रिश्वत लेते ही लाल हो गये आरआई के हाथ, तहसील मुख्यालय में मचा हड़कंप
रूपये फेंककर भागने का किया प्रयास लोकायुक्त ने दबोचा
रिपोर्टर : सतीश चौरसिया, उमरिया पान
उमरियापान। ढीमरखेड़ा तहसील मुख्यालय में सुबह-सुबह लोकायुक्त की कार्यवाही से उस समय हड़कंप मच गया, जब जबलपुर लोकायुक्त टीम ने आरआई कार्यालय ढीमरखेड़ा में रिश्वत लेते राजस्व निरीक्षक राकेश कुमार पांडेय को पकड़ा। लोकायुक्त टीम के हत्थे चढ़ते ही राकेश कुमार पांडेय (आरआई) रिश्वत के दस हजार रुपए फेंककर भागने की कोशिश की जिसे पीछा करते हुए टीम ने पकड़ा । लोकायुक्त की कार्यवाही से कार्यालय में हड़कम्प मच गया।
इस संबंध में लोकायुक्त एसपी संजय साहू ने बताया कि ग्राम रामपुर तहसील ढीमरखेड़ा जिला कटनी निवासी रंजीत पिता घासीराम पटेल उम्र 44 वर्ष ने सीमाकंन के बाद फ़ील्ड बुक तैयार करने व बेदखली आदेश का पालन कराने के लिए आवेदन दिया, जिस पर आरआई राकेश पिता राम आश्रय पांडेय उम्र 57 वर्ष ने 10 हजार रुपए रिश्वत की मांग की। आरआई राकेश पांडेय द्वारा रिश्वत मांगे जाने की शिकायत रंजीत पटेल ने जबलपुर लोकायुक्त एसपी संजय साहू से की, इसके बाद 10 नवम्बर को सुबह रंजीत पटेल तहसील कार्यालय पहुंचा और आरआई राकेश कुमार पांडेय को दस हजार रुपए की रिश्वत दी। तभी लोकायुक्त टीम के इंस्पेक्टर कमल सिंह उइके, भूपेंद्र कुमार दीवान, आरक्षक अमित मंडल, पंकज तिवारी, विजयसिंह बिष्ट व जीत सिंह ने दबिश दी। लोकायुक्त टीम को देखते ही आरआई राकेश पांंडेय ने रिश्वत के दस हजार रुपए फेंके और दौड़ लगा दी। आरआई को भागते देख कार्यालय में हड़कम्प व अफरातफरी मच गई। लोकायुक्त टीम ने पीछा करते हुए रोक लिया। इसके बाद विधिवत कार्यवाही उपरांत आरआई के हाथ धुलवाये गये तो हाथ लाल हो गये। लोकायुक्त टीम ने आरआई के पास से जमीनों से संबंधित और भी दस्तावेज बरामद किए है, जिनकी जांच की जा रही है। लोकायुक्त एसपी संजय साहू ने बताया कि आरआई राकेश पिता राम आश्रय पांडेय उम्र 57 पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के मामला पंजीबद्ध किया गया है। वहीं उम्र अधिक होने के कारण मौके पर ही आरआई को जमानत पर छोड़ दिया गया है।
तहसील कार्यालय बना भ्रष्टाचार का अड्डा
बताया जाता है कि ढीमरखेड़ा स्थित तहसील कार्यालय भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है और कोई भी कार्य बिना रिश्वत के नहीं होता है। चर्चा तो इस बात की भी है कि यहां पर पदस्थ पटवारी, बाबुओं के द्वारा रिश्वत के लिये अलग से दलालों को रखा गया है जो पटवारी और बाबुओं के इशारा पाते ही अपने काम को अंजाम देते है। इसके एवज में दलालों को भी मोटी रकम मिलती है। स्मरण रहे कि इसके पूर्व भी ढीमरखेड़ा तहसील अंतर्गत नायब तहसीलदार कार्यालय उमरिया पान में पदस्थ भृत्य शारदा सिंह डेहरिया को लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।