ज्योतिष

Aaj ka Panchang आज का पंचांग रविवार, 28 मई 2023

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
✦••• जय श्री हरि •••✦
🧾 आज का पंचांग 🧾
रविवार 28 म ई 2023

भगवान सूर्य जी का मंत्र : ऊँ घृणि सूर्याय नम: ।।
🌠 रविवार को की गई सूर्य पूजा से व्यक्ति को घर-परिवार और समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। रविवार के दिन उगते हुए सूर्य को देव को एक ताबें के लोटे में जल, चावल, लाल फूल और रोली डालकर अर्ध्य करें।
इस दिन आदित्य ह्रदय स्रोत्र का पाठ करें एवं यथा संभव मीठा भोजन करें। सूर्य को आत्मा का कारक माना गया है, सूर्य देव को जल देने से पितृ कृपा भी मिलती है।
रविवार के दिन भैरव जी के दर्शन, आराधना से समस्त भय और संकट दूर होते है, साहस एवं बल की प्राप्ति होती है। रविवार के दिन जी के दर्शन अवश्य करें ।
रविवार के दिन भैरव जी के मन्त्र ” ॐ काल भैरवाय नमः “ या ” ॐ श्री भैरवाय नमः “ की एक माला जाप करने से समस्त संकट, भय दूर होते है, रोगो, अकाल मृत्यु से बचाव होता है, मनवांछित लाभ मिलता है।
🔮 शुभ हिन्दू नववर्ष 2023 विक्रम संवत : 2080 नल, शक संवत : 1945 शोभन
🌐 संवत्सर नाम अनला
🔯 शक सम्वत : 1945 (शोभकृत् संवत्सर)
☸️ काली सम्वत् 5124
🕉️ संवत्सर (उत्तर) पिंगल
☣️ आयन – उत्तरायण
☀️ ऋतु – सौर ग्रीष्म ऋतु
🌤️ मास – ज्येष्ठ मास
🌖 पक्ष – शुक्ल पक्ष
📅 तिथि – ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष अष्टमी 09:56 AM तक उसके बाद नवमी
🖍️ तिथि स्वामी – अष्टमी तिथि के देवता हैं रुद्र।तिथि को भगवान सदाशिव या रुद्रदेव की पूजा करने से प्रचुर ज्ञान तथा अत्यधिक कांति की प्राप्ति होती है।
💫 नक्षत्र – नक्षत्र पूर्व फाल्गुनी 02:20 AM तक उपरांत उत्तर फाल्गुनी
🪐 नक्षत्र स्वामी – पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र इस नक्षत्र का स्वामी शुक्र है। तथा इस नक्षत्र के देवता भग हैं।
🔇 योग-हर्षण योग 08:39 PM तक, उसके बाद वज्र योग
प्रथम करण : बव – 09:56 ए एम तक
द्वितीय करण – बालव – 10:56 पी एम तक
🔥 गुलिक काल : रविवार का शुभ (गलिक काल) 03:37 पी एम से 05:16 पी एम
⚜️ दिशाशूल – रविवार को पश्चिम दिशा का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से पान या घी खाकर जाएँ ।
🤖 राहुकाल -सायं – 4:30 से 6:00 तक राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |
🌞 सूर्योदय – प्रातः 05:08:38
🌅 सूर्यास्त – सायं 18:42 :32
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 04:03 ए एम से 04:44 ए एम
🌇 प्रातः सन्ध्या : 04:23 ए एम से 05:25 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 11:51 ए एम से 12:46 पी एम
✡️ विजय मुहूर्त : 02:36 पी एम से 03:32 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 07:11 पी एम से 07:31 पी एम
🌃 सायाह्न सन्ध्या : 07:12 पी एम से 08:13 पी एम
💧 अमृत काल : 07:14 पी एम से 09:01 पी एम
🗣️ निशिता मुहूर्त : 11:58 पी एम से 12:39 ए एम, मई 29
सर्वार्थ सिद्धि योग : 02:20 ए एम, मई 29 से 05:24 ए एम, मई 29
❄️ रवि योग : 02:20 ए एम, मई 29 से 05:24 ए एम, मई 29
🚓 यात्रा शकुन-इलायची खाकर यात्रा प्रारंभ करें।
👉🏽 आज का मंत्र-ॐ घृणि: सूर्याय नम:।
🤷🏻‍♀️ आज का उपाय-सूर्य को कुमकुम मिश्रित जल का अर्घ्य चढ़ाएं।
🪵 वनस्पति तंत्र उपाय-बेल के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – सर्वार्थसिद्धि योग/रवियोग, दुर्गा अष्टमी, मेला क्षीरभवानी (कश्मीर), विनायक दामोदर सावरकर जयन्ती, (भारत के प्रथम लोकपाल) पिनाकी चन्द्र घोष जन्म दिवस, शांतनुराव लक्ष्मणराव किर्लोस्कर जयन्ती, गोपाल रामानुजम जयन्ती, महंत अवैद्यनाथ जयंती, महबूब खान रमजान खान पुण्यतिथि, बी. विट्ठलाचार्य पुण्यतिथि, नई दिल्ली में (जवाहरलाल नेहरू) का अंतिम संस्कार किया, मेमोरियल डे, नेशनल हैम्बर्गर डे, मासिक धर्म स्वच्छता दिवस
✍🏼 विशेष:- अष्टमी तिथि को नारियल त्याज्य बताया गया है। अष्टमी तिथि बलवती अर्थात स्ट्रांग तिथि मानी जाती है। इसका मतलब कोई भी विकट कार्य आज आप कर-करवा सकते हैं। इतना ही नहीं अपितु अष्टमी तिथि व्याधि नाशक तिथि भी मानी जाती है। इसका मतलब आज आप कोई भी भयंकर रोगों के इलाज का प्रयत्न भगवान के नाम के साथ करेंगे-करवाएंगे तो निश्चित लाभ होगा। यह अष्टमी तिथि जया नाम से विख्यात मानी जाती है। यह अष्टमी तिथि कृष्ण पक्ष में मध्यम फलदायिनी मानी जाती है।
🏘️ Vastu tips 🏚️
उत्तर दिशा के लिए चुने काले रंग की मोमबत्तियां उत्तर दिशा में मोमबत्तियां लगाने के लिए काले रंग का चुनाव करना चाहिए। दरअसल उत्तर दिशा का संबंध जल तत्व से है और जल तत्व का संबंध काले रंग से है। उत्तर दिशा में काले रंग की कैंडलस, यानी मोमबत्ती लगाने से किसी प्रकार का भय नहीं रहता। साथ ही इस दिशा में काले रंग की कैंडलस लगाने से घर के मंझले बेटे को किसी प्रकार की तकलीफ नहीं होती, उसे किसी से भी किसी प्रकार का डर नहीं रहता। इसके अलावा कान से संबंधित परेशानियां भी दूर होती हैं और आप कान के पक्के होते हैं, यानी आप दूसरों की बात को ध्यान से सुनते हैं, जिससे आप उसका ठीक ढंग से जवाब दे पाते हैं।
❇️ जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
खट्टी डकारों से निजात दिलाता है खट्टी डकारों से निजात पाने में वॉक करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। जब आप वॉक करेंगे तो, आपके फूड पाइप तक आती एसिडिटी की खट्टी डकारें लौटकर पेट तक पहुंच जाएंगी और वहां पेट के अस्तर इसे कम करने की कोशिश करेगा और ये समस्या कम होने लगेगी।
फैटी फूड्स के नुकसानों को कम करता है फैटी फूड्स के कई नुकसानों में से एक है एसिडिटी और खट्टी डकारें आना। तो, जब आप इन फूड्स को खाएं तो, वॉक करें। ये फैट मेटाबोलिज्म को तेज करके इस समस्या से निजात दिलाने में मददगार होगा। तो, वॉक करें और एसिडिटी से निजात पाएं।
🥝 आरोग्य संजीवनी 🍓
सब्जियों का स्वाद बढ़ाने वाला मसाला दालचीनी को भी कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए बेहद कारगर माना जाता है. आप दालचीनी स्टिक को पीसकर चूर्ण बनाएं और उसे कंटेनर में रख लें. हर सुबह खाली पेट एक चुटकी दालचीनी चूर्ण को पानी के साथ लें. इससे भी कोलेस्ट्रॉल लेवल में तेजी से कमी देखने को मिलेगी।
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की समस्या से इन दिनों सभी उम्र के लोग परेशान हैं. कोलेस्ट्रॉल हमारे खून में पाया जाता है और इसका स्तर सामान्य से ज्यादा हो जाए, तो यह ब्लड फ्लो में रुकावट पैदा करने लगता है. जब कोलेस्ट्रॉल अत्यधिक बढ़ जाए, तो यह खून की धमनियों में जम जाता है।
🪔 गुरु भक्ति योग
कैसे आएगी अच्छी नींद, क्या है इसके वास्तु एवं ज्योतिषी उपाय?
बिस्तर सुंदर, मुलायम और आरामदायक तो होना ही चाहिए, साथ ही वह मजबूत भी होना चाहिए।
चादर और तकिये का रंग भी ऐसा होना चाहिए, जो हमारी आंखों और मन को सुकून दें।
सोने से पूर्व प्रतिदिन कर्पूर जलाकर सोएंगे तो आपको बेहद अच्छी नींद आएगी और साथ ही हर तरह का तनाव खत्म हो जाएगा। कर्पूर के और भी कई लाभ होते हैं।
सोने से पूर्व आप बिस्तर पर वे बातें सोचें, जो आप जीवन में चाहते हैं। जरा भी नकारात्मक बातों का खयाल न करें।
आप सोने जा रहे हैं तो यह भी तय करें कि आपके पैर किस दिशा में हैं। दक्षिण और पूर्व में कभी पैर न रखें। पैरों को दरवाजे की दिशा में भी न रखें। इससे सेहत और समृद्धि का नुकसान होता है।
पूर्व दिशा में सिर रखकर सोने से ज्ञान में बढ़ोतरी होती है। दक्षिण में सिर रखकर सोने से शांति, सेहत और समृद्धि मिलती है।
झूठे मुंह और बगैर पैर धोए नहीं सोना चाहिए।
अधोमुख होकर, दूसरे की शय्या पर, टूटे हुए पलंग पर तथा गंदे घर में नहीं सोना चाहिए।
आचार्य श्री गोपी राम कहते हैं कि सीधा सोए योगी, डामा (बांया) सोए निरोगी, जीमना (दांया) सोए रोगी।
शरीर विज्ञान कहता है कि चित्त सोने से रीढ़ की हड्डी को नुकसान पहुंचता है जबकि औंधा सोने से आंखों को नुकसान होता है।
सोने से 2 घंटे पूर्व रात का खाना खा लेना चाहिए। रात का खाना हल्का और सात्विक होना चाहिए।
अच्छी नींद के लिए खाने के बाद वज्रासन करें, फिर भ्रामरी प्राणायाम करें और अंत में शवासन करते हुए सो जाएं।
सोने से पहले अपने ईष्ट देव का एकबार ध्यान जरूर करें और फिर प्रार्थना कर के सो जाएं।
कमरे का रंग क्रीम, गुलाबी या हल्का हरा हो, तो सोने के लिए बेहतर रहता है।
अपने कमरे को थोड़ा सा सुगंधित रखें।
पलंग के नीचे कभी भी कोई सामान ना रखें। खासतौर पर, कोई भी लोहे के सामान को ना रखें।
अपने शयन कक्ष में गंदे वस्त्रों को भी रखने से बचें।
बढ़िया निंद्रा को प्राप्त करने के लिए, चंद्रमा के चेन या चन्द्रमा को धारण करिए।
इसके साथ ही, लाल तिलक लगाना छोड़ दीजिए। यह टूटी हुई या कम नींद ला सकता है।
पलंग के पाए के पास, एक लोटे में जल रखकर रात को सोइए और प्रातः काल उस जल को पौधों में डाल दीजिए। इससे आपको सोने में कोई भी परेशानी नहीं आएगी।
जिस कमरे में सूर्य की रोशनी या चाँद की चाँदनी आती हो, उसमें सोना लाभदायक होता है।
सलाह लें और फिर उस हिसाब से मोती या ओपल पहन लें। इससे भी नींद अच्छी हो जाएगी।
नींद लाने वाला मंत्र-
रात को सोने से पहले इस मंत्र का जप 3 या 5 बार करके सो जाए बुरे स्वप्न आना बंद हो जाएंगे।
🗣️ या देवी सर्वभूतेषु निद्रारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
꧁ 𓇽𝐻𝑎𝑟𝑒 𝐾𝑟𝑖𝑠ℎ𝑛𝑎𓇽꧂
⚜️ अष्टमी तिथि के देवता भगवान शिव भोलेनाथ जी माने जाते हैं। इसलिये इस अष्टमी तिथि को भगवान शिव का दर्शन एवं पूजन अवश्य करना चाहिए। आज अष्टमी तिथि में कच्चा दूध, शहद, काला तिल, बिल्वपत्र एवं पञ्चामृत शिवलिंग पर चढ़ाने से भगवान शिव की कृपा सदैव बनी रहती है। घर में कोई रोगी नहीं होता एवं सभी मनोकामनाओं की सिद्धि तत्काल होती है।
मंगलवार को छोड़कर बाकि अन्य किसी भी दिन की अष्टमी तिथि शुभ मानी गयी है। परन्तु मंगलवार की अष्टमी शुभ नहीं होती। इसलिये इस अष्टमी तिथि में भगवान शिव के पूजन से हर प्रकार की सिद्धियाँ प्राप्त होती है। इस अष्टमी तिथि को अधिकांशतः विष्णु और वैष्णवों का प्राकट्य हुआ है। इसलिये आज अष्टमी तिथि में भगवान शिव और भगवान नारायण दोनों का पूजन एक साथ करके आप अपनी सम्पूर्ण मनोकामनायें पूर्ण कर सकते हैं।

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