मध्य प्रदेश

महंगा हुआ घरौंदा बनाने का सपना, सीमेंट, सरिया के बढ़ते दामों ने तोड़ी कमर

पीएम सीएम आवास योजना में राशि कम, खर्च अधिक होने से अधूरे पड़े भवन निर्माण

रिपोर्टर : शुभम साहू,सिलवानी
सिलवानी ।
हर परिवार का सपना होता है कि उसका आशियाना हो लेकिन वर्तमान में खुद का घरोंदा तैयार करने का सपना अब महंगा हो गया है, क्योंकि हर साल भवन निर्माण सामग्री की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि ने कई लोगों के घर निर्माण के बजट को पूरी तरह से बिगाड़ दिया है। भवन निर्माण सामग्री महंगा होने का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पहले जहां 1000 वर्ग फीट का मकान बनवाने में करीब 10 लाख रुपये खर्च होते थे, वहीं अब यह आंकड़ा 11 से 12 लाख रुपये के बीच पहुंच गया है। उल्लेखनीय है कि सरिया, सीमेंट और ईंट के दामों में हर साल बेतहाशा बढ़ोत्तरी हो रही है, जिसकी वजह से कई लोगों का घर बनाने का सपना अधर में ही रह गया है।
वर्तमान में कोरोना और लॉकडाउन ने कारोबार को चौपट कर रखा है। वहीं निरंतर भवन निर्माण सामग्री के महंगा होने से नये निर्माण कार्य अधूरे पड़े हुए हैं। बीते एक माह पूर्व की ही बात करें तो जो सीमेंट लॉकडाउन से पहले तीन सौ दस रुपये के दाम पर बिक रही थी, वही सीमेंट अब तीन सौ साठ रुपए के आसपास बेची जा रही है। इसके अलावा सरिया के दाम भी कंपनियों के हिसाब से बढ़ गए हैं और जिस सरिए का रेट पहले पांच हजार रुपये प्रति क्विंटल था वह अब छह हजार रूपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया है और इसके दामों में फिलहाल राहत के आसार नही है। ईंट 3500 रुपए में एक हजार मिलती है जो अब 4600 रुपए के दाम पर बिक रही है।
30 फीसदी महंगा हुआ मकान बनाना
कांट्रेक्टरो का कहना है कि पहले एक हजार वर्गफीट के प्लॉट पर मकान बनाने का कंस्ट्रक्शन कॉस्ट एक हजार रुपए प्रति वर्गफीट आता था, लेकिन सरिया, बालू और सीमेंट के दाम में बढ़ोत्तरी के बाद यह कॉस्ट बारह सौ रुपए हो गई। इस मान से जो मकान पहले दस लाख रुपए में बन जाता था वह अब बारह लाख रुपए के खर्च पर तैयार हो सकेगा। भवन निर्माण ठेकेदार का कहना है कि निर्माण सामग्री मार्केट में बिना वजह आई तेजी की मॉनिटरिंग की जाना चाहिए। पिछले एक साल से कोई बड़ा निर्माण नहीं होने के बाद भी बालू, गिट्टी, सीमेंट, पेंट्स, चूना के दाम में 30 से 40 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। साथ ही साथ कारीगरों और मजदूरों को भी पैसे ज्यादा देने पड़ रहे हैं।
सीमेंट के साथ बिजली फिटिंग का सामान भी महंगा
भवन निर्माण सामग्री से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि मकान के ढांचे में जो लागत आती है, उसमें 50 फीसद हिस्सा सीमेंट और सरिया का होता है। मकान के ढांचा पूरा होने के बाद फिनिशिंग का काम शुरू होता है। मान लीजिए एक हजार वर्गफीट में बन रहे मकान के ढांचे ढलाई, प्लास्टर मिलाकर लागत दस लाख रुपये है तो उसमें पांच लाख रुपए केवल सीमेंट और सरिया पर खर्च होता है। चिंताजनक बात यह है कि सभी कंपनियां गठजोड़ कर एक साथ दाम बढ़ा रही हैं जिससे आम जनता पर इसका खासा असर पड़ रहा है और महंगाई का दंश झेलना पड़ा है।
इसी के साथ इलेक्ट्रिसिटी का सामान भी महंगा हो गया है। घर को रोशन करने वाली लाइट और कॉपर वायर के दामों में 75 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। यही कारण है कि 1 एमएम वायर पहले 600 रूपए तक मिल जाता था अब वही 1 एमएम वायर 1100 रुपए में मिल रहा है। बिजली स्वीच के दाम भी 12 रुपए से बढक़र 22 रुपए पर पहुंच गए हैं। साथ ही लाइट फिटिंग में इस्तेमाल होने वाला पीवीसी पाइप भी 90 रुपए से बढक़र 160 रुपए के दाम को छू रहा है।

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