धार्मिक

जवारे कलशों के दर्शन करने उमड़ी भीड़, भक्ति भाव के साथ हुआ जवारों का विसर्जन

रिपोर्टर :  सतीश चौरसिया                                
उमरियापान |  कटनी जिले के सबसे बड़े ग्राम उमरियापान में पुरानी परंपरा के अनुसार इस वर्ष भी नवमी तिथि को जवारे निकाले गए । बड़ी माई से होते हुए जवारे सभी दैविक स्थानों में जाकर, पंडा के द्वारा खप्पर और लोहे की कील को भक्ति भाव में डूबकर भाव विभोर होते हुए भक्तो ने जवारा के विसर्जन  किया  ।  सबसे पहले जवारे बड़ी माई के निकलते हैं इसके बाद अन्य देवी स्थानों के जवारे निकाले जाते है । पंडा और भक्तो के द्वारा सभी दैविक स्थानों से होते हुए नगर भ्रमण किया गया । भक्तो की भीड़ इस तरह जवारे देखने को आतुर रहती हैं कि चारो तरफ नगर में जनता का जनसैलाब ही देखने को मिला। बहरहाल नगर का भ्रमण करते हुए जवारे को तालाब में विसर्जित करके अपने- अपने स्थान में आकर अन्य कार्यों को किया जाता हैं। वहीं थाना प्रभारी सिद्धार्थ राय अपने स्टाफ के साथ यातायात व्यवस्था को बनाए रखते हुए सुगम व्यवस्था की गई थी जिसकी प्रशंसा आम जनता करती हुई नजर आई ।  जहां सब लोग त्यौहार मनाते हैं वही पुलिस आम जनता की सेवा करते हुए नजर आती हैं। जगह – जगह पुलिस के कर्मचारी नजर आए जो बखूभी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए नवरात्रि के पावन पर्व पर शांति व्यवस्था कायम करने में विशेष पहल की गई ।
*भक्तो के आस्था का केन्द्र बड़ी माई*
उमरियापान सहित आसपास के क्षेत्र का आस्था का केंद्र बड़ी माई को माना जाता हैं।  क्षेत्र के छोटे – बड़े शुभ कार्यो को लेकर सबसे पहले बड़ी माई का पूजन अर्चन किया जाता हैं। वही नौ दिन मंदिर आने जाने वाले भक्तो का लगातार तांता लगा रहा । भक्त नौ दिनों तक भक्ति भाव में डूबे हुए नजर आए। भक्तो के द्वारा अपनी – अपनी आस्था के अनुसार नौ दिनों तक व्रत भी रखा। बड़ी माई अपने भक्तो की मनोकामना भी पूर्ण करती हैं  ।
*जगह जगह दिखे भक्त*
जवारे देखने के लिए क्षेत्र की जनता भारी भीड़ के साथ देखने को आती है। इस दिन का बहुत समय से भक्तो को इंतजार रहता हैं और जैसे ही समय नजदीक आता हैं भक्तो में हर्ष की किरण देखने को मिलती हैं। भक्त अपने काम – काज को छोड़कर केवल भक्ति भाव में डूब जाते है और अंत समय तक रुककर जवारा कलशों के दर्शन करते लुप्त हैं ।  माताएं बहनें भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहती है ।

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