अभी तक दर्ज नहीं हुई रिपोर्ट, निर्माणाधीन सीएम राइज स्कूल भवन में हुआ था हादसा

सुरक्षा इंतजामों की अनदेखी से हुई थी मजदूर की मौत
सिलवानी । सिलवानी. नगर के हेलीपैड ग्राउंड पर बन रहे सीएम राइज स्कूल भवन में जनवरी माह में एक हादसा हुआ था, जिसमें दो मजदूर भवन से नीचे गिर गए थे। जिसमें एक मजदूर की इलाज के दौरान मौत हो गई, जबकि दूसरा मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गया था। यह दर्दनाक हादसा 5 जनवरी की दोपहर करीब 3 बजे हुआ था। मजदूर लोहे के कॉलम बांधने का कार्य कर रहे थे। बताया जाता है कि मजदूरों को कोई भी सुरक्षा उपकरण मुहैया नहीं कराए गए थे। जिससे मजदूर अशरफ मामू पिता माजिद अली उम्र 28 वर्ष और परवेज खान नीचे गिरे थे।
घटना के बाद घायलों को सिविल अस्पताल लाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें गंभीर हालत में भोपाल के एम्स अस्पताल रेफर किया गया। इलाज के दौरान अशरफ मामू की मौत हो गई, जबकि परवेज खान की स्थिति गंभीर बनी रही। स्थानीय नागरिकों ने घटना के लिए निर्माण एजेंसी भाषा एसोसिएट बिल्डर कंपनी की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है। बताया गया है कि निर्माण एजेंसी द्वारा लगातार मजदूरों से बिना किसी सुरक्षा उपकरण के काम कराया जा रहा है। न तो हेलमेट, न सेफ्टी बेल्ट और न ही कोई अन्य सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है।
मामले को दबाया
उक्त घटना में आज कोई कार्रवाई नहीं हुई है। नगरवासियों ने अब निर्माण एजेंसी के खिलाफ सख्त कार्रवाई और मजदूर की मौत के मामले में तत्काल एफआइआर दर्ज करने की मांग की है।
वहीं, प्रशासन और पुलिस विभाग की चुप्पी पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। जल्द ही जिम्मेदारों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं की गई, तो यह मुद्दा जन आंदोलन का रूप भी ले सकता है।
मृगांचल एक्सप्रेस द्वारा पूर्व में निर्माण एजेंसी की लापरवाही की खबर और हादसे की आशंका जाहिर की थी इसके बावजूद भी निर्माण एजेंसी लगातार मनमानी कर रही है प्रशासन ने हादसा होने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की है।
इस संबंध में रायसेन पुलिस अधीक्षक पंकज पांडे का कहना है कि निर्माणाधीन सीएम राइज स्कूल भवन में काम के दौरान मजदूर की मौत के मामले में मर्ग जांच की जा रही है। जांच में कोई दोषी पाया जाएगा तो उस पर साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. एचएन मांडरे, बीएमओ सिविल हॉस्पिटल सिलवानी ने बताया कि गत 5 जनवरी को दोपहर के समय सीएम राइज स्कूल भवन से गंभीर घायल अवस्था में दो मजदूरों को अस्पताल लाया गया था। जिनका मेरे द्वारा प्राथमिक उपचार किया गया था, वही निर्माण एजेंसी के कर्मचारी दोनों मजदूरों को प्राथमिक उपचार के बाद भोपाल एम्स ले गए थे।
