नौतपा इस बार भी खूब तपेंगे:नौतपा 25 मई से, तेज गर्मी के साथ बूंदाबांदी के भी बनेंगे योग
इसी दौरान पुष्य नक्षत्र; वट सावित्री पूजन और सोमवती अमावस्या भी पड़ेगी
रिपोर्टर : शिवलाल यादव
रायसेन। इस बार भी नौतपे जमकर तपेंगे। रोहिणी नक्षत्र अर्थात नौतपे 25 मई से शुरू होंगे।ग्रहों की चाल और नक्षत्रों के प्रभाव से आने वाला समय किसानों के लिए रहेगा शुभ।
इसका फायदा आने वाले दिनों में अच्छी बारिश के रूप में भी मिलेगा।
मौसम वैज्ञानिक डॉ एसएस तोमर के मुताबिक नौतपा 25 मई से शुरू हो रहे हैं। जो 2 जून तक नौतपा चलेगा।जबकि रायसेन शहर के ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि इस दौरान सबसे ज्यादा गर्मी पड़ने के योग बन रहे हैं। यानी नौतपा खूब तपेंगे। नौतपा में कहीं-कहीं बूंदाबांदी के योग भी हैं। धर्मशास्त्री पंडित ओमप्रकाश शुक्ला, मुकेश भार्गव, पण्डित राममोहन चतुर्वेदी ने बताया कि इसी दौरान वट सावित्री पूजन, सोमवती अमावस्या और पुष्य नक्षत्र जैसे बड़े योग भी बन रहे हैं। यह सुखद संयोग है। इसका फायदा आने वाले दिनों में अच्छी बारिश के रूप में भी मिलेगा।
वास्तव में किसानों के लिए आने वाला समय बेहद शुभ रह सकता है। सूर्य 25 मई को शाम 7 बजकर 30 मिनट से रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश के साथ ही इस नक्षत्र में 15 दिन तक रहेगा। इस अवधि के प्रारंभिक नौ दिनों में अधिक गर्मी पड़ेगी। पं कृष्णमोहन चतुर्वेदी, उपेंद्र शुक्ला ने बताया कि गर्म तासीर वाले राहु-शुक्र के गोचर में रहते हुए भगवान सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। जिससे गर्मी में इजाफा होगा। नौ तपा के नौ दिनों को गर्मी का चरम माना जाता है। इसके प्रभाव से बचने के लिए लोगों को सूर्य आराधना करना बेहतर होगा। जल, दही, दूध, नारियल पानी, ठंडे पेय पदार्थों का सेवन करें। लेकिन बाद के दो दिन मौसम में अचानक परिवर्तन आने की संभावना है। इससे गर्मी में राहत मिल जाएगी।
नौतपा में एकादशी सहित अन्य त्योहार भी….
पंडित ओमप्रकाश शुक्ला सौजना ने बताया नौतपा में 26 मई को अपरा एकादशी व्रत, 27 मई को मधुसूदन द्वादशी प्रदोष व्रत और 30 मई को सोमवती अमावस्या पड़ रही है। उन्होंने बताया कि अमावस्या इस बार पुष्य नक्षत्र में 29 मई रविवार को दोपहर 2.54 बजे से प्रारंभ होकर 30 मई शाम 5 बजे तक रहेगी। हालांकि सोमवती अमावस्या सोमवार को ही मनेगी।
22 जून को सूर्य आर्द्रा में करेंगे प्रवेश….
पंडित मुकेश भार्गव ने बताया कि वर्ष संवत्सर के राजा बुध हैं और रोहिणी का निवास संधि में है। इससे वर्षा होने के योग बनते है। भगवान सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करने के साथ ही गर्मी बढ़ने लगती है। उसी प्रकार सूर्य के आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करने के साथ ही बारिश के योग बन जाते है। इस बार सूर्य 22 जून को आद्रा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। लेकिन देश में कहीं ज्यादा तो कहीं कम बारिश भी हो सकती है।