धार्मिक

अति प्राचीन सिध्द शक्ति पीठ रानगिर की चमत्कारी है मां हरसिध्दी देवी की मूर्ति, प्रतिदिन बदलती है तीन रुप

भक्तो की होती है हर मुराद पूरी
रिपोर्टर : कुंदनलाल चौरसिया
गौरझामर। बुंदेलखंड के सागर जिला अंतर्गत एवं गौरझामर का समीपस्थ अति प्राचीन सिध्द शक्ति पीठ रानगिर जहां के मंदिर में विराजी है जगतजननी मां हरसिध्दी देवी की चमत्कारी अनगढ पाषाण मूर्ति जो अपने भक्तो को प्रतिदिन तीन रूपो में दर्शन देकर कल्याण करती हैं मां के भक्त जिस चमत्कारी मूर्ति मे हरसिध्दी देवी के तीन चमत्कारिक रूप मे दर्शन करते है उनमे सुबह माता रानी कन्या के रुप मे दोपहर में षोडषी वाला तथा शाम के समय वृध्दमाता बनकर दर्शन देती है रानगिर मे वैसे तो साल भर दर्शन हेतु भक्तो का तांता लगा रहता है। चैत्र मास की नवरात्रि पर यहां विशाल वार्षिक मेला लगता है शारदीय नवरात्रि पर भी मेला जैसी स्थिति बन जाती है रानगिर आने जाने के लिये अब चारो दिशाओ से पक्के मार्ग बन जाने से आवागमन सुगम हो गया है जिससे श्रृध्दालु यहां पर बारह महिने आते है रानगिर के विषय मे अनेको किस्से कहानी व किवदंतिया प्रचलित है जिससे इसके आदिकाल का पता चलता है एक किंवदंति है की माता सती अपने पिता राजा दक्ष प्रजापति के यज्ञ अनुष्ठान के आयोजन में पति देवाधिदेव महादेव शंकर जी का अपमान सहन नही कर सकी और माता सती ने उसी क्षण यज्ञ कुण्ड मे कूद गई तब माता सती की पार्थिव देह को लेकर भगवान शंकर ने क्रोधित होकर तांडव नृत्य किया था शिवजी के क्रोध को शांत करने के लिए भगवान विष्णु ने अपने चक्र सुदर्शन से माता सती के पार्थिव शरीर को विदीर्ण कर दिया परिणाम स्वरुप माता सती के शरीर के अंग कटकटकर भारत भूमि में जहां जहां गिरे वहां पर माता के शक्ति पीठ बन गये रानगिर की पावन भूमि पर माता की जघां, रान, गिरने से तभी से इस पावन धाम का नाम रानगिर पड गया, माता हरसिध्दी की एक कहानी यह भी प्रचलित है कि माता हरसिध्दी देवी छोटी सी कन्या का रूप बदलकर पास के घने वियावान जंगल में स्थित बूढी रानगिर से देहार नदी को पार कर रोजाना रानगिर बच्चो के साथ खेलने आया करती थी तथा शाम को जाते समय सभी बच्चो को एक एक चांदी का सिक्का दे जाया करती थी बच्चो के माता पिता को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने इसका रहस्य जानने की कोशिश की शाम को जब कन्या रुपी माता हरसिध्दी देवी को रोकने का प्रयास किया तो वह वही पर पाषाण प्रतिमा में बदल गई तभी से वह उसी स्थान पर अपने भक्तो को दर्शन दे रही है रानगिर मे माता का विशाल प्राचीन मंदिर बना हुआ है जो भी भक्त मां के दरवार मे सच्चे मन से अपनी मन की मुराद लेकर जाता है माता रानी उसे अवश्य ही पूरी करती है। बता दें की रानगिर प्रसिध्द शक्ति पीठ व धार्मिक स्थान के साथ साथ प्राकृतिक सौन्दर्य से भरा हुआ है यहां पर कलकल बहने वाली देहार नदी का गहराई लिए पाषाण तट देखने लायक है।

Related Articles

Back to top button