कृषिमध्य प्रदेश

सीएम के आदेश की उड़ाई जा रही धज्जियां, सड़कों पर दर-दर भटक रहा गौवंश, गौशाला पड़ी ठप्प

रिपोर्टर : मनीष यादव1
पलेरा । जनपद पंचायत पलेरा की अधिकांश पंचायत में शासन द्वारा गौशालाएं संचालित की जा रही है लेकिन गौशालाओं का प्रबंध सही ढंग से न होने के कारण गौवंश सड़कों पर दर-दर भटक रहा है शासन से मिलने वाली राशि का बंदरबाट किया जा रहा है और अनुदान की राशि ठिकाने लगाई जा रही है। गौरतलब है कि सड़कों पर भटक रहे आवारा गोवंश एक गंभीर समस्या है, और यह चिंता का विषय है कि गौशालाएं भी बंद पड़ी हैं। कई जगहों पर आवारा पशुओं के कारण सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है, और इससे लोगों और पशुओं दोनों को नुकसान हो सकता है।
सड़कों पर आवारा गोवंश पशुओं का गोबर भी सड़क पर खतरा पैदा करता है, जिससे लोग फिसल सकते हैं।
आवारा पशुओं के कारण यातायात में भी बाधा उत्पन्न होती है। पलेरा जनपद क्षेत्र की
गौशालाएं बंद पड़ी हैं, जिससे आवारा पशुओं के लिए आश्रय की कमी हो गई है वहीं लगातार बारिश होने से गोवंश को खुले आसमान के नीचे मजबूरन खड़े होना पड़ रहा है।
वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने तमाम जिलों के कलेक्टरों को पिछले दिनों आदेश दे चुके हैं कि गोवंश की गौशाला में मौजूदगी सुनिश्चित की जाए किसी भी सूरत में सड़कों और गली मोहल्ले में गोवंश की मौजूदगी नजर ना आए लेकिन सीएम का आदेश भी बेअसर साबित हो रहा है।
सबसे बड़ी बात तो यह है कि गौशाला संचालक व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार कर रहे हैं गोवंश सड़कों और गली मोहल्लों में अपने पेट की भूख मिटाने के लिए भटक रहे हैं लेकिन गोवंश की भूख का हिस्सा गौशालाओं के संचालक अपना पेट भर रहे हैं। क्षेत्र में गौशालाओं के संचालन के नाम पर मिलने वाला सरकारी अनुदान हड़प्पा जा रहा है इस भ्रष्टाचार में सिर्फ गौशालाओं के संचालक ही नहीं बल्कि जिम्मेदार प्रशासनिक अमला भी शामिल है जांच होते हैं वरिष्ठ अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों से जवाब तलब भी करते हैं लेकिन दूसरों के खिलाफ कार्रवाई ना के बराबर होती है।

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