मध्य प्रदेश

दलों को चुनाव आयोग की चेतावनी, कैंपेन में मासूम बर्दाश्त नहीं

न रैलियों में और न ही पोस्टर में दिखें-बच्चों से नहीं करवा सकते चुनाव प्रचार
ब्यूरो चीफ : भगवत सिंह लोधी
दमोह । लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को दिशा-निर्देश जारी कर प्रचार में किसी भी तरह से बच्चों को शामिल न करने को कहा है। आयोग ने जारी एडवाइजरी में सभी राजनीतिक दलों से कहा कि चुनाव संबंधी कार्यो या चुनाव अभियान गतिविधियों में बच्चों को शामिल करना बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।आम चुनाव में प्रचार के पर्चे बांटते हुए, पोस्टर चिपकाते हुए, नारे लगाते हुए या पार्टी के झंडे बैनर लेकर चलते हुए बच्चे या नाबालिग नहीं दिखने चाहिए। उम्मीदवारों को प्रचार के दौरान न तो बच्चों को गोद में उठाना है, न ही वाहन में बैठाना है। इसके अलावा कविता पाठ, गाने, नारे बोले गए शब्द, पार्टी या उम्मीदवार के प्रतीक चिन्हों के प्रदर्शन के जरिए भी बच्चों को चुनाव अभियान में शामिल नहीं कर सकते। ऐसा करने पर बाल श्रम से संबंधित सभी अधिनियम, कानूनों के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसकी जिम्मेदारी जिला निर्वाचन अधिकारी, रिटर्निंग अधिकारी को दी गई है।आयोग ने कहा है कि राजनीतिक दलों व उम्मदवारों को बाल श्रम (निषेध और विनियमन) द्वारा संशोधित बाल श्रम (निषेध व विनियमन) अधिनियम, 1986 का कड़ाई से पालन करना आवश्यक है। साथ ही, बॉम्बे हाईकोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि राजनीतिक दल संशोधित अधिनियम, 2016 का पालन सुनिश्चित इस मामले में दी है छूट
आयोग ने कहा कि अगर राजनीतिक नेता के निकट बच्चा अपने माता-पिता या अभिवावक के साथ उपस्थित है और किसी चुनाव प्रचार गतिविधि में शामिल नहीं है तो इसे दिशा-निर्देश का उल्लंघन नहीं माना जायेगा।

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