आधुनिक युग में परंपरा की मिसाल: बैलगाड़ी से खाद लेने पहुंचे बुजुर्ग दंपत्ति
सिलवानी। जहां एक ओर खेती-किसानी ने आधुनिक स्वरूप धारण कर लिया है और किसान ट्रैक्टर, आधुनिक मशीनरी तथा तकनीकी साधनों के माध्यम से खेती को नई दिशा दे रहे हैं, वहीं कुछ किसान आज भी अपनी परंपराओं से जुड़े रहकर समाज में मिसाल पेश कर रहे हैं। ऐसा ही प्रेरणादायक दृश्य सिलवानी नगर की कृषि प्रतिष्ठान पर देखने को मिला।
ग्राम जुनिया चौका निवासी बुजुर्ग किसान हल्के सिंह ठाकुर अपनी धर्मपत्नी जानकीबाई ठाकुर के साथ बैलगाड़ी में सवार होकर प्रतिष्ठान पर खाद लेने पहुंचे। जैसे ही उनकी बैलगाड़ी दुकान के सामने रुकी, वहां मौजूद लोगों को आश्चर्य हुआ कि आज भी कोई किसान पारंपरिक ढंग से खेती और आवागमन करता है।
हल्के सिंह ठाकुर ने बताया कि वे वर्षों से बैलगाड़ी का उपयोग कर रहे हैं और आज भी इसी माध्यम से खेत तक खाद, बीज और फसलें ले जाते हैं। उनका कहना है कि आधुनिक यंत्रों की उपयोगिता अपने स्थान पर सही है, लेकिन पारंपरिक खेती में जो सादगी, आत्मीयता और अपनापन है, वह मशीनों में नहीं मिलता।”इस अवसर पर समैया एग्रीकल्चर प्रतिष्ठान के संचालक प्रवीण समैया (लालू) ने बुजुर्ग किसान का सम्मान करते हुए उन्हें मिठाई का डिब्बा भेंट किया।
प्रतिष्ठान पर उपस्थित लोगों ने भी इस दृश्य को देखकर कहा कि हल्के सिंह ठाकुर और उनकी धर्मपत्नी आज की युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत हैं। तेज़ी से बदलते समय में भी उन्होंने अपनी ग्रामीण परंपरा, मेहनत और संस्कारों को जीवित रखा है जो हमारे समाज की असली पहचान है।



