मध्य प्रदेश

जारी: क्राॅस के बिल, जारी:क्राॅस रीडिंग करवाई तो जारी:क्राॅस में दर्ज यूनिट से कम खपत आई, 550 बिलों में ऐसी गड़बड़ी

मीटर रीडिंग लेने से साफ है कि रीडर ने रीडिंग ही नहीं की और मनमानी यूनिट के बिल जारी कर दिए
रिपोर्टर : शिवलाल यादव, रायसेन।
रायसेन। बिजली कंपनी के नए, पुराने शहर और कुछ पॉश कॉलोनियों में क्राॅस मीटर रीडिंग करवाई तो बिल में दर्ज यूनिट से कम खपत पाई गई। ऐसे करीब 550 बिलों में यूनिट ज्यादा पाई गई, जिसमें क्राॅस रीडिंग के बाद वास्तविक खपत सामने आई। अब जोन स्तर पर इसमें सुधार किया जा रहा है। उपभोक्ताओं के यहां पर खपत से ज्यादा यूनिट के बिल आने के मामले सामने आने के बाद मप्र मध्य क्षेत्र बिजली कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश पर जोन स्तर पर बिलिंग की जांच करवाई गई है।
घर घर मीटर रीडरों को दोबारा भेज कराई क्रॉस रीडिंग, फिर भी गड़बड़ी….
बिजली कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने टीम को घर-घर भेजकर मीटरों की क्रास मीटर रीडिंग करवाई गई। जांच पड़ताल में यह पाया गया है कि उपभोक्ता के बिल में जितनी यूनिट दर्शाई गई है, उतनी आस्त्व में मीटर में खपत नहीं हुई है। मीटर रीडर ने बगैर रीडिंग लिए ही पूर्व माह में हुई खपत के आधार अतिरिक्त यूनिट ज्यादा जोड़कर बिल जारी कर दिए। जांच में पाया गया है कि लोगों के यहां पर 100 से 200 यूनिट तक ज्यादा खपत के बिल जारी किए गए हैं।
अकेले रायसेन शहर में ही करीब 550 से ज्यादा उपभोक्ताओं के यहां पर ज्यादा यूनिट के बिल पाए गए हैं। जिनमें अब सुधार किया जा रहा है। बिजली कंपनी के मीटर रीडर की लापरवाही से लोगों को ज्यादा यूनिट के बिल पहुंचे और उन्हें बेवजह परेशान होना पड़ा। उन्हें बिल में सुधार के लिए बिजली कंपनी के कई बार चक्कर लगाने पड़े।
अब क्यू आर कोड के तहत होगी रीडिंग…..
सिटी जेई मनीष श्रीवास्तव के अनुसार अब रायसेन सिटी में सभी उपभोक्ताओं के यहां पर क्यूआर कोड के तहत ही मीटर रीडिंग होगी। इसके बगैर बिलिंग नहीं की जाएगी। जिसमें मीटर रीडर को उपभोक्ता के घर जाना पड़ेगा और क्यूआर कोड से रीडिंग करना पड़ेगी। जिससे यह तो पुख्ता हो जाएगा कि रीडर उपभोक्ता के यहां पहुंचा था तथा वास्तविक खपत के बिल ही जारी हो पाएंगे।
4639 रुपए का बिल, जांच की तो 2638 का बिल आया
बिजली कंपनी के पाटनदेव क्षेत्र में एक उपभोक्ता के यह बिजली कंपनी ने पहले 4639 हजार का बिल जारी कर दिया। उपभोक्ता ने बिल ज्यादा आने की शिकायत अधिकारियों से की तो उस पर जांच हुई। जिसमें उपभोक्ता के यहां पर 2638 का बिल होना पाया गया। बिल में सुधार होने पर उपभोक्ता के बिल में से 2001 रुपए कम हो पाए।
30 दिन की खपत आधार पर जांच में सच सामने आया
मीटर की रीडिंग करवाई गई। जिसमें 30 दिन की खपत देखी गई। उसके अनुसार बिलिंग की गई है। अब लोगों को वास्तविक खपत के बिल जारी किए जा रहे हैं। मालूम हो कि बिजली कंपनी ने ठेके पर मीटर रीडिंग के कर्मचारी रख रखे हैं जिनकी कामचोरी की वजह से लोगों को ज्यादा खपत के बिल जारी हो गए। उन्होंने उपभोक्ताओं के घर-घर जाकर रीडिंग ही नहीं की और अपने हिसाब से ही यूनिट बिल बुक में दर्ज कर दी।
इस संबंध में राजेश दुशाद उप महाप्रबंधक रायसेन का कहना है कि शिकायतें मिली है, वास्तविक खपत के बिल जारी कर दिए। जिन उपभोक्ताओं के यहां पर ज्यादा यूनिट के बिल आने की शिकायत सामने आई है। उनके यहां पर मीटर रीडिंग करवाई गई है। 30 दिन की खपत के मान से उन्हें वास्तविक खपत के बिल जारी कर दिए हैं।

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