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लायंस नेत्र चिकित्सालय ने पैसे लेकर गरीब हरिजन की आंख खराब कर दी

अजय खंडारे की दाई आंख जीवन भर के लिए हो गई बर्बाद
लायंस नेत्र चिकित्सालय डॉक्टरों की लापरवाही का नतीजा आया सामने
न्याय पाने के लिए दर-दर फिर रहा है, गरीब हरिजन

परसिया । अजय खंडारे बड़कुई निवासी जो की एक निर्धन गरीब हरिजन परिवार का व्यक्ति है मौत मट्टी में बाजे बजा करके निछावर में मिले पैसे से अपना एवं अपने परिवार का भरण पोषण करता है। कुछ समय पूर्व इसकी दाई आंख में कुछ खुजली सी हुई जिसके चलते यह आंख का इलाज करवाने के लिए लायंस आई हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर परासिया पहुंचा। लायंस आई हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर परासिया के डॉक्टर में इसकी आंख में ना जाने ऐसा कौन सा ड्राप डाल दिया जिससे इसकी दाई आंख में दिखना बंद हो गया। इसके उपरांत अजय खंडारे कुछ समय बाद फिर अस्पताल पहुंचा तो डॉक्टर ने कहा कि आपकी आंख में एक लेंस लगाना होगा जो की 10500 रुपए का आएगा। उससे आपकी आंख में दीखना चालू हो जाएगा। अजय खंडारे ने 10500 यहां वहां से भीख मांग करके इकट्ठे करके अस्पताल वालों को दिया जिसकी रसीद मौजूद है। डॉक्टर ने पैसे लेकर लेंस लगा दिया, इसके बावजूद भी इसकी आंख में दिखना चालू नहीं हुआ तो अजय खंडारे ने फिर लायंस आई हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर अस्पताल परासिया पहुंचा तो डॉक्टर ने 2000 प्रति हिसाब से तीन इंजेक्शन लाने को कहा जो इंजेक्शन परासिया के किसी मेडिकल में नहीं मिले वह इंजेक्शन केवल विजय मेडिकल मेन रोड परासिया में ही मिले। अजय खंडारे ने जैसे तैसे 6000 की और व्यवस्था करके तीन इंजेक्शन लगवाया उसके बावजूद भी आज उसकी दाईं आंख से दीखना बंद हो गया। जिसकी शिकायत विगत माह परासिया थाना में दिनांक 12 जनवरी 2024 को की गई । इसके उपरांत 13 जनवरी 2024 को जिला कलेक्टर छिंदवाड़ा एवं पुलिस अधीक्षक छिंदवाड़ा को लिखित शिकायत समस्त दस्तावेज सहित दी गई। शिकायत के उपरांत मुख्य स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी जिला छिंदवाड़ा से पत्र क्रमांक/ दृ.नि./ 2024/28 दिनांक 7/2/2024 अजय खंडारे को पत्र प्राप्त हुआ। पत्र में शिकायत संबंधित आखों की जांच हेतु बुलवाया गया। पत्र पाते ही दूसरे दिन अजय खंडारे जिला अस्पताल छिंदवाड़ा पहुंचा जहां डॉक्टर कंचन दुबे द्वारा अजय खंडारे की आंखों का जांच किया गया। जांच के दौरान अजय खंडारे की दाई आंख जीवन भर के लिए खराब हो चुकी है ऐसा बताया गया और उसे फिर दूसरे दिन बुलाया गया दूसरे दिन जब वह जिला अस्पताल छिंदवाड़ा पहुंचा तो उसे 30% दिव्यांगता का सर्टिफिकेट पकड़ा दिया गया। 20 फरवरी 2024 मंगलवार जनसुनवाई में अजय खंडारे ने जिला कलेक्टर को अपनी पुनः लिखित शिकायत और समस्त दस्तावेज प्रस्तुत कर दोषियों पर कठोर दंडात्मक कार्यवाही हेतु आग्रह किया है।

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