25 जुलाई से होगी श्रावण माह की शुरुआत, पवित्र माह में होंगे विविध आयोजन
सिलवानी। 25 जुलाई से इस साल के सावन महीने की शुरुआत हो रही है। इस बार सावन में 4 सोमवार होंगे। सावन का महीना इस साल 29 दिनों का है। नगर खेरापति पण्डित भूपेन्द्र शास्त्री के अनुसार धार्मिक तौर पर सावन को बहुत ही पवित्र महीनों में गिना जाता है। हमारे यहां लोग इस महीने के सोमवार को बहुत ही सौभाग्यशाली और पुण्य फलदाई मानते हैं। सावन के सोमवार का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि सावन के सोमवार के दिन भगवान भोले शंकर की विशेष कृपा होती है। कुंवारी कन्याएं सावन के सोमवार का व्रत करती हैं। भगवान भोले के भक्त सावन के सोमवार का विशेष रूप से इंतजार करते हैं। इस महीने में भगवान भोले शंकर के भक्त सावन के सोमवार को भोलेशंकर की विशेष अराधना करते हैं। इस दिन भगवान भोले शंकर के भक्त उनका रुद्राभिषेक कराते हैं। सावन में कृष्ण पक्ष की द्वितीया और शुक्ल पक्ष की नवमीं तिथि का क्षय है। हालांकि कृष्ण पक्ष पूरे 15 दिन का होगा। शुक्ल पक्ष 14 दिन का ही रहेगा। सावन में प्रदोष व्रत 5 और 20 अगस्त को होगा। उन्होंने श्रावण माह के 4 सोमवार के बारे में भी बताते हुए कहा कि सावन का पहला सोमवार 26 जुलाई, दूसरा सोमवार 02 अगस्त, तीसरा सोमवार 09 अगस्त, चौथा सोमवार 16 अगस्त तथा सावन में प्रदोष व्रत 05 व 20 अगस्त को आएगा।
ऐसे करें भगवान भोले को प्रसन्न
पण्डित शर्मा के अनुसार सावन में रोज 21 बेलपत्रों पर चंदन से ऊं नमः शिवाय लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। विवाह में आने वाली अड़चनों को दूर करने के लिए सावन में रोज शिवलिंग पर केसर मिला दूध चढ़ाएं। इससे विवाह में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाएंगी। घर में नकारात्मक शक्तियों से बचने के लिए सावन में रोज सुबह घर में गंगाजल का छिड़काव करें और धूप जलाएं।
सावन में गरीबों को भोजन कराने से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं। इससे घर में कभी भी अन्न की कमी नहीं होती और साथ ही पितरों को भी शांति मिलती है। सावन में रोज सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निपट कर मंदिर या फिर घर में ही भगवान शिव का जलाभिषेक करें। इसके साथ ही ’ऊं नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें। आमदनी बढ़ाने के लिए सावन के महीने में किसी भी दिन घर में पारद शिवलिंग की स्थापना करें और उसकी यथा विधि पूजन करें। इस दौरान इस मंत्र का 108 बार जाप करें। ऐं ह्रीं श्रीं ऊं नमः शिवाय ओम ह्रीं ऐं। प्रत्येक मंत्र के साथ बेलपत्र शिवलिंग पर चढ़ाएं। बिल्वपत्र के तीनों दलों पर लाल चंदन से क्रमशः ऐं, ह्री, श्रीं लिखें. अंतिम 108 वां बेलपत्र को शिवलिंग पर चढ़ाने के बाद निकाल लें और इसे घर के पूजन स्थान पर रखकर प्रतिदिन पूजा करें। पण्डित भूपेन्द्र शास़्त्री के अनुसार संतान प्राप्ति के लिए सावन में गेहूं के आटे से 11 शिवलिंग बनाएं और प्रत्येक शिवलिंग का शिव महि न स्त्रोत से 11 बार जलाभिषेक करें। सावन में किसी सोमवार को पानी में दूध व काले तिल डालकर शिवलिंग का अभिषेक करने से बीमारियां दूर होती हैं। अभिषेक के लिए तांबे के बर्तन को छोड़कर किसी भी धातु का उपयोग किया जा सकता है। सावन में किसी नदी या तालाब में जाकर आटे की गोलियां मछलियों को खिलाएं और साथ ही साथ मन में भगवान शिव का ध्यान करें इससे आपको मनचाहे फल की प्राप्ति होगी। माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए किया था ये काम शास्त्री ने बताया कि भगवान शिव को पार्वती ने पति रूप में पाने के लिए पूरे सावन महीने में कठोर तपस्या की, जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उनकी मनोकामना पूरी की। अपनी भार्या से पुनः मिलाप के कारण भगवान शिव को सावन का यह महीना अत्यंत प्रिय हैं। यही कारण है कि इस महीने कुंवारी कन्या अच्छे वर के लिए शिव जी से प्रार्थना करती हैं। यह भी मान्यता हैं कि सावन के महीने में भगवान शिव ने धरती पर आकार अपने ससुराल में विचरण किया था जहां अभिषेक कर उनका स्वागत हुआ था इसलिए इस माह में अभिषेक का महत्व बताया गया।