पर मूर्त्ति का पूजन अर्चना अभिषेक आरती, हरिनाम संकीर्तन के साथ साथ पूजन अर्चना की गई ।
इस दौरान इस कार्यक्रम में उमारिया, कटनी, अनूपपुर, रीवा,जबलपुर सहित प्रदेश के कोने-कोने से सेन समाज व संत अनुरागी पहुंचे । इस सभी उपस्थित कार्यकर्ताओं का रमेश श्रीवास, विद्धयेस भापकर, अनुराग सेन, करण श्रीवास, विवेक श्रीवास, मनीष श्रीवास पत्रकार ने आभार व्यक्त किया और समाज की एकता और अखंडता के लिए लगा तार कार्य करने का संकल्प किया ।