
आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
✦••• जय श्री हरि •••✦
🧾 आज का पंचाग 🧾
गुरुवार 03 जुलाई 2025
मंगल श्री विष्णु मंत्र :-
मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।
मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥
☄️ दिन (वार) – गुरुवार के दिन तेल का मर्दन करने से धनहानि होती है । (मुहूर्तगणपति)
गुरुवार के दिन धोबी को वस्त्र धुलने या प्रेस करने नहीं देना चाहिए।
गुरुवार को ना तो सर धोना चाहिए, ना शरीर में साबुन लगा कर नहाना चाहिए और ना ही कपडे धोने चाहिए ऐसा करने से घर से लक्ष्मी रुष्ट होकर चली जाती है ।
गुरुवार को पीतल के बर्तन में चने की दाल, हल्दी, गुड़ डालकर केले के पेड़ पर चढ़ाकर दीपक अथवा धूप जलाएं ।
इससे बृहस्पति देव प्रसन्न होते है, दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है ।
🔮 शुभ हिन्दू नववर्ष 2025 विक्रम संवत : 2082 कालयक्त विक्रम : 1947 नल
🌐 कालयुक्त संवत्सर विक्रम संवत 2082,
👸🏻 शिवराज शक 352
✡️ शक संवत 1947 (विश्वावसु संवत्सर), चैत्र
☮️ गुजराती सम्वत : 2081 नल
☸️ काली सम्वत् 5126
🕉️ संवत्सर (उत्तर) क्रोधी
☣️ आयन – दक्षिणायन
☂️ ऋतु – सौर वर्षा ऋतु
☀️ मास – आषाढ़ मास
🌗 पक्ष – शुक्ल पक्ष
📆 तिथि – गुरुवार आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष अष्टमी तिथि 02:07 PM तक उपरांत नवमी
📝 तिथि स्वामी – अष्टमी के देवता हैं रुद्र। इस तिथि को भगवान सदाशिव या रुद्रदेव की पूजा करने से प्रचुर ज्ञान तथा अत्यधिक कांति की प्राप्ति होती है। इससे बंधन से मुक्त भी मिलती है। यह द्वंदवमयी तिथि हैं।
💫 नक्षत्र – नक्षत्र हस्त 01:50 PM तक उपरांत चित्रा
🪐 नक्षत्र स्वामी – हस्त नक्षत्र का स्वामी चंद्रमा है। राशि का स्वामी बुध है। हस्त नक्षत्र का शासक देवता सविता (सूर्य का एक रूप) भी है.
⚜️ योग – परिघ योग 06:35 PM तक, उसके बाद शिव योग
⚡ प्रथम करण : बव – 02:06 पी एम तक
✨ द्वितीय करण : बालव – 03:17 ए एम, जुलाई 04 तक कौलव
🔥 गुलिक कालः- गुरुवार का (शुभ गुलिक) 09:45:00 से 11:10:00 तक
⚜️ दिशाशूल – बृहस्पतिवार को दक्षिण दिशा एवं अग्निकोण का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से सरसो के दाने या जीरा खाकर जाएँ ।
🤖 राहुकाल – दिन – 2:00 से 3:25 तक राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |
🌞 सूर्योदयः- प्रातः 05:12:00
🌄 सूर्यास्तः- सायं 06:46:00
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 04:07 ए एम से 04:47 ए एम
🌇 प्रातः सन्ध्या : 04:27 ए एम से 05:28 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 11:58 ए एम से 12:53 पी एम
🔯 विजय मुहूर्त : 02:45 पी एम से 03:40 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 07:22 पी एम से 07:42 पी एम
🌃 सायाह्न सन्ध्या : 07:23 पी एम से 08:24 पी एम
💧 अमृत काल : 07:09 ए एम से 08:56 ए एम
🗣️ निशिता मुहूर्त : 12:05 ए एम, जुलाई 04 से 12:46 ए एम, जुलाई 04
❄️ रवि योग : 01:50 पी एम से 05:28 ए एम, जुलाई 04
🚓 यात्रा शकुन-बेसन से बनी मिठाई खाकर यात्रा पर निकलें।
👉🏼 आज का मंत्र-ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरुवै नम:।
🤷🏻♀️ आज का उपाय-विष्णु मंदिर में स्वर्ण अर्पित करें।
🪵 वनस्पति तंत्र उपाय-पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – रवि योग/ दुर्गा अष्टमी/ परशुरामाष्टमी (उड़ीसा)/ खरंसी पूजा/ वायु-परीक्षा दिवस, बौद्धों का धर्मचक्र-प्रवर्तन दिवस (सारनाथ), श्रीलसनातन गोस्वामी का तिरोभाव दिवस, सहकारिता का अंतर्राष्ट्रीय दिवस, भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी हरभजन सिंह जन्म दिवस, अंतर्राष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस, राष्ट्रीय चॉकलेट वेफर दिवस, राष्ट्रीय धूप से दूर रहने का दिवस, VI मुक्ति दिवस, राष्ट्रीय स्वतंत्र बीयर रन दिवस, राष्ट्रीय फ्राइड क्लैम दिवस, भारतीय फिल्म अभिनेता हंशा महता जन्म दिवस, संत थॉमस दिवस, अभिनेता राज कपूर स्मृति दिवस, ‘महावीर चक्र’ से सम्मानित वीर भारतीय दिगेन्द्र सिंह जयन्ती
✍🏼 तिथि विशेष – अष्टमी तिथि को नारियल त्याज्य बताया गया है। अष्टमी तिथि बलवती अर्थात स्ट्रांग तिथि मानी जाती है। इसका मतलब कोई भी विकट कार्य आज आप कर-करवा सकते हैं। इतना ही नहीं अपितु अष्टमी तिथि व्याधि नाशक तिथि भी मानी जाती है। इसका मतलब आज आप कोई भी भयंकर रोगों के इलाज का प्रयत्न भगवान के नाम के साथ करेंगे-करवाएंगे तो निश्चित लाभ होगा। यह अष्टमी तिथि जया नाम से विख्यात मानी जाती है। यह अष्टमी तिथि कृष्ण पक्ष में मध्यम फलदायिनी मानी जाती है।
🗼 Vastu tips 🗽
वास्तु शास्त्र के हिसाब से इसे (मोर का पंख) पूर्व दिशा या उत्तर दिशा में रखना चाहिए। इससे घर में पॉजिटिव एनर्जी बनी रहती है और सुख-शांति भी घर लौट आती है। इससे मानसिक शांति को मिलती ही है साथ में आर्थिक तंगी भी दूर हो जाती है।
कहां रखना चाहिए? मोर के पंख को पवित्र माना जाता है ऐसे में इसे कहीं भी नहीं रखना चाहिए। मोर के पंख को आप घर के मंदिर में पूर्व दिशा में रखें। ऐसा करने से भगवान कृष्ण कृपा बनाए रखेंगे। इसके साथ ही मोर पंख को तिजोरी में रखेंगे तो धन में भी बढ़ोतरी भी होती है। समय के साथ-साथ घर में पैसों की समस्या खत्म होती है।
🔰 जीवनोपयोगी कुंजियां⚜️
गुनगुना पानी: यह शरीर को डिटॉक्स करने, पाचन क्रिया को बेहतर बनाने और कब्ज से राहत दिलाने में मदद करता है। यह मेटाबॉलिज्म को भी बूस्ट करता है।
गुनगुना पानी और नींबू: गुनगुने पानी में आधा नींबू निचोड़कर पीना विटामिन सी का अच्छा स्रोत है, जो इम्यूनिटी बढ़ाता है। यह शरीर से टॉक्सिन्स निकालने और पाचन को सुधारने में भी सहायक है। यह मुंह की बदबू को भी दूर कर सकता है।
गुनगुना पानी और शहद: एक चम्मच शहद को गुनगुने पानी में मिलाकर पीने से तुरंत एनर्जी मिलती है और यह शरीर को साफ करने में मदद करता है। यह सर्दी-जुकाम से भी बचा सकता है।
फलों का जूस: अगर आप चाहें तो ताजे फलों का जूस भी पी सकते हैं, इससे शरीर को तुरंत पोषक तत्व मिलते हैं।
सुबह की शुरुआत के लिए सबसे पहले क्या खाएं?
🩸 आरोग्य संजीवनी 💊
घरेलू उपचार
कुछ घरेलू उपचार भी बुखार कम करने में मददगार हो सकते हैं:
तुलसी और अदरक की चाय: तुलसी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण होते हैं, जबकि अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इनकी चाय पीने से आराम मिल सकता है।
हल्दी दूध: हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-वायरल गुण होते हैं। गर्म दूध में हल्दी मिलाकर पीने से भी फायदा होता है।
शहद और नींबू: गर्म पानी में शहद और नींबू मिलाकर पीने से गले को आराम मिलता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
डॉक्टर से कब मिलें?
अधिकांश बुखार कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जाते हैं, लेकिन अगर:
बुखार 102°F (38.9°C) से ऊपर हो।
बुखार 3 दिन से ज़्यादा रहे।
बुखार के साथ गंभीर सिरदर्द, गर्दन में अकड़न, सांस लेने में तकलीफ, या शरीर में कहीं भी तेज़ दर्द हो।
आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो (जैसे HIV, कैंसर या ऑटोइम्यून बीमारियों से पीड़ित होना)।
📖 गुरु भक्ति योग 🕯️
एक बार राजा अज दोपहर की वंदना कर रहे थे, उस समय लंकापति रावण उनसे युद्ध करने के लिए आया और दूर से उनकी वंदना करना देख रहा था राजा अज ने भगवान शिव की वंदना की और जल आगे अर्पित करने की जगह पीछे फेंक दिया !
यह देखकर रावण को बड़ा आश्चर्य हुआ और वह युद्ध करने से पहले राजा अज के सामने पहुंचा तथा पूछने लगा कि हमेशा वंदना करने के पश्चात जल का अभिषेक आगे किया जाता है न कि पीछे,
इसके पीछे क्या कारण है राजा अज ने कहा जब मैं आंखें बंद करके ध्यान मुद्रा में भगवान शिव की अर्चना कर रहा था तभी मुझे यहां से एक योजन दूर जंगल में एक गाय घास चरती हुई दिखी और मैंने देखा कि एक सिंह उस पर आक्रमण करने वाला है तभी मैंने गाय की रक्षा के लिए जल का अभिषेक पीछे की तरफ किया !
रावण को यह बात सुनकर बड़ा ही आश्चर्य हुआ !
रावण ऐक योजन दूर वहाँ गया और उसने देखा कि एक गाय हरी घास चर रही है जबकि शेर के पेट में कई वाण लगे है अब रावण को विश्वास हो गया कि जिस महापुरुष के जल से ही बाण बन जाते है और बिना किसी लक्ष्य साधन के लक्ष्य बेधन हो जाता है ऐसे वीर पुरुष को जीतना बड़ा ही असंभव है।और वह उनसे बिना युद्ध किए ही लंका लौट जाता है !
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⚜️ अष्टमी तिथि के देवता भगवान शिव भोलेनाथ जी माने जाते हैं। इसलिये इस अष्टमी तिथि को भगवान शिव का दर्शन एवं पूजन अवश्य करना चाहिए। आज अष्टमी तिथि में कच्चा दूध, शहद, काला तिल, बिल्वपत्र एवं पञ्चामृत शिवलिंग पर चढ़ाने से भगवान शिव की कृपा सदैव बनी रहती है। घर में कोई रोगी नहीं होता एवं सभी मनोकामनाओं की सिद्धि तत्काल होती है।।
मंगलवार को छोड़कर बाकि अन्य किसी भी दिन की अष्टमी तिथि शुभ मानी गयी है। परन्तु मंगलवार की अष्टमी शुभ नहीं होती। इसलिये इस अष्टमी तिथि में भगवान शिव के पूजन से हर प्रकार की सिद्धियाँ प्राप्त होती है। इस अष्टमी तिथि को अधिकांशतः विष्णु और वैष्णवों का प्राकट्य हुआ है। इसलिये आज अष्टमी तिथि में भगवान शिव और भगवान नारायण दोनों का पूजन एक साथ करके आप अपनी सम्पूर्ण मनोकामनायें पूर्ण कर सकते हैं।



