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कोरोना वैक्सीन के लिए बहुत बड़ी खबर : अब 12 से 15 साल के बच्चों को लगेगा कोरोना टीका….. इस कंपनी को मिली मंजूरी

नई दिल्ली। कोरोना काल में ब्रिटेन से बड़ी खबर सामने आई है जहां पर बच्चों को भी कोरोना का टीका लगाया जाएगा. बताया गया है कि फाइजर कंपनी को मंजूरी दे दी गई है और बहुत जल्द 12 से 15 साल के बच्चों वैक्सीन लगाने का सिलसिला शुरू हो जाएगा।
कोरोना से बचाव के लिए विश्व के सभी देशों में वैक्सीनेशन अभियान चलाया जा रहा है. लेकिन बच्चों को लेकर काफी देशों में अभी भी वैक्सीनेशन को मंजूरी नहीं मिली है. ऐसे में बिट्रेन से एक बड़ी खबर सामने आई है जहां पर बच्चों को भी कोरोना का टीका लगाया जाएगा. बताया गया है कि यहां पर फाइजर कंपनी को वैक्सीनेशन की मंजूरी दे दी गई है और बहुत जल्द 12 से 15 साल के बच्चों को वैक्सीन लगाने का सिलसिला शुरू हो जाएगा।
ब्रिटेन में बच्चों को लगेगा कोरोना टीका
ब्रिटेन में काफी समय से फाइजर वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल चल रहा था, बच्चों पर लगातार अध्ययन जारी था. अब उस अध्ययन के आधार पर ही कहा जा रहा है कि फाइजर की वैक्सीन बच्चों पर प्रभावी है और कोरोना के खतरे को कम करने वाली साबित हुई है. इस बारे में ब्रिटेन की रेगुलेटरी अथॉरिटी ने विस्तार से बताया है. कहा गया है कि हमने पहले क्लीनिकल ट्रायल के नतीजों को अच्छे से अध्ययन किया है. हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि फाइजर की वैक्सीन बच्चों के लिए सुरक्षित और असरदार है।
अमेरिका ने भी कर दिया था ऐलान
बता दें कि इससे पहले अमेरिका भी बच्चों के लिए फाइजर वैक्सीन को मंजूरी दे चुका है. वहां भी 12 साल तक के बच्चों को फाइजर की वैक्सीन लगाई जाएगी. लेकिन भारत में अभी इस एज ग्रुप के लिए टीकाकरण का ऐलान नहीं किया गया है. ट्रायय शुरू हो रहे हैं, लेकिन अभी इस प्रक्रिया में काफी समय जाने वाला है. ऐसे में सरकार अभी 18+ को टीका लगाने पर जोर देने जा रही है, इसके बाद ही बच्चों को इस अभियान में शामिल किया जाएगा।
ये जानकारी जरूर सामने आई है कि भारतीय कंपनी जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन को बच्चों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. खबर है कि कंपनी की तरफ से अभी बच्चों पर ट्रायल किया जा रहा है. नतीजों के आधार पर ही आगे कोई फैसला लिया जाएगा. वैसे जायडस कैडिला भारत के लिए बड़ी उम्मीद इसलिए भी है क्योंकि इस कंपनी की तरफ से मोनोक्लोनल एंटीबॉडी आधारित कॉकटेल को कोरोना मरीजों के इलाज के लिए विकसित किया जा रहा है।
इस कंपनी द्वारा सितंबर तक 5 करोड़ वैक्सीन डोज दी जा सकती हैं. ऐसे में कंपनी भी दो हफ्तों के भीतर ड्रग कंट्रोलर से वैक्सीन के इमरजेंसी अप्रूवल के लिए एप्लीकेशन दे सकती है।
कोरोना की तीसरी लहर बच्चों पर भारी
वैसे कहा जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए घातक साबित हो सकती है. ऐसे में अब बच्चों के टीकाकरण को लेकर भी लगातार दवाब बन रहा है. अब इस पर सरकार की तरफ से अहम फैसला कब तक होता है, इसका सभी को इंतजार रहेगा. अभी के लिए भारत से पहले अमेरिका और ब्रिटेन ने इस दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं।

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