कृषि

किसानों को अब बोतल में मिलेगी नैनो यूरिया, एक एकड़ में आधा लीटर लगेगी, सस्ती भी होगी

रिपोर्टर : शिवलाल यादव, रायसेन
रायसेन।
देश प्रदेश में यूरिया खाद की किल्लत को दूर करने के लिए इंडियन फार्मर फर्टिलाइजर को- आपरेटिव लिमिटेड (इफको) द्वारा नैनो यूरिया (तरल) का उत्पादन शुरू किया गया है। उत्तरप्रदेश के बाद इसे मध्यप्रदेश के किसानों को उपलब्ध कराने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इस साल प्रयोग बतौर नैनो यूरिया सांची विकास खंड के उन्नतशील किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है।
अगले साल मांग के अनुरूप उपलब्ध कराई जाएगी नैनों यूरिया खाद….,
गेहूं व सरसों की खेती के लिए नैनो यूरिया उत्पादन में कितना सहायक होगा, यह फसलों की कटाई के बाद सामने आएगा। इसके बाद इसके परिणामों से जिले के किसानों को अवगत कराया जाएगा और अगले साल मांग के अनुरूप डिमांड भेजी जाएगी। यहां बता दें नैनो यूरिया तरल एक नया और अनोखा खाद है जिसे इफको द्वारा नैनो बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर में विकसित किया गया है।
इसकी पहली खेप उत्तरप्रदेश के लिए भेजी गई थी और अब मध्यप्रदेश के खेतों में भी गेहूं व सरसों की बोवनी से लेकर टॉप ड्रेसिंग के लिए तरल यूरिया का नवाचार होगा। इस बार जिले के सांची विकास खंड में 1500 लीटर नैनो यूरिया उपलब्ध कराया गया है। कृषि अधिकारियों का कहना है कि प्रारंभिक तौर पर लोगों को इसके उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसमें वृद्धि के बाद ही नैनो यूरिया की मांग बढ़ाई जाएगी।
सीमित मात्रा में उपयोग असरकारक
कृषि उप संचालक शिवराज सिंह यादव का कहना है कि इफको नैनो यूरिया के एक कण का आकार लगभग 30 नैनोमीटर होता है। अपने अति सूक्ष्म आकार और सतही विशेषताओं के कारण नैनो यूरिया को पत्तियों पर छिड़के जाने से पौधों द्वारा आसानी से अवशोषित कर लिया जाता है। ये कण वहां पहुंचकर संतुलित मात्रा में पोषक तत्व प्रदान करते हैं।
पौधों को 55 फीसदी ज्यादा लाभ होगा
कृषि विशेषज्ञों सहित कृषि विज्ञान केंद्र नकतरा के कृषि वैज्ञानिक डॉ स्वप्निल दुबे के अनुसार बोरी की खाद सिर्फ 30 फीसदी ही पौधों को मिल पाती है और बोतल वाली यानी नैनो यूरिया 85 प्रतिशत पौधों को मिलती है। 45 किलो यूरिया एक एकड़ में डाली जाती है। इस पर सरकार को सब्सिडी भी देना पड़ती है। किसानों को सब्सिडी पर यह मात्र 266.50 रुपये में उपलब्ध कराई जाती है। इस पर इस पर केंद्र की मोदी और एमपी की शिवराज सरकार 833 रुपये की सब्सिडी देती है।

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