प्रशासन के खिलाफ जनता में भड़क रहा आक्रोश, सरकारी दफ्तरों में अंगद की तरह पैर जमाए अधिकारी, कर्मचारी
राजनैतिक संरक्षण के दम पर कर्मचारियों ने तय किया 25 वर्षों का सफर
रिपोर्टर : मनीष यादव पलेरा।
पलेरा । जिस तरह एक ही जगह रुका हुआ जल गंदा, सड़न और बदबू देने लगता है, ठीक यही हालत पलेरा नगर के शासकीय कार्यालयों में पदस्थ कर्मचारियों की बनी हुई है। लंबे समय से राजनेताओं की छत्रछाया में पल पुसकर ऐसे कर्मचारियों का जलवा कार्यालयों में अतिरिक्त अधिकारी से कम नहीं है। मनचाहे प्रभार हासिल करते हुए ऐसे कर्मचारियों ने शासकीय महकमे में भ्रष्टाचार की जडें मजबूत कर दी हैं। हालात इतने खराब हो चुके हैं की लगातार मूलभूत सुविधाओं और सरकारी योजनाओं का लाभ पात्र हितग्राहियों को मिल पाना नामुमकिन हो गया है। प्रशासन के निर्देशों को तवज्जो ना देते हुए राजनैतिक हुकुम को बजाना ऐसे कर्मचारियों की आदत में शुमार है, जिसके चलते शासन की तमाम योजनाएं महज कागजों में दम तोड़ चुकी है। भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले ऐसे कर्मचारी 25 वर्षों से नगर के विभागों में अंगद की तरह पैर पसार कर जमे हुए हैं। शासन के निर्देशों का पालन यहां ना होना कानून व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है ? लेकिन यहां कानूनी दांव पेंच में महारथ हासिल कर चुके बाबूओं ने जिला प्रशासन की छवि पर बट्टा लगा दिया है। जिसके चलते कानून व्यवस्था पर जनता का बना हुआ विश्वास टूट चुका है।
विभागों में लंबी है फेहरिस्त :
नगर के तहसील कार्यालय में वर्षों से जमे हुए ऐसे कर्मचारियों की बदौलत आज नगर में शासकीय जमीन का एक कोना भी खाली नहीं दिखाई देता। पहले सड़क छाप गुंडों की बदौलत सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण कराना और फिर प्रशासन द्वारा कार्यवाही का खामियाजा यहां के नागरिक भुगत चुके हैं। सरकारी जमीनों के हेरफेर और फर्जी पट्टों का मकड़जाल यहां फैला हुआ है, जिसकी शिकायत है नगर से लेकर प्रदेश स्तर तक की गई। लेकिन आखिरकार इतनी गंभीर शिकायतों को आसानी से अधिकारियों द्वारा पचा लिया गया, अब सवाल उठता है कि ऐसे गंभीर मामलों को पचाने के लिए अधिकारियों ने क्या खाया ? यह बात पलेरा नगर का बच्चा-बच्चा जानता है। इसी प्रकार नगर का नगर पंचायत कार्यालय अपनी कारगुजारीयों को लेकर अंधेर नगरी और चौपट राजा की कहावत को चरितार्थ कर रहा है। लंबे समय से नगर पंचायत विभाग में पदस्थ कर्मचारी यहां के नागरिकों को मूलभूत सुविधाओं से परेशान करते हुए अपने रिटायरमेंट का इंतजार करने में जुटे हुए हैं। अब बात नगर के जनपद कार्यालय की आती है तो यहां बता दें कि यहां के कर्मचारी शासन की योजनाओं का लाभ पात्र हितग्राहियों को देने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं, सीईओ मीणा के निर्देशन में जनपद कार्यालय की व्यवस्थाओं से ग्रामीण क्षेत्र की जनता खुश बनी हुई है। लेकिन नगर का तहसील महकमा इन दिनों चर्चा में बना हुआ है।