पटवारियों ने हड़ताल के चलते तहसील कार्यालय में जमा किए अपने बस्ते
आमजनों के कार्य होंगे प्रभावित
सिलवानी। अपनी मांगों को लेकर मंगलवार से पटवारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए है। सभी पटवारियों ने तहसील कार्यालय में अपना बस्ता जमा कर दिया है। अब वह किसी तरह का काम नहीं करेंगे। 22 जून से पटवारियों ने विरोध शुरु कर दिया था। 2 अगस्त से तीन दिन तक वह सामूहिक अवकाश पर रहे, 5 अगस्त से सभी ऑनलाइन काम बंद कर दिए और अब 10 अगस्त से अनिश्चितकालीन कलम बंद हड़ताल शुरु हो गई है। हड़ताल का सीधा असर आम आदमी पर होगा। स्कूलों में नए सत्र में प्रवेश प्रक्रिया चल रही है, इसमें जाति, निवासी, आय प्रमाण पत्र की जरूरत होती है। इसके अलावा फसलों का सर्वे, राजस्व न्यायालय में चलने वालें प्रकरणों में प्रतिवेदन सहित अन्य काम की जिम्मेदारी पटवारियों की है। लेकिन 1 अगस्त से यह सारे काम बंद है। तहसील में 52 पटवारी है और 68 हल्के है। पटवारी मुख्य रूप से पीएम किसान सम्मान निधि, सीएम किसान कल्याण योजना सर्वे, जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण, नामांतरण जैसे मामलों में राजस्व न्यायालय के प्रतिवेदन देते है। इसके साथ आबादी पट्टे बनाने, राजस्व वसूली, फसलों का सर्वे, गिदावरी किसानों से जुडे दूसरे काम करते है। यह सारे काम फिलहाल बंद है। पटवारी संघ ब्लाॅक अध्यक्ष यादव सिंह धाकड़ ने बताया सरकार से लंबे समय से वह मांगों को पूरा करने की मांग कर रहे है। पटवारियों की मुख्य तीन ही मांगे है। इसको लेकर डेढ़ माह से सांकेतिक रूप से विरोध हो रहा है। लेकिन सरकार के नहीं मानने से आंदोलन शुरु करना जरूरी है। मंगलवार को उन्होंने बस्ता जमा कर दिया और अब मांगें पूरी होने तक सभी हड़ताल पर रहेंगे।
यह है पटवारियों की मुख्य मांगें
सरकार की साल 2019 में हुई घोषणा अनुसार पटवारियों का वेतनमान बढ़ाकर 2800 ग्रेड पे करने, पटवारी का पद जिलास्तर का है फिर भी उन्हें गृह जिलों से कई सौ किलोमीटर दूर नियुक्ति दी जाती है, इसे समाप्त कर गृह जिलों में पदस्थापना देने और सीपीसीटी परीक्षा की अनिवार्यता को समाप्त करने की मांग की जा रही है।