पर्यावरणमध्य प्रदेश

डीएफओ की उपस्थिति में वनों की सुरक्षा के लिए हुई महत्वपूर्ण बैठक

सिलवानी । वन परिक्षेत्र पूर्व सिलवानी के परिसर डाबरी में स्थित वन सुरक्षा समिति पिपलिया कलां के सदस्यों और ग्रामीणों के साथ वन मंडल अधिकारी (डीएफओ) विजय कुमार ने शनिवार को एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य वनों को आग से बचाने, महुआ सीजन और तेंदूपत्ता तुड़ाई के दौरान सावधानियों पर चर्चा करना तथा वन्य प्राणियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना था। बैठक में वन विभाग के अधिकारियों और ग्रामीणों ने एकजुट होकर इन मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।
बैठक में डीएफओ विजय कुमार ने वनों को आग से बचाने के लिए ग्रामीणों से जागरूकता और सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि गर्मियों में जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती हैं, जिससे न केवल वन संपदा को नुकसान होता है, बल्कि वन्य प्राणियों का जीवन भी खतरे में पड़ता है। उन्होंने ग्रामीणों से आग्रह किया कि वे महुआ सीजन के दौरान पेड़ों के नीचे सफाई करते समय आग का प्रयोग न करें, क्योंकि लापरवाही से लगी आग पूरे जंगल को तबाह कर सकती है। तेंदूपत्ता संग्रहण के मौसम को देखते हुए डीएफओ ने तुड़ाई के दौरान सावधानी बरतने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि तेंदूपत्ता ग्रामीणों की आजीविका का महत्वपूर्ण स्रोत है, लेकिन इस प्रक्रिया में जंगल को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए। ग्रामीणों को निर्देश दिए गए कि वे तुड़ाई के दौरान पेड़ों को क्षति न पहुंचाएं और आग से संबंधित किसी भी गतिविधि से बचें। बैठक में वन्य प्राणियों की सुरक्षा भी एक प्रमुख मुद्दा रहा। विजय कुमार ने बताया कि जंगलों में रहने वाले प्राणियों के लिए मानवीय गतिविधियां कई बार खतरा बन जाती हैं। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि वे जंगल में किसी भी संदिग्ध गतिविधि को देखते ही वन विभाग को सूचित करें, ताकि वन्य प्राणियों को सुरक्षित रखा जा सके।
बैठक में वन परिक्षेत्र अधिकारी आदर्श मिश्रा, परिक्षेत्र सहायक रामशरण सिंह, ग्राम सरपंच भूपेंद्र ठाकुर, उप सरपंच सर्वेश खरे, वन समिति अध्यक्ष दुर्जन सिंह लोधी, वनरक्षक राहुल जैन, रामकुमार रघुवंशी, अभिनव शर्मा सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण और समिति के सदस्य मौजूद रहे। सभी ने वन संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई और वन विभाग के साथ मिलकर काम करने का संकल्प लिया। यह बैठक वन विभाग और ग्रामीण समुदाय के बीच सहयोग का एक बेहतरीन उदाहरण साबित हुई। डीएफओ विजय कुमार ने कहा कि जंगलों को बचाने के लिए विभाग अकेले कुछ नहीं कर सकता, इसके लिए ग्रामीणों का साथ बेहद जरूरी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस तरह की पहल से वन संरक्षण को नई दिशा मिलेगी। ग्रामीणों ने भी इस बैठक को उपयोगी बताते हुए कहा कि वे वनों और वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। इस बैठक के बाद उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में वन सुरक्षा को लेकर जागरूकता और बढ़ेगी और जंगलों को संरक्षित करने में सफलता मिलेगी।

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