बेदखली आदेश पारित फिर भी नहीं हट रहा अतिक्रमण, शासकीय भूमि पर जिर्री सरपंच पति का कब्जा
रिपोर्टर : सतीश चौरसिया
उमरियापान । एक ओर शासन द्वारा अभियान चलाकर शासकीय संपत्ति से अतिक्रमण अलग करने काम चल रहा है वहीं दूसरी ओर एक सरपंच पति द्वारा नियमों को ठेंगा दिखाते हुये उसके द्वारा क्रय की गई संपत्ति से अधिक पर षासकीय जमीन पर कब्जा कर मकान बनाने का काम किया जा रहा है।
स्मरण रहे कि मौजा उमरियापान, प.ह.नं.17, तहसील ढीमरखेडा, जिला कटनी स्थित खसरा नं.785/1/2 रकवा 0.45, खसरा नं.785/2 रकवा 0.047 हे. इस प्रकार कुल 0.092 हे. जमीन राजेष असाटी पिता पूरन असाटी के द्वारा क्रय की गई लेकिन उसके द्वारा योजनाबद्ध तरीके से क्रय की गई जमीन से अधिक भूमि पर मकान बनाने के लिये पिलर खोद लिये गये और खसरा नं.780/1 के अंष भाग पर मुख्य सड़क की तरफ मकान बनाने का काम किया गया। इस बात की शिकायत संबंधित अधिकारियों से की गई जिस पर मौके पर नाप करने पर यह ज्ञात हुआ कि सरपंच पति के द्वारा जिस जमीन पर कब्जा किया गया है वह खसरा नं.780/1 की शासकीय भूमि है। लिहाजा वहां पर किसी तरह का निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता इसके बाद भी राजेश असाटी पिता पूरन असाटी के द्वारा काम जारी रखा गया जिस पर आपत्तिकर्ताओं द्वारा नायब तहसीलदार के यहां पर प्रकरण दायर किया गया और पटवारी रिपोर्ट, सीमांकन आदि के द्वारा न्यायालय नायब तहसीलदार उमरियापान द्वारा दिनांक 12.01.2022 को संबंधित अतिक्रमणकर्ता राजेश असाटी को म.प्र.भू-राजस्व संहिता की धारा 248 के अंतर्गत शासकीय भूमि पर बेजा कब्जा पाये जाने से तत्काल बेदखल किये जाने के आदेश पारित किये थे इसके बाद भी आज दिनांक तक उक्त अतिक्रमण नहीं हटाया गया। वहीं आदेश जारी होने के बाद भी आज दिनांक तक अतिक्रमण नहीं हटाया जाना कई संदेह पैसा करता है।
विवादों से गहरा नाता
यहां पर यह उल्लेख करना आवश्यक है कि जिर्री सरपंच पति राजेश असाटी का यह कोई पहला मामला नहीं है इसके पहले भी उनके द्वारा सेंट्रल बैंक ढीमरखेड़ा में एक महिला के दस्तावेज लेकर फर्जी तरीके से ऋण लिये जाने का मामला सामने आया था जिसकी शिकायत महिला द्वारा कलेक्टर जनसुनवाई में की गई थी। महिला द्वारा बताया गया था कि सरपंच पति के द्वारा मुझसे शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर दस्तावेज लिये गये थे लेकिन जैसे ही वह कुछ काम से बैंक से पहुंची तब उसे ज्ञात हुआ कि सरपंच पति के द्वारा उसके दस्तावेजों का गलत उपयोग किया गया है और उसके खाते से ऋण लिया गया है। लिहाजा इस संबंध में शिकायत उपरांत अधिकारियों द्वारा संबंधित व्यक्ति पर मामला दर्ज करने की बजाये उसे सेटलमेंट किया गया।