उदयपुरा सोसायटी में घोटालों का बहुचर्चित मामला उजागर : मुआवजे में मिले डेढ़ करोड़ का गबन
प्रशासक प्रबंधक पर दर्ज हुई एफआईआर, जमीन अधिग्रहण के बाद मिली राशि में लगाई सेंध, जिले की अन्य सोसाइटियों में और भी घोटालेबाजों पर होना चाहिए एफआईआर की कारवाई
रिपोर्टर : शिवलाल यादव, रायसेन
रायसेन। जिले की विपणन सहकारी संस्था उदयपुरा के प्रशासक और सोसाइटी प्रबंधक पर उदयपुरा पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। दोनों पर संस्था के करीब डेढ़ करोड़ रुपए के गबन का आरोप है।इस विपणन संस्था को उसकी जमीन एनएच 12 में अधिग्रहित होने पर तकरीबन 1 करोड़ 53 लाख रुपया बतौर मुआवजा मिला था। जिसकी दोनों सहकारिता कर्मचारियों ने तत्कालीन उपयुक्त के साथ मिलजुलकर बंदरबाट कर ली। इस राशि दूसरी जगह संस्था के लिए 17 लाख रुपए की जमीन खरीदी, जिसे कागजों में 1 करोड़ 40 लाख रुपये में खरीदना बताकर बाकी राशि डकार गए, फर्जीवाड़ा उजागर होने पर सहकारिता कमिश्नर के निर्देश पर दोनों के खिलाफ गबनौर धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।साथ ही तत्कालीन सहकारिता महकमे के उपायुक्त के खिलाफ भी विभागीय जांच की जा रही है।
नेशनल हाईवे 13 के फोरलेन निर्माण में विपणन सहकारी संस्था उदयपुरा की 0.062 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की गई थी। जिसकी मुआवजा राशि 1 करोड़ 53 लाख रुपए विपणन संस्था को नवंबर 2020 में मिली थी।नियमानुसार इस राशि को शासन के बैंक खाते में जमा कराया जाना था। जबकि प्रशासक नारायण सिंह हाड़ा, सोसाइटी प्रबंधक रामबाबू शर्मा ने तत्कालीन उपयुक्त मीना डाबर से साथ मिलजुलकर पूरी राशि हजम कर ली। करीब 1 करोड़ 41 लाख रुपए विपणन संस्था उदयपुरा के लिए दूसरी जगह दस्तावेजों में 3 एकड़ जमीन खरीदी में खर्च करना बताया गया। इसके अलावा बाकी राशि मे से 16 लाख वकील की फीस के रूप में देना बताया गया है। मामले की शिकायत होने पर जांच में करीब 1 करोड़ 30 लाख रुपए का गबन सामने आया है। जिसके सहकारिता कमिश्नर के निर्देश पर प्रबंधक और प्रशासक के खिलाफ उदयपुरा थाने में भादवि की धारा 406, 409, 420 व 34 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।
लाखों की जमीन खरीदी रिकार्ड में दर्शाया करोड़ों की …..
17 लाख की जमीन को 1 करोड़ 40 लाख में खरीदना बताया गया है।गड़बड़ घोटाले की बारीकी से जांच पड़ताल कराने पर में सामने आया है कि प्रबंधक रामबाबू और प्रशासक नारायण सिंह हाड़ा ने तत्कालीन उपायुक्त को अपने साथ गड़बड़झाले में शामिल कर मिल जुलकर संस्था के लिए दूसरी जमीन खरीदने की अनुमति ले ली। जो कि उदयपुरा से करीब 7 किमी दूर करीब 3 एकड़ जमीन खरीदी गई।जिसका वास्तविक मूल्य 17 लाख रुपये था। जबकि रिकार्ड में यह जमीन 1 करोड़ 41 लाख रुपये मव खरीदना बताया गया है।
सहकारी संस्था उपायुक्त पुष्पेन्द्र कुशवाह ने कहा – उदयपुरा सोयायटी में करीब डेढ़ करोड़ रुपए की आर्थिक अनियमितता की शिकायत मिली थी, जांच के बाद सहकारिता कमिश्नर के निर्देश पर संस्था प्रबंधक एवं ऑडिट ऑफिसर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।