मध्य प्रदेश

स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले की स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल, 85 गांव के अस्पताल में तीन डॉक्टर पदस्थ, काम पर एक भी नही

दो डॉक्टर अटेच, तो एक घर बैठे ले रही वेतन
मृगांचल एक्सप्रेस की ज़ीरो ग्राउंड रिपोर्ट।

रायसेन जिले के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र सिलवानी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जैथारी में तीन डॉक्टरों की पदस्थापना……लेकिन तीनों वहां सेवा पर नहीं……यानी इस आदिवासी क्षेत्र के 85 गांवों के ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवाएं निचले स्वास्थ्य अमले द्वारा ही नहीं के बराबर मिल रही हैं। कमाल का आलम तो यह है कि दो डॉक्टर अन्यत्र अटेचमेंट पर हैं और एक महिला डॉ ज्योति मालवीय को तो पिछले दस महीने से किसी ने अस्पताल आते जाते देखा ही नहीं….. मतलब बो आती ही नहीं हैं……लेकिन हर माह की सैलरी बाकायदा उनके एकाउंट में पहुँच जाती है….शासकीय रिकार्ड में डाक्टर्स के तीनों पद भरे हैं इसलिए यहां नई पदस्थापना नही हो पाती….कोरोना काल….ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना का कहर…..स्वास्थ्य मंत्री का गृह जिला….. और लापरवाही का यह आलम…..कोरोना काल में ज्यादा ही डराता है।
मामला प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी के गृह जिले रायसेन का है।


सिलवानी। प्रदेश सरकार नागरिको को स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य कई लुभावने योजनायें लागू कर एक्समा लगाया गया है। वैसे भी डॉक्टर को धरती का भगवान का रूप माना गया है। वही डॉक्टर अब जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करते नजर आ रहे है।
पूरा मामला प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी के गृह जिले एवं विधायक पूर्व मंत्री रामपालसिंह राजपूत के विधानसभा का आदिवासी बाहुल्य विकासखंड सिलवानी का है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र जैथारी में स्वास्थ्य विभाग द्वारा तीन डॉक्टर की पदस्थापना की गई है। और बकायदा उन डॉक्टर को वेतन भी दिया जा रहा है। एक डॉ. प्रतीक शर्मा प्राथमिक स्वास्थ्य देवनगर, तो डॉ. महेन्द्र धाकड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र उदयपुरा में अपनी सेवाये दे रहे है। डॉ. ज्योति मालवीय की पदस्थापना दस माह पूर्व की गई थी, डॉ. ज्योति मालवीय ने स्थापना काल से ही अपनी पदस्थापना स्थल प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र जैथारी नहीं पहुंची। और ना ही किसी अन्य स्वास्थ्य केन्द्र में अटेच है ?
वैश्विक महामारी कोरोना कॉल में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र जैथारी के अंतर्गत आने वाले 85 ग्रामों के नागरिकों का इलाज किसके भरोसे छोड़ दिया, इन ग्रामों में क्या बीमारी नही फैली ? या इनका ग्रामों में इंसान नही रहते ? फिर इतनी बड़ी लापरवाही क्यों ?
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र नर्स श्रीमति कांता कुशवाहा ने बताया कि पिछले वर्ष से यहां कोई डॉक्टर नहीं है। डॉ. धाकड़ के बाद कोई भी डॉक्टर की पदस्थापना नहीं हुई, ऐसा ही कहना ए.एन.एम. पूजा का भी है वह 6 माह पूर्व ही ज्वाइन कर सेवाये दे रही । लेकिन कोई डॉक्टर नहीं है।
ग्राम पंचायत जैथारी के सरपंच का कहना है कि क्षेत्र के लोग कई बार प्रशासन से डॉक्टर की पदस्थापना करने की मांग कर चुके है। 85 गांब के लोग गंभीर बीमारी, या दुर्घटना होने पर सिलवानी जाना पड़ता है तब तक गंभीर मरीज की रास्ते में ही मौत हो जाती है।
इस संबंध ब्लाक मेडीकल ऑफीसर डॉ. एच.एन. माण्डरे क कहना है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र जैथारी में तीन डॉक्टर की पदस्थापना है। तीनों ही डॉक्टर को वरिष्ठ कार्यालय द्वारा अटेच किया गया है। डॉ. प्रतीक षर्मा देवनगर, डॉ. महेन्द्र धाकड़ उदयपुरा में है। डॉ. ज्योति मालवीय की पदस्थापना कहां है ? वह जबाब नही दे पाये। वरिष्ठ कार्यालय ही जानकारी दे सकता है।

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