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खेल मैदान स्टेडियम के अभाव मे गौरझामर की खेल गतिविधियां शून्य

रिपोर्टर : कुंदनलाल चौरसिया1
गौरझामर । खेल मेंदान स्टेडियम के बिना गौरझामर सर्किल की खेल गतिविधियां अचानक से शून्य हो गई है गौरझामर क्षेत्र शुरु से ही खेल गतिविधियो का केन्द्र रहा है यही कारण है की यहां की खेल प्रतिभाये हमेशा अव्वल रही है खेल विधा में सर्वधा अग्रणी रहने वाले गौरझामर मे दो दो हायर सेकेण्डरी स्कूलों के होते हुए यहां हर समय टुर्नामेंट के आयोजन यहां की शान रहे है खेलो के बढते आयोजनो को देखते हुए पूर्व विधायक डा, भानुराणा के कार्यकाल मे एक स्टेडियम वमुश्किल यहां के गडरिया ढोंगे पर बनाया गया था लेकिन दुर्भाग्यवश इसका समय पर पूरा काम कम्पलीट नही हो पाने के कारण यह आज भी उद्घाटन के इन्तजार मे खडा खडा जीर्ण शीर्ण हो गया पूरा नही बन पाने से इसका उद्घाटन आज तक नही हो पाया परिणाम स्वरुप स्टेडियम के इस स्थिति मे रहने पर किसी ने इसके पुनरुध्दार के विषय में सोचा ही नही की करीब तीस हजार की जनसंख्या वाले जिले के सबसे बडे व केन्द्रिय व पोषक नगर गौरझामर मे निर्माणाधीन खंडहर पडे इस स्टेडियम की खोज खबर लेकर इसे वास्तविक स्वरुप मे ला सके खेल प्रतिभाओ की वर्तमान स्थिति, न घर के न घाट के जैसी हो गई है गौरझामर मे अन्यत्र ऐसा कोई खेल मेंदान अथवा जगह नही है जहां स्कूली बच्चे टुर्नामेंट खेल सके ले दे कर एक गढडिया ढोगे का खेलने का मैदान बचा था जहां पर शासन ने ऐसा स्टेडियम बनाया जिसका अस्तित्व लोगो की समझ से परे है खेल प्रतिभाओ छात्राओ छात्राओ ने प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय डा मोहन यादव से गुजारिश की है की गौरझामर के गडरिया ढोंगे पर बने अधबने स्टेडियम की जांच कराने व इसे पूरा बनाने के आदेश जारी करे जिससे कुण्ठा व अवसाद मे मन मसोस कर घर बैठे खिलाडियो को अच्छा अनुकूल खेल स्टेडियम मिल सके व वह अपनी खेल प्रतिभा को निखार सके।

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