मध्य प्रदेश

विश्व कल्याण के लिए संत रामपाल जी महाराज जी के उद्देश्य

रिपोर्टर : मनोज नायक
रायसेन । रायसेन में मंगलवार को प्रोजेक्टर के माध्यम से संत रामपाल जी महाराज जी ने संदेश में बताया कि जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा। हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।
संत रामपाल जी महाराज जी का मार्ग जाति, धर्म व उच्च पद से मुक्त है। संत रामपाल जी महाराज जी के यहाँ चाहे कोई भी जाति, धर्म, किसी भी उच्च पद प्राप्त भाई बन्धु जाए। वे सभी से प्यार और समभाव से पेश आते हैं। वहाँ न किसी को अपनी जाति का अभिमान होता है, न ही धर्म का और न किसी उच्च पद का।
संत रामपाल जी महाराज जी समाज में मानव धर्म को स्थापित करना चाहते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी आध्यात्मिक मार्ग में फैले पाखंडवाद को समाप्त कर, सभी प्रमाणित धर्मग्रंथों की तुलनात्मक समीक्षा करके शास्त्रानुकूल भक्ति को जन सधारण तक पहुंचाना चाहते हैं। समाज में व्याप्त कुरीतियों का समूल नाश व दहेज प्रथा, मुत्युभोज, भ्रूण हत्या, छुआछूत, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार आदि से मुक्त समाज का निर्माण करना चाहते हैं।
संत रामपाल जी महाराज जी चाहते हैं कि सभी प्राणी एक-दूसरे के साथ नेक व्यवहार करें। आपसी प्रेम व सद्भाव का वातावरण बने। संत रामपाल जी महाराज जी के अनुसार “वासुदेव कुटुम्बकम” सारा विश्व एक परिवार है। सभी प्राणी परमेश्वर के बच्चे हैं। जाति भेदभाव से परे हैं।
संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य है कि सभी मानव, एक सर्वोच्च परमेश्वर कबीर साहिब जी की पूजा करें और हमारे मूल निवास सतलोक की ओर वापस लौटें। सर्वोच्च ईश्वर कबीर जी की उपासना करने वाला कोई भी व्यक्ति, आध्यात्मिक नेता जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी से अपनी जाति, पंथ, रंग, आस्था या धर्म से बेपरवाह होकर नाम दीक्षा ले सकता है क्योंकि ईश्वर ने प्रत्येक मानव को समान बनाया है।
विशाल सत्संग में रायसेन से जिला सेवादार भगत बद्रीदास तहसील सेवादार भगत फूलसिंह दास एवं अन्य सेवादार दीपेश दास, गुड्डू दास धनलाल दास, संज्ञान दास, ज्ञानी दास नगर एवं आसपास के ग्रामों से काफी संख्या में सेवादारों ने सहयोग किया।

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