Aaj ka Panchang आज का पंचांग बुधवार, 19 अप्रैल 2023

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
जय श्री हरि
🧾 आज का पंचांग 🧾
बुधवार 19 अप्रैल 2023
ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात ।।
☄️ दिन (वार) – बुधवार के दिन तेल का मर्दन करने से अर्थात तेल लगाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है धन लाभ मिलता है।
बुधवार का दिन विघ्नहर्ता गणेश का दिन हैं। बुधवार के दिन गणेश जी के परिवार के सदस्यों का नाम लेने से जीवन में शुभता आती है।
बुधवार के दिन गणेश जी को रोली का तिलक लगाकर, दूर्वा अर्पित करके लड्डुओं का भोग लगाकर उनकी की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
🔮 शुभ हिन्दू नववर्ष 2023 विक्रम संवत : 2080 नल, शक संवत : 1945 शोभन
🌐 संवत्सर नाम अनला
🔯 शक सम्वत : 1945 (शोभकृत् संवत्सर)
☸️ काली सम्वत् 5124
🕉️ संवत्सर (उत्तर) पिंगल
☣️ आयन – उत्तरायण
☀️ ऋतु – सौर वसंत ऋतु
🌤️ मास – वैशाख मास
🌖 पक्ष – कृष्ण पक्ष
📆 तिथि – चतुर्दशी 11:23 AM तक उसके बाद अमावस्या है ।
✏️ तिथि स्वामी – चतुर्दशी तिथि के देवता हैं शंकर।चतुर्दशी तिथि में भगवान देवदेवेश्वर सदाशिव की पूजा करके मनुष्य समस्त ऐश्वर्यों से समन्वित हो जाता है ।
💫 नक्षत्र – नक्षत्र रेवती 11:53 PM तक उपरांत अश्विनी |
🪐 नक्षत्र स्वामी – रेवती नक्षत्र के देवता पूषा हैं तथा नक्षत्र स्वामी बुध है।
🔊 योग-वैधृति योग 03:25 PM तक, उसके बाद विष्कुम्भ योग
⚡ प्रथम करण : शकुनि – 11:23 ए एम तक
✨ द्वितीय करण – चतुष्पाद – 10:29 पी एम तक
🔥 गुलिक काल : बुधवार का शुभ (गलिक काल) 10:43 ए एम से 12:20 पी एम
⚜️ दिशाशूल – बुधवार को उत्तर दिशा में दिशा शूल होता है ।इस दिन कार्यों में सफलता के लिए घर से सुखा / हरा धनिया या तिल खाकर जाएँ ।
🤖 राहुकाल : – बुधवार को राहुकाल दिन 12:00 से 1:30 तक राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |
🌞 सूर्योदयः- प्रातः 05:52:00
🌅 सूर्यास्तः- सायं 06:49:00
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 04:24 ए एम से 05:08 ए एम
🌇 प्रातः सन्ध्या : 04:46 ए एम से 05:52 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : कोई नहीं
🔯 विजय मुहूर्त : 02:30 पी एम से 03:22 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 06:48 पी एम से 07:10 पी एम
🌃 सायाह्न सन्ध्या : 06:49 पी एम से 07:55 पी एम
💧 अमृत काल : 09:36 पी एम से 11:07 पी एम
🗣️ निशिता मुहूर्त : 11:58 पी एम से 12:42 ए एम, अप्रैल 20
🚓 यात्रा शकुन-हरे फ़ल खाकर अथवा दूध पीकर यात्रा पर निकलें।
👉🏽 आज का मंत्र-ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:।
🤷🏻♀️ आज का उपाय-पीपल के नीचे पंचमुखा दीपक प्रज्वलित कर मिष्ठान व जल भेंट करें।
🪵 वनस्पति तंत्र उपाय-अपामार्ग के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – पितृकार्य अमावस्या/ विश्व लीवर दिवस, नेशनल पिज्जा पार्टी डे, इंटरनेशनल वर्चुअल असिस्टेंट्स डे, नेशनल डेविल्स फूड केक डे, नेशनल NASCAR डे, नेशनल बाइक टू वर्क डे, फ़ायर सर्विस सप्ताह, भारत द्वारा उपग्रह क्षेत्र में प्रवेश दिवस (1975), विश्व यकृत दिवस, पंचक समाप्त
✍🏼 विशेष – चतुर्दशी तिथि को शहद त्याज्य होता है। चतुर्दशी तिथि को एक क्रूरा तिथि मानी जाती है। इतना ही नहीं चतुर्दशी तिथि को उग्रा तिथि भी माना जाता है। यह चतुर्दशी तिथि रिक्ता नाम से विख्यात मानी जाती है। यह चतुर्दशी तिथि शुक्ल पक्ष में शुभ और कृष्ण पक्ष में अशुभ फलदायिनी मानी जाती है। इस चतुर्दशी तिथि के देवता भगवान शिवजी हैं।
🏘️ Vastu tips 🏚️
बाँसुरी का उपयोग वास्तु शास्त्र और ग्रह दोष निवारण में बहुत ही उपयोगी है। वास्तु में बीम संबंधी दोष, द्वार वेध, वृक्ष वेध आदि के निराकरण में इसका प्रयोग होता है। द्वार वेध में बांसुरी को लाल या पीले रिबन से लपेटकर मुख्य द्वार पर कर थोड़ा तिरछा करके लगाना चाहिए तथा इसका मुंह नीचे की तरफ होना चाहिए।
द्वार वेध के दोष को दूर करने के लिए शंख, सीप, कौड़ी या समुद्री झाग को लाल कपड़े में बांधकर मौली से दरवाजे पर लटकाना चाहिए।
घर के मुख्य द्वार पर सिंदूर से स्वस्तिक का नौ अंगुल लंबा तथा नौ अंगुल चैड़ा बनाने से वास्तुदोष के प्रभाव में कमी आती है।
चांदी का एक तार घर के मुख्य फाटक के नीचे दबाने और पंचमुखी हनुमान जी का फोटो लगाने से भी द्वार वेध दूर होता है
♻️ जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
क्रोध से बचने के उपाय :
एकांत में आर्तभाव से व सच्चे ह्रदय से भगवान से प्रार्थना कीजिये कि ‘हे प्रभो ! मुझे क्रोध से बचाइये |’
जिस पर क्रोध आ जाय उससे बड़ी नम्रता से, सच्चाई के साथ क्षमा माँग लीजिये |
सात्त्विक भोजन करे | लहसुन, लाल मिर्च एवं तली हुई चीजों से दूर रहें | भोजन चबा-चबाकर कम-से-कम 15 मिनट तक करें | क्रोध की अवस्था में या क्रोध के तुरंत बाद भोजन न करें | इस प्रयोग को करने से क्रोध से सुरक्षा तो सहज में ही हो जाती है और साथ-ही-साथ चित्त भगवद आनंद, माधुर्य से भी भर जाता है |
🍃 आरोग्य संजीवनी ☘️
“आप अपने घरों में देशी गाय के गोबर के कंडे पर अगर एक चमच्च मतलब 8 – 10 मि. ली. घी की बुँदे डालकर धूप करते हैं तो एक टन शक्तिशाली वायु बनती है | इससे मनुष्य तो क्या, कीट – पतंग और पशु- पक्षियों को भी फायदा होता है | ऐसा शक्तिशाली भोजन दुनिया की किसी चीज से नहीं बनता | वायु जितनी बलवान होगी, उतना बुद्धि, मन, स्वास्थ्य बलवान होंगे |”
( गौ-गोबर व विभिन्न जड़ी-बूटियों से बनी ‘गौ-चंदन’ धूपबत्ती आश्रमों में व समितियों के सेवाकेन्द्रों पर उपलब्ध है | उसे जलाकर उस पर देशी गाय के घी अथवा घानीवाले खाद्य तेल या नारियल तेल की बुँदे डाल के भी उर्जावन प्राणवायु बनायी जा सकती है |)
📖 गुरु भक्ति योग
आचार्य श्री गोपी राम ने शास्त्र में जीवन के कई पहलुओं का वर्णन किया है। जिसमें दुख-सुख, व्यापार, करियर, धन, रिश्ते, पति-पत्नी व बच्चों आदि से जुड़ी बातें बताई हैं। कहते हैं कि हमारी नीतियों का पालन कठिन है। लेकिन जिस व्यक्ति ने भी इन्हें जीवन में अपना लिया उसे कम ही असफलता का सामना करना पड़ता है। एक श्लोक के जरिए आचार्य श्री गोपी राम ने बताया है कि कौन-सी बातें मृत्यु के समान होती हैं।
दुष्टा भार्या शठं मित्रं भृत्यश्चोत्तरदायकः।
ससर्पे च गृहे वासो मृत्युरेव न संशयः।।
इस श्लोक में हम कहते हैं कि दुष्ट स्वभाव वाली, कठोर वचन बोलने वाली, दुराचारिणी स्त्री, दुष्ट स्वभाव वाला मित्र, सामने बोलने वाला मुंहफट नौकर और ऐसे में निवास जहां सांप होने की संभावना हो, ये सब बातें मृत्यु के समान हैं।
आचार्य श्री गोपी राम के अनुसार, जिस घर में दुष्ट स्त्रियां होती हैं, वहां गृहस्वामी की स्थिति किसी मृतक के समान ही होती है। क्योंकि ऐसा व्यक्ति अंदर ही अंदर कुढ़ते हुए मृत्यु की ओर सरकता रहता है। इसी तरह दुष्ट स्वभाव वाला मित्र भी विश्वास के योग्य नहीं होता, पता नहीं होता कब धोखा दे दे। जो नौकर या आपके अधीन काम करने वाला कर्मचारी उलटकर आपके सामने जवाब देता है, वह कभी भी आपको असहनीय हानि पहुंचा सकता है। इसी तरह से जहां सांपों का वास हो, वहां रहना रहना भी खतरनाक है। न जाने कब सर्पदंश का शिकार होना पड़ जाए।
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⚜️ चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव का ज्यादा-से-ज्यादा पूजन, अर्चन एवं अभिषेक करना करवाना चाहिये। सामर्थ्य हो तो विशेषकर कृष्ण पक्ष कि चतुर्दशी तिथि को विद्वान् वैदिक ब्राह्मणों से विधिवत भगवान शिव का रुद्राभिषेक करवाना चाहिये। आज चतुर्दशी तिथि में भगवान् शिव का रुद्राभिषेक यदि शहद से किया करवाया जाय तो इससे मारकेश कि दशा भी शुभ फलदायिनी बन जाती है। जातक के जीवन कि सभी बाधायें निवृत्त हो जाती है और जीवन में सभी सुखों कि प्राप्ति सजह ही हो जाती है।
जिस व्यक्ति का जन्म चतुर्दशी तिथि को होता है वह व्यक्ति नेक हृदय का एवं धार्मिक विचारों वाला होता है। इस तिथि को जन्मा जातक श्रेष्ठ आचरण करने वाला होता है अर्थात धर्म के मार्ग पर चलने वाला होता है। इनकी संगति भी उच्च विचारधारा रखने वाले लोगों से होती है। ये बड़ों की बातों का पालन करते हैं तथा आर्थिक रूप से सम्पन्न होते हैं। देश तथा समाज में इन्हें उच्च श्रेणी की मान-प्रतिष्ठा प्राप्त होती है।