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राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल के गृह नगर में डाँक्टरों की लापरवाही से सिविल अस्पताल बना रिफर सेंटर

रिपोर्टर : पवन सिलावट
बरेली । मध्यप्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री के गृह जिले में कि अस्पतालों के हाल वेंटिलेटर पर सरकारी अस्पताल में आनेवाले मरीज घायल, प्रसुता अधिकतर गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार से आते हैं लेकिन अस्पताल की लालफीताशाही देखकर कुछ मध्यमवर्गीय परिवार के लोग प्रायवेट अस्पतालों में लुटने चले जाते हैं और जिनकी क्षमता प्रायवेट अस्पताल में इलाज कराने की नहीं होती बह सरकारी सिविल अस्पताल में इलाज के आभाव में मौत के मुँह में समा जाते हैं .हाल ही में बरेली के युवा विधायक बने और किस्मत ने जोर मारा तो बह मध्यप्रदेश सरकार में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री बन गए जिससे क्षेत्रवासियों में गजब का उत्साह और खुशी देखी गई , नये नवेले मंत्री जी ने भी अपनी हनक और उपस्थित दर्ज कराने के लिए जिले के कई सरकारी अस्पतालों का निरिक्षण किया लेकिन जमीनी हकीकत मंत्रीजी के निवास स्थान पर देखने को मिली जब बरेली सिविल अस्पताल में 51 बेड की सुविधा है लेकिन सिविल अस्पताल में महज 10 बेड है जिन पर नही कोई पेसेंट उदयपुरा विधानसभा में लगभग 110 गांव आते हैं जिन गांव से सिविल अस्पताल के नाम पर उपचार करने आए हुए ग्रामीण और नगरी क्षेत्र के लोगों को हमेशा कोई सुविधा नहीं मिलती ना तो मौके पर होता उपचार सुबह से शाम तक ओपीडी के सामने डॉक्टर का गरीब करते इंतजार
सीबीएमओ हेमंत यादव की मनमानी के चलते जब भी नगर एंव मीडिया कर्मियों के द्वारा पूछा जाता है तो डॉक्टर नहीं होने का कह कर बगले झांक लेते हैं वहीं सीबीएमओ दूसरी ओर सिविल अस्पताल को बने हुए लगभग 10 वर्ष हो गए मगर इस सिविल अस्पताल में किसी भी गंभीर या मरीज को नही किया भर्ती सिविल अस्पताल में डॉक्टर के द्वारा मरीज को देखने के बाद तत्काल प्रभाव से रायसेन या भोपाल रेफर कर दिया जाता है भर्ती नहीं करने का सच क्या है यह तो नहीं कह सकते मगर अस्पताल में बने बेड़ो पर नहीं होता एक भी मरीज।
बरेली सिविल अस्पताल की व्यवस्थाओं को लेकर सीबीएमओ हेमंत यादव का बोलबाला वही बरेली सिविल अस्पताल में एक प्रसूता की डिलीवरी होने के बाद हुई मौत मौत के बाद डॉक्टर ने किया रायसेन रेफर जब परिजनों के द्वारा आवाज उठाई तो सिविल अस्पताल के मुखिया हेमंत यादव , डॉ.प्रशांत सेन के द्वारा ऑक्सीजन लगबाकर और बेहोश कहकर किया रायसेन रेफर प्रसूता के परिजन डॉक्टर के सामने गिड़गिड़ाते रहे नहीं हुई कोई सुनवाई और प्रसूता की हुई मौत,मध्यप्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल के द्वारा 3 दिन जिले की सिविल अस्पतालो सहित उदयपुरा, देवरी सहित निजी अस्पतालों के निरीक्षण किया था और अधिकारियों को सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए थे लेकिन सरकारी सिस्टम को कैसे सुधारेंगे मंत्री जी।बरेली सिविल अस्पताल का शौचालय बना शरवियो का अड्डा शौचालय में नही।

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