ज्योतिष

Aaj ka Panchang आज का पंचांग गुरुवार, 12 जनवरी 2023

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
✦••• जय श्री हरि •••✦
🧾 आज का पंचाग 🧾
गुरुवार 12 जनवरी 2023

मंगल श्री विष्णु मंत्र :-
मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।
मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥
।।आप सभी पर ईश्वर की असीम अनुकम्पा की वर्षा होती रहे।।
🐚 12 जनवरी 2023 दिन गुरुवार को माघ मास के कृष्ण पक्ष की पञ्चमी तिथि है। आज नविनमत के अनुसार स्वामी श्रीविवेकानन्द जी महाराज की जन्म जयन्ती है। आज के दिन को स्वामी विवेकानन्द जी के स्मरण में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। आप सभी सनातनियों को स्वामी विवेकानन्द जी महाराज के जन्म जयन्ती की हार्दिक शुभकामनायें।
☄️ दिन (वार) – गुरुवार के दिन तेल का मर्दन करने से धनहानि होती है । (मुहूर्तगणपति)गुरुवार के दिन धोबी को वस्त्र धुलने या प्रेस करने नहीं देना चाहिए । गुरुवार को ना तो सर धोना चाहिए, ना शरीर में साबुन लगा कर नहाना चाहिए और ना ही कपडे धोने चाहिए ऐसा करने से घर से लक्ष्मी रुष्ट होकर चली जाती है ।
गुरुवार को पीतल के बर्तन में चने की दाल, हल्दी, गुड़ डालकर केले के पेड़ पर चढ़ाकर दीपक अथवा धूप जलाएं । इससे बृहस्पति देव प्रसन्न होते है, दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है ।
गुरुवार को चने की दाल भिगोकर उसके एक हिस्से को आटे की लोई में हल्दी के साथ रखकर गाय को खिलाएं, दूसरे हिस्से में शहद डालकर उसका सेवन करें।
🔮 शुभ विक्रम संवत्-2079, शक संवत्-1944, हिजरी सन्-1443, ईस्वी सन्-2022
🌐 संवत्सर नाम-राक्षस
✡️ शक संवत 1944 (शुभकृत् संवत्सर)
☸️ काली सम्वत 5123
☣️ सायन – उत्तरायण
🌦️ ऋतु – सौर शिशिर ऋतु
🌤️ मास – माघ माह
🌖 पक्ष – कृष्ण पक्ष
📆 तिथि – पञ्चमी 12:49 PM बजे तक उपरान्त षष्ठी तिथि है।
🖍️ तिथि स्वामी – पंचमी (पंचमी) के देवता हैं नागराज। इस तिथि में नागदेवता की पूजा करने से विष का भय नहीं रहता, स्त्री और पुत्र प्राप्ति होती है।
💫 नक्षत्र – पूर्वाफाल्गुनी 11:24 AM तक उपरान्त उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र है।
🪐 नक्षत्र स्वामी – नक्षत्र का स्वामी शुक्र है। तथा राशि स्वामी सूर्य है।
🔊 योग – सौभाग्य 10:15 AM तक उपरान्त शोभन योग है।
प्रथम करण : तैतिल – 04:37 पी एम तक
द्वितीय करण : गर – 05:30 ए एम, जनवरी 13 तक
⚜️ दिशाशूल – गुरुवार के दिन दक्षिण दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिये, यदि अत्यावश्यक हो तो दही खा कर यात्रा कर सकते है।
🔥 गुलिक काल : गुरुवार का(अशुभ) गुलिक काल 09:52 ए एम से 11:11 ए एम
🤖 राहुकाल (अशुभ) – दोपहर 13:30 बजे से 15:00 बजे तक राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |
🌞 सूर्योदय – प्रातः 06:43:38
🌅 सूर्यास्त – सायं 17:17:32
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 05:27 ए एम से 06:21 ए एम
🌇 प्रातः सन्ध्या : 05:54 ए एम से 07:15 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 12:08 पी एम से 12:50 पी एम
✡️ विजय मुहूर्त : 02:14 पी एम से 02:56 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 05:41 पी एम से 06:08 पी एम
🌠 सायाह्न सन्ध्या : 05:44 पी एम से 07:05 पी एम
💧 अमृत काल : 07:19 ए एम से 09:06 ए एम
🗣️ निशिता मुहूर्त : 12:02 ए एम, जनवरी 13 से 12:56 ए एम, जनवरी 13
🕉️ सौभाग्य योग – आज दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक
💥 यायीजय योग – आज दोपहर 2 बजकर 25 मिनट से शाम 4 बजकर 37 मिनट तक
☄️ पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र – आज दोपहर 2 बजकर 25 मिनट तक
🚓 यात्रा शकुन-बेसन से बनी मिठाई खाकर यात्रा पर निकलें।
👉🏻 आज का मंत्र-ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरुवै नम:।
🤷🏻‍♀️ आज का उपाय-मंदिर में गुड़ से बनी मिठाई भेंट करें।
🪵 वनस्पति तंत्र उपाय-पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – स्वतंत्रता सेनानी स्वामी विवेकानंद जी जयन्ती, महर्षि महेश योगी, प्रशान्त कुमार पुरुषोत्तम जन्म दिवस, भारतीय क्रांतिकारी सूर्य सेन शहिद दिवस, राजमाता जीजाबाई जन्म दिवस, (भारत रत्न से सम्मानित स्वतंत्रता सेनानी शिक्षा शास्त्री) भगवान दास जन्म दिवस, श्री राजीव गांधी की पुत्री प्रियंका गांधी जन्मोत्सव, स्वतंत्रता सेनानी गोपीनाथ साहा पुण्य तिथि, राष्ट्रीय युवा दिवस, राष्ट्रीय सड़क (सुरक्षा सप्ताह), अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म समारोह दिवस।
✍🏼
विशेष – पञ्चमी तिथि को बिल्वफल त्याज्य बताया गया है। पञ्चमी तिथि को खट्टी वस्तुओं का दान और भक्षण दोनों ही त्याज्य है। पञ्चमी तिथि धनप्रद अर्थात धन देनेवाली तिथि मानी जाती है। यह पञ्चमी तिथि अत्यंत शुभ तिथि भी मानी जाती है। इस पञ्चमी तिथि के स्वामी नागराज वासुकी हैं। यह पञ्चमी तिथि पूर्णा नाम से विख्यात मानी जाती है। यह पञ्चमी तिथि शुक्ल पक्ष में अशुभ और कृष्ण पक्ष में शुभ फलदायीनी मानी जाती है।
🗺️ Vastu tips 🗽
उत्तर-पूर्व दिशा में न बनाएं स्टोर रूम यदि आपने अपने घर की उत्तर-पूर्व दिशा में स्टोर रूम या भंडार ग्रह बनवा रखा है तो जान लीजिये कि वास्तु शास्त्र के अनुसार यह बिल्कुल गलत है। यह इस दिशा को दूषित करने का पहला कारण है। इस दिशा में स्टोर रूम का निर्माण करवाने से पिता–पुत्र के संबंधों में परेशानियां आती हैं और दोनों के बीच अविश्वास बढ़ता है। स्टोर रूम के अलावा इस दिशा में रसोई घर या शौचालय भी नहीं बनवाना चाहिए। इससे पूरे परिवार की सेहत पर विपरित असर पड़ता है।
उत्तर पूर्व दिशा में न रखें जूते-चप्पल भूलकर भी घर की उत्तर पूर्व दिशा में न ही जूते-चप्पल रखने चाहिए और न ही जूते-चप्पल का स्थान बनाना चाहिए। इसके अलावा इस दिशा में गंदी चीजे या कूड़ादान भी नहीं रखना चाहिए। क्योंकि इस दिशा में गंदगी होने से यह दिशा दूषित हो जाती है, जिसके चलते आपके घर की आर्थिक स्थिति खराब होने लगती है।
🗝️ जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
स्किन पर आ जाता है रैशेज़
ऊनी कपड़े को बनाने के लिए ज्यादातर आर्टिफिशियल प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जाता है जिस वजह से ऊनी कपड़ों को पहन कर सोने से स्किन में एलर्जी हो सकती है। जिससे आपको खुजली और रैशेज़ आ सकते हैं। वैसे तो इस मौसम में में रूखी त्वचा के कारण खुजली एक आम समस्या है लेकिन लगातार स्वेटर पहन कर सोने से यह समस्या बढ़ सकती है।
घुटने लगेगा दम गर्म कपड़े ऑक्सीजन का स्तर कम कर देते हैं। इस वजह से कई बार भारी कपड़े पहनने के कारण उलझन महसूस होने लगती है। इस वजह से घुटन और घबराहट जैसी समस्या हो सकती है।
हार्ट पेशेंट्स को होती हैं दिक्कतें सर्दियों में ऊनी कपड़ों के फाइबर हमारी शरीर की गरमी को लॉक कर देते हैं। ऐसे में ये गर्मी डायबिटीज के मरीजों और खासकर हार्ट के मरीजों के लिए खतरनाक बन सकता है।
💉 आरोग्य संजीवनी 🫀
क्या है काला दमा की बीमारी क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज तब होता है जब फेफड़ों की नलियां डैमेज हो जाती है। इसकी शुरुआत पहले नलियों के सिकुड़ने और सूजन की वजह से होती है और धीमे-धीमे ये सांस लेने में दिक्कत पैदा करती है। इससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है और गंभीर स्थितियों में अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है।
काला दमा की बीमारी का कारण-काला दमा की बीमारी के पीछे कई कारण हो सकते हैं और पहला हो सकता है सर्दियों की सर्द हवा जो कि इस बीमारी को ट्रिगर कर सकती है। इसके अलावा इसके कई कारण हो सकते हैं। जैसे कि-
धूल और रसायनों के संपर्क में आने से जिससे फेफड़े खराब हो सकते हैं और सीओपीडी का खतरा बढ़ सकता है।
कोयले की धूल
धूम्रपान करने से
अनाज और आटे की धूल
वेल्डिंग का धुंआ
कैडमियम धूल और धुएं से
आइसोसाइनेट से
📖 गुरु भक्ति योग 🕯️
माता पार्वती को परेशान देख एक बार भोले नाथ ने पूछा भी था कि कैलाश में कोई समस्या है तो मुझे बताओ देवी। लेकिन भगवान भोलेनाथ तो अंतर्यामी ठहरे, उन्होंने पार्वतीजी के मन की बात जान ली। माता पार्वती समझ गईं कि शिव शंकर ने उनके दिल की बात जान ली है। वह बोलीं, अगर आप मेरे मन की बात जान ही गए हैं तो भी आप मेरी इच्छा पूर्ण नहीं कर सकते।
भगवान शिव शंकर मुस्कराए और बोले मैं तुम्हे ननद तो लाकर दे दूं, लेकिन क्या आप उसके साथ निभा पाएंगी? इसके बाद शंकरजी ने अपनी माया से एक देवी को उत्पन्न किया। हालांकि उनका रूप बड़ा विचित्र था, वह बहुत मोटी थीं और उनके पैरों में काफी दरारें थीं। शिव ने उनका नाम असावरी देवी रखा।
माता पार्वती अपनी ननद को देखकर काफी खुश हुईं। इस तरह माता पार्वती को ननद मिल गई। माता पार्वती ने असावरी देवी को स्नान करवाया और फिर भोजन पर आमंत्रित किया। लेकिन असावरी देवी ने जब खाना शुरू किया तो माता पार्वती के सारे भंडार खाली हो गए। महादेव और अन्य कैलाश वासियों के लिए कुछ भी शेष न रहा। ननद के ऐसे व्यवहार से माता पार्वती को काफी बुरा लगा, लेकिन उन्होंने किसी से कुछ नहीं कहा।
इसके बाद माता पार्वती ने असावरी देवी को पहनने के लिए नए वस्त्र भेंट किए मगर वह इतनी मोटी थीं कि उन्हें वस्त्र छोटे पड़ गए। इसके बाद माता पार्वती दूसरे वस्त्र लेने गईं तो असावरी देवी ने अपनी भाभी के साथ मजाक करना शुरू कर दिया।
ननद असावरी देवी ने हंसी ठिठोली करते हुए अपनी भाभी को अपने पैरों की दरारों में छुपा लिया। पार्वती जी के लिए दरारों में सांस लेना भी मुश्किल हो गया। उसी समय उधर से शंकर जी माता पार्वती को खोजते हुए आ गए और असावरी देवी से बोले आपको मालुम है पार्वती कहां है?
असावरी देवी ने शरारत भरे लहजे में कहा, मुझे क्या मालुक कहां है भाभी? तभी शिव शंकर समझ गए कि असावरी देवी कोई शरारत कर रही है।उन्होंने कहा, सत्य बोलो मैं जानता हूं तुम झूठ बोल रही हो।
असावरी देवी जोर-जोर से हंसने लगी और जोर से अपना पैर जमीन पर पटक दिया तभी पैर की दरारों में दबी माता पार्वती झटके के साथ बाहर आ गईं।
ननद के इस व्यवहार से माता पार्वती का मन बहत ज्यादा दुखी हुआ। वह गुस्से में भगवान भोलेनाथ से बोलीं आप की विशेष कृपा होगी अगर आप अपनी बहन को ससुराल भेज दें। मुझसे गलती हो गई जो मैंने ननद की इच्छा की।
भगवान भोलेनाथ समझ गए कि भाभी-ननद में बहुत पटने वाली नहीं है। इसके बाद उन्होंने असावरी देवी को कैलाश पर्वत से विदा कर दिया। प्राचीन काल से आरंभ हुआ ननद भाभी के बीच नोक-झोंक का सिलसिला आज तक चल रहा है।
𖡼•┄•𖣥𖣔𖣥•┄•𖡼🙏🏻𖡼•┄•𖣥𖣔𖣥•┄•𖡼

⚜️ पञ्चमी तिथि में शिव जी का पूजन सभी कामनाओं की पूर्ति करता है। आज पञ्चमी तिथि में नाग देवता का पूजन करके उन्हें बहती नदी में प्रवाहित करने से भय और कष्ट आदि की सहज ही निवृत्ति हो जाती है। ऐसा करने से यहाँ तक की कालसर्प दोष तक की शान्ति हो जाती है। अगर भूतकाल में किसी की मृत्यु सर्पदंश से हुई हो तो उसके नाम से सर्प पूजन से उसकी भी मुक्ति तक हो जाती है।
पञ्चमी तिथि बहुत ही शुभ मानी जाती है। इस तिथि में जन्म लेने वाला व्यक्ति गुणवान होता है। इस तिथि में जिस व्यक्ति का जन्म होता है वह माता पिता की सेवा को ही सर्वश्रेष्ठ धर्म समझता है। इनके व्यवहार में उत्तम श्रेणी का एक सामाजिक व्यक्ति दिखाई देता है। इनके स्वभाव में उदारता और दानशीलता स्पष्ट दिखाई देती है। ये हर प्रकार के सांसारिक भोग का आनन्द लेते हैं और धन धान्य से परिपूर्ण जीवन का आनंद उठाते हैं।

Related Articles

Back to top button