मोबाइल गेम की लत के शिकार हो रहे बच्चे, परिजनों को सावधानी बरतने की है जरूरत, बंद हो ऐसे मोबाइल गेम्स
फ्री फायर गेम के शौकीन जिले में कम नहीं
रिपोर्टर : शिवलाल यादव, रायसेन।
रायसेन। मोबाइल गेम के फ्री फायर के कारण अब बच्चे बीमार पड़ने लगे हैं।बच्चे मानसिक रूप से बीमारी, आंखों की बीमारी की चपेट में आ रहे हैं।भारत देश में तरह तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं। इस मोबाइल गेम की लत के शौकीनों की संख्या कम नहीं है। इस बुरी लत से अभिभावकों को अपने बच्चों को बचाने की सावधानी बरतने की सख्त जरूरत है।ताकि अपने बच्चों को समय रहते हुए इस बुरी जालसाजी से बचाया जा सके।
गौरतलब है कि ऑनलाइन खेले जाने वाले मोबाइल गेम के फ्री फायर गेम खेलने के शिकार जिले में कई बच्चे बीमार पड़ चुके हैं। फ्री फायर गेम्स की वजह से कई बच्चे बहक चुके हैं।
रायसेन शहर सहित जिले के हजारों युवा युवतियां भी इस फ्री फायर गेम अछूते नहीं हैं। हालात यह है कि जिले भर में हजारों बच्चे इस गेम की लत में जकड़े हुए हैं। यदि समय रहते इस गंभीर मामले में ध्यान नहीं दिया गया तो हालात और भी बिगड़ सकते हैं।अन्य जिलों की तरह इसी तरह स्थिति बिगड़ सकती है।
एक्सपर्ट व्यू …..
@ कई एप्लिकेशन हैं जिसके चलते आप बच्चों ने मोबाइल में कब क्या और कितनी बार देखा है।
@ बच्चों को खुद का काम खुद करने दें।जरूरत से ज्यादा डिमांड को अभिभावक कंट्रोल कर के रखें।
@ गुस्सा या पिटाई करने की बजाय बच्चों को प्यार से समझाने की कोशिश करें तो बेहतर होगा।
@ बच्चों के स्वभाव में अगर बदलाव दिखे तो उन्हें समझाने का प्रयास करें।अकेलापन महसूस उन्हें बिल्कुल नहीं होने दें।
@ बच्चों के साथ दोस्तों की तरह व्यवहार करें।वास्तव मे उन्हें यह महसूस न होने न दें परिवार उनके साथ खड़ा है।
डॉ एसके टंडन मनोवैज्ञानिक चिकित्सक
बदलनी होगी यह तस्वीर …
कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई बच्चों की मजबूरी बन गई है। लेकिन घर में बच्चा स्मार्ट फोन लेकर पढ़ाई कर रहा है या कुछ और कर रहा है। यह देखने की जरूरत फिलहाल परिजनों की है। नीतू यादव गृहणी रायसेन
एक्टिशन को पहचाने बच्चों को थोड़ा समय दें अभिभावक
बच्चों को बंद कमरे में ऑनलाइन पढाई करने की बजाय घर के परिजनों के बीच स्टडी के लिए बच्चों को प्रेरित करें। पढ़ाई के अलावा घर के अन्य कामकाजों में बच्चों को सहभागी बनाएं। घर में कोई भी निर्णय लेने के लिए बच्चों की राय जरूर लें अभिभावक। मोबाइल फोन की वजह से बच्चा बात बात में उत्तेजित हो रहा तो यह मोबाइल एडिक्शन के लक्षण हैं। किसी मनोवैज्ञानिक चिकित्सक से भी परामर्श लें सकते हैं।
डॉ दीपक कुमार गुप्ता मेडिकल ऑफिसर