धार्मिक

Today Panchang आज का पंचांग गुरुवार, 17 जुलाई 2025

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
✦••• जय श्री हरि •••✦
🧾 आज का पंचाग 🧾
गुरुवार 17 जुलाई 2025
17 जुलाई 2025 दिन गुरुवार को श्रावण मास के कृष्ण पक्ष कि सप्तमी तिथि है। आज उड़ीसा में में सीतला सप्तमी का पावन व्रत होता है। आज सप्तमी से ही नेपाली श्रावण मास शूरु होता है। आज जैन लोगों का णमोकार 34 व्रत दूसरा उपवास भी है। आज यायीजय योग एवं सर्वार्थ सिद्धि योग भी है। आप सभी सनातनियों को “शीतला सप्तमी के पावन पर्व” की हार्दिक शुभकामनाएं।।
मंगल श्री विष्णु मंत्र :-
मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।
मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥
☄️ दिन (वार) – गुरुवार के दिन तेल का मर्दन करने से धनहानि होती है । (मुहूर्तगणपति)
गुरुवार के दिन धोबी को वस्त्र धुलने या प्रेस करने नहीं देना चाहिए।
गुरुवार को ना तो सर धोना चाहिए, ना शरीर में साबुन लगा कर नहाना चाहिए और ना ही कपडे धोने चाहिए ऐसा करने से घर से लक्ष्मी रुष्ट होकर चली जाती है ।
गुरुवार को पीतल के बर्तन में चने की दाल, हल्दी, गुड़ डालकर केले के पेड़ पर चढ़ाकर दीपक अथवा धूप जलाएं ।
इससे बृहस्पति देव प्रसन्न होते है, दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है ।
🔮 शुभ हिन्दू नववर्ष 2025 विक्रम संवत : 2082 कालयक्त विक्रम : 1947 नल
🌐 कालयुक्त संवत्सर विक्रम संवत 2082,
👸🏻 शिवराज शक 352
✡️ शक संवत 1947 (विश्वावसु संवत्सर), चैत्र
☮️ गुजराती सम्वत : 2081 नल
☸️ काली सम्वत् 5126
🕉️ संवत्सर (उत्तर) क्रोधी
☣️ आयन – दक्षिणायन
☂️ ऋतु – सौर वर्षा ऋतु
⛈️ मास – श्रावण मास
🌗 पक्ष – कृष्ण पक्ष
📆 तिथि – गुरुवार श्रावण माह के कृष्ण पक्ष सप्तमी तिथि 07:09 PM तक उपरांत अष्टमी
✏️ तिथि स्वामी – सप्तमी के देवता हैं चित्रभानु। सप्तमी तिथि को चित्रभानु नाम वाले भगवान सूर्यनारायण का पूजन करने से सभी प्रकार से रक्षा होती है। यह मित्रवत, मित्रा तिथि हैं।
💫 नक्षत्र – नक्षत्र रेवती 03:39 AM तक उपरांत अश्विनी
🪐 नक्षत्र स्वामी – रेवती नक्षत्र का स्वामी ग्रह बुध है। इसके देवता पूषा हैं। तथा राशि स्वामी गुरु बृहस्पति देव जी है।
🔱 योग – अतिगण्ड योग 09:28 AM तक, उसके बाद सुकर्मा योग
प्रथम करण : विष्टि – 08:07 ए एम तक
द्वितीय करण : बव – 07:08 पी एम तक बालव
🔥 गुलिक कालः- गुरुवार का (शुभ गुलिक) 09:45:00 से 11:10:00 तक
⚜️ दिशाशूल – बृहस्पतिवार को दक्षिण दिशा एवं अग्निकोण का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से सरसो के दाने या जीरा खाकर जाएँ ।
🤖 राहुकाल – दिन – 2:00 से 3:25 तक राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |
🌞 सूर्योदयः- प्रातः 05:17:00
🌄 सूर्यास्तः- सायं 06:43:00
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 04:12 ए एम से 04:53 ए एम
🌇 प्रातः सन्ध्या : 04:33 ए एम से 05:34 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 12:00 पी एम से 12:55 पी एम
✡️ विजय मुहूर्त : 02:45 पी एम से 03:40 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 07:19 पी एम से 07:39 पी एम
🌌 सायाह्न सन्ध्या : 07:20 पी एम से 08:22 पी एम
💧 अमृत काल : 01:22 ए एम, जुलाई 18 से 02:53 ए एम, जुलाई 18
🗣️ निशिता मुहूर्त : 12:07 ए एम, जुलाई 18 से 12:48 ए एम, जुलाई 18
सर्वार्थ सिद्धि योग : पूरे दिन
🚓 यात्रा शकुन-बेसन से बनी मिठाई खाकर यात्रा पर निकलें।
👉🏼 आज का मंत्र-ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरुवै नम:।
🤷🏻‍♀️ आज का उपाय-विष्णु मंदिर में सात बादाम अर्पित करें।
🪵 वनस्पति तंत्र उपाय-पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – सर्वार्थ सिद्धि योग/ भद्रा/सौर श्रावण मास प्रारंभ/कर्क संक्रांति/ कालाष्टमी/ करिदिवस/ सीतला सप्तमी (उड़िसा)/ पंचक समाप्ति 27 . 38/ भारतीय रिज़र्व बैंक गवर्नर आई. जी. पटेल स्मृति दिवस, अभिनेत्री रीता भादुड़ी पुण्य तिथि, (परमवीर चक्र सम्मानित) फ़्लाइंग ऑफ़िसर निर्मलजीत सिंह सेखों जयन्ती, भारतीय महिला फ्रीस्टाइल पहलवान पूजा सिहाग जन्म दिवस, विश्व अंतर्राष्ट्रीय न्याय दिवस, यू तिरोत सिंग दिवस, राष्ट्रीय टैटू दिवस, विश्व इमोजी दिवस, राष्ट्रीय लॉटरी दिवस, राष्ट्रीय पीला सुअर दिवस, राष्ट्रीय आड़ू आइसक्रीम दिवस
✍🏼 तिथि विशेष – सप्तमी तिथि को आँवला त्याज्य बताया गया है। सप्तमी तिथि मित्रप्रद तिथि मानी जाती है। इतना ही नहीं यह सप्तमी तिथि एक शुभ तिथि भी मानी जाती है। इस सप्तमी तिथि के स्वामी भगवान सूर्य देवता हैं। यह सप्तमी तिथि भद्रा नाम से विख्यात मानी जाती है। यह सप्तमी तिथि कृष्ण पक्ष में मध्यम फलदायीनी मानी जाती है। इस सप्तमी तिथि को सुबह सर्वप्रथम स्नान करके भगवान सूर्य को सूर्यार्घ देकर उनका पूजन करना चाहिये। उसके बाद आदित्यह्रदयस्तोत्रम् का पाठ करना चाहिये। इससे जीवन में सुख, समृद्धि, हर्ष, उल्लास एवं पारिवारिक सुखों कि सतत वृद्धि होती है। सप्तमी तिथि में भगवान सूर्य की पुजा करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
🏘️ Vastu tips 🏚️
वास्तु शास्त्र के उपाय:
धन रखने की दिशा: आर्थिक समृद्धि और स्थिरता के लिए अपने धन को हमेशा दक्षिण-पश्चिम कोने (नैऋत्य कोण) में रखना चाहिए। इस दिशा में तिजोरी, अलमारी, सोना-चांदी, आभूषण, वित्तीय दस्तावेज आदि चीजें रखें। यह दिशा पृथ्वी तत्व को दर्शाती है, जो स्थिरता सुनिश्चित करता है। इस दिशा में रखी गई चीजें कई गुणा बढ़ जाती हैं। कभी धन रखने वाली चीजों को पश्चिम या दक्षिण दिशा की तरफ नहीं रखना चाहिए।
मुख्य द्वार: घर के मुख्य द्वार पर आम, अशोक एवं नीम के पत्ते लगाएं। मुख्य द्वार को साफ-सुथरा और सजा हुआ रखें।
घर की सफाई: घर में गंदगी, कूड़ा, धूल-मिट्टी या फिर मकड़ी के जाले नहीं होने चाहिए। नियमित घर की सफाई करें। मकड़ी के जाले लगने से खर्चों में वृद्धि होती है।
कपूर का दीपक: सप्ताह में एक बार कपूर जरूर जलाएं। घर में कपूर जलाने से वास्तु दोष के साथ नकारात्मक ऊर्जा से छुटकारा मिलता है।
कूड़ेदान का स्थान: सुनिश्चित करें कि उत्तर, पश्चिम या दक्षिण-पूर्व में कोई कूड़ेदान या कचरा न हो। यदि ऐसा है तो उसका स्थान कहीं और बनाएं और दृष्टि से दूर रखें।
गुल्लक/पिग्गी बैंक: सफेद गुल्लक या गुल्लक को उत्तर दिशा की ओर मुख करके रखें। यदि संभव हो तो नीले कमल का चित्र लगाएं। नियमित रूप से पैसा निवेश करें।
तांबे का स्वस्तिक: तांबे का स्वस्तिक अपने घर की दक्षिण-पूर्व दिशा में रखें। इससे धन आगमन में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाएंगी।
विष्णु-लक्ष्मी चित्र: घर की दक्षिण-पश्चिम में विष्णु जी का एक ऐसा चित्र लगाएं, जिसमें लक्ष्मी जी उनके चरणों की ओर हों।
पीले कपड़े में हल्दी: एक पीले कपड़े में हल्दी की गांठ बांधकर अपने तकिये के नीचे रखकर सोएं। इससे सौभाग्य में वृद्धि होती है
❇️ जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
पेट फूलने से राहत पाने के उपाय:
आहार में बदलाव:
गैस पैदा करने वाले खाद्य पदार्थों से बचें:- बीन्स, दाल, ब्रोकोली, फूलगोभी, प्याज, और कार्बोनेटेड पेय जैसे खाद्य पदार्थों से बचें।
धीरे-धीरे खाएं और अच्छी तरह चबाएं:- इससे पाचन में सुधार होता है और पेट में हवा कम जाती है।
खूब पानी पिएं:- हाइड्रेटेड रहने से पाचन में मदद मिलती है।
प्रोबायोटिक्स का सेवन करें:- प्रोबायोटिक्स पाचन तंत्र में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देते हैं।
जीवनशैली में बदलाव:
नियमित रूप से व्यायाम करें:- व्यायाम से पाचन में सुधार होता है और गैस को बाहर निकालने में मदद मिलती है।
तनाव कम करें:- तनाव पाचन को बाधित कर सकता है, इसलिए तनाव कम करने के तरीके खोजें।
🥤 आरोग्य संजीवनी 🍶
अदरक और शहद का घरेलू उपाय: अदरक, पेट को आराम देता है और सूजन को कम करता है। एक चम्मच अदरक का रस और आधा चम्मच शहद मिलाकर लें।ये मिश्रण आंतों को राहत देता है और बैक्टीरिया को मारता है। इससे पेट का मरोड़ और गैस की समस्या जल्दी ठीक होती है।
दही और काली मिर्च का नुस्खा: एक कटोरी दही में थोड़ा सा काली मिर्च पाउडर मिलाकर खाएं। दही शरीर में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाता है, जो खराब बैक्टीरिया को मारने में मदद करते हैं।
नींबू पानी – प्राकृतिक एंटीसेप्टिक: नींबू में पाए जाने वाले सिट्रिक एसिड में बैक्टीरिया को मारने की ताकत होती है। एक गिलास गुनगुने पानी में आधा नींबू और चुटकी भर नमक डालकर धीरे-धीरे पिएं। इससे पाचन सुधरता है और उल्टी-दस्त में राहत मिलती है।
केले और चावल – फाइबर और ऊर्जा का संतुलन:केले में मौजूद पोटैशियम शरीर की थकान दूर करता है और चावल पेट पर हल्का असर डालते हैं।
सफेद उबले चावल और केला ये दोनों मिलकर शरीर को ऊर्जा देते हैं और पाचन को स्थिर करते हैं।
बिलकुल क्या न करें: तला-भुना या मसालेदार खाना बिल्कुल न खाएं।
दूध या डेयरी से बने उत्पाद न लें।
कैफीन और सोडा से बचें।
📖 गुरु भक्ति योग 🕯️
क्या कर्ण को पता था की श्रीकृष्ण ही भगवान है ?कर्ण को श्रीकृष्ण के विषय मे यह पता था कि श्रीकृष्ण विष्णु देवता के पृथ्वीलोक पर उसके समय के द्वापर युग मे अवतार है। जिनका मनुष्य जन्म पृथ्वीलोक/ मृत्यु लोक मे यदुवंश मे क्षत्रिय वर्ण मे हुआ है। कर्ण अपने जीवन मे नित्य प्रातःकाल स्नान उपरांत सूर्य देवता की पूजा-पाठ करने के पश्चात ब्रह्म ज्ञानी ब्राहमणो को नित्य सुवर्ण दान व अन्य उनकी आवश्यकतानुसार दान देने के पश्चात उनसे अपनी परब्रह्म परमेश्वर के आत्म स्वरूप व उसके ब्रह्म तत्व संबधी अपनी जिज्ञासा के प्रश्न करके उन ब्रह्म ज्ञानी श्रोत्रिय श्रुति के ज्ञाता ब्राहमणो से ब्रह्म ज्ञान प्राप्त करता था।
जिससे कर्ण को सत्य ब्रह्म का तत्व ज्ञान हो गया था । कर्ण को अपने कर्तव्य धर्म का व अपने व्यक्तिगत सत्य धर्म का ज्ञान भी हो गया था। अपने कर्तव्य धर्म के ज्ञान व सत्य स्वरूप परब्रह्म परमेश्वर के ज्ञान के कारण कर्ण ने महाभारत युद्ध मे गंगापुत्र देवव्रत भीष्म पितामह के बाण शैय्या पर लेट जाने पर रात्रिकाल मे उनसे अपने व्यक्तिगत सत्य धर्म व अपने व्यक्तिगत सत्य कर्तव्य धर्मी की चर्चा करके गंगापुत्र देवव्रत भीष्म पितामह से धर्म पूर्वक महाभारत मे युद्ध करने पर अपार अमर यश व कीर्ति का वरदान लेकर दुर्योधन का ऋण उतारने हेतु महाभारत युद्ध मे धर्म पूर्वक युद्ध धर्म के नियमो का पालन करते हुए महाभारत युद्ध किया ।
जबकि कर्ण के सामने ही महाभारत युद्ध मे वासुदेव श्रीकृष्ण ने धर्म युद्ध के नियमो का पाण्डवो से उलंघन करवाकर छल कपट व झूठ तथा अधर्म व अनीति का प्रयोग पाण्डवो से करवाकर पाण्डवो से सभी युद्ध धर्म के नियम तुड़वाने का जघन्य पापकर्म करवाकर पाण्डवो को वासुदेव श्रीकृष्ण ने महाभारत युद्ध मे अधर्म व पाप का सहारा लेकर विजय दिलवा दी। धर्म व न्याय की तुला /तराजू पर वासुदेव श्रीकृष्ण भी महाभारत युद्ध मे पाण्डवो से अधर्म पूर्वक युद्ध करनने की शिक्षा देकर व अर्जुन सहित सभी पाण्डवो से महाभारत युद्ध मे क्षत्रियो के धर्म युद्ध के नियमो का उल्लंघन करवाकर महापाप करवाकर पाण्डवो को महाभारत युद्ध मे पाप व अधर्म के मार्ग से जिताकर विजयी बनाकर पाप के पाप के मार्ग से वासुदेव श्रीकृष्ण भी पाण्डवो सहित पाप के भागीदार बने।
जभी तो माता गांधारी के श्राप से वासुदेव श्रीकृष्ण का यदुवंश भी वासुदेव श्रीकृष्ण के सामने आपस मे युद्ध करके नष्ट हो गया व श्रीकृष्ण की भी मृत्यु हो गयी एक जंगली भील का बाण लगने से। चारो वेदो व छहो शास्त्रो के अनुसार परब्रह्म परमेश्वर नित्य अजन्मा सनातन जन्म मरण के परे काल से परे कालातीत सर्वव्यापी सर्वशक्तिमान सर्वज्ञ आत्मा परब्रह्म परमेश्वर परमात्मा निराकार ब्रह्म है वह परब्रह्म परमेश्वर सबका आत्मा है वह परब्रह्म परमात्मा कोई देवी देवता नही है। वेदो मे उस सर्वशक्तिमान निराकार सर्वज्ञ सर्वशक्तिमान अन्तर्यामी परब्रह्म परमेश्वर की पूजा-पाठ भक्ति व जप का केवल एक ही मन्त्र है ऊँ ।
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⚜️ सोमवार और शुक्रवार कि सप्तमी विशेष रूप से शुभ फलदायी नहीं मानी जाती बाकी दिनों कि सप्तमी सभी कार्यों के लिये शुभ फलदायी मानी जाती है। सप्तमी को भूलकर भी नीला वस्त्र धारण नहीं करना चाहिये तथा ताम्बे के पात्र में भोजन भी नहीं करना चाहिये। सप्तमी को फलाहार अथवा मीठा भोजन विशेष रूप से नमक के परित्याग करने से भगवान सूर्यदेव कि कृपा सदैव बनी रहती है।।

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