धार्मिक

Today Panchang आज का पंचांग मंगलवार, 18 मार्च 2025

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
✦••• जय श्री हरि •••✦
🧾 आज का पंचाग 🧾
मंगलवार 18 मार्च 2025
हनुमान जी का मंत्र : हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट् ।
🌌 दिन (वार) – मंगलवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से उम्र कम होती है। अत: इस दिन बाल और दाढ़ी नहीं कटवाना चाहिए ।
मंगलवार को हनुमान जी की पूजा और व्रत करने से हनुमान जी प्रसन्न होते है। मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा एवं सुन्दर काण्ड का पाठ करना चाहिए।
मंगलवार को यथासंभव मंदिर में हनुमान जी के दर्शन करके उन्हें लाल गुलाब, इत्र अर्पित करके बूंदी / लाल पेड़े या गुड़ चने का प्रशाद चढ़ाएं । हनुमान जी की पूजा से भूत-प्रेत, नज़र की बाधा से बचाव होता है, शत्रु परास्त होते है।
🔮 शुभ हिन्दू नववर्ष 2024 विक्रम संवत : 2081 पिंगल संवत्सर विक्रम : 1946 क्रोधी
🌐 संवत्सर नाम पिंगल
🔯 शक सम्वत : 1946 (पिंगल संवत्सर)
☸️ काली सम्वत् 5125
🕉️ संवत्सर (उत्तर) पिंगल
☣️ आयन – उत्तरायण
☀️ ऋतु – सौर बसंत ऋतु
🌤️ मास – चैत्र मास
🌖 पक्ष – कृष्ण पक्ष
📅 तिथि – मंगलवार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि 10:09 PM तक उपरांत पंचमी
✏️ तिथि स्वामी – चतुर्थी के देवता हैं शिवपुत्र गणेश। इस तिथि में भगवान गणेश का पूजन से सभी विघ्नों का नाश हो जाता है। यह खला तिथि हैं।
💫 नक्षत्र – नक्षत्र स्वाति 05:51 PM तक उपरांत विशाखा
🪐 नक्षत्र स्वामी – स्वाति नक्षत्र के स्वामी राहु हैं. स्वाति नक्षत्र के देवता वायु और सरस्वती हैं. वायु हवा के देवता हैं. वहीं, सरस्वती विद्या की अधिष्ठात्री देवी हैं।
⚜️ योग – व्याघात योग 04:43 PM तक, उसके बाद हर्षण योग
प्रथम करण : बव – 08:51 ए एम तक
द्वितीय करण : बालव – 10:09 पी एम तक कौलव
🔥 गुलिक काल : मंगलवार का गुलिक दोपहर 12:06 से 01:26 बजे तक।
🤖 राहुकाल (अशुभ) – दोपहर 15:19 बजे से 16:41 बजे तक। राहु काल में शुभ कार्य करना वर्जित माना गया है।
⚜️ दिशाशूल – मंगलवार को उत्तर दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिये, यदि अत्यावश्यक हो तो कोई गुड़ खाकर यात्रा कर सकते है।
🌞 सूर्योदयः- प्रातः 06:02:00
🌅 सूर्यास्तः- सायं 05:58:00
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 04:52 ए एम से 05:40 ए एम
🌆 प्रातः सन्ध्या : 05:16 ए एम से 06:27 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 12:05 पी एम से 12:53 पी एम
✡️ विजय मुहूर्त : 02:30 पी एम से 03:18 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 06:29 पी एम से 06:53 पी एम
🏙️ सायाह्न सन्ध्या : 06:31 पी एम से 07:43 पी एम
💧 अमृत काल : 07:56 ए एम से 09:44 ए एम
🗣️ निशिता मुहूर्त : 12:05 ए एम, मार्च 19 से 12:52 ए एम, मार्च 19
🚓 यात्रा शकुन – दलीया का सेवन कर यात्रा पर निकले।
👉🏼 आज का मंत्र – ॐ अं अंगारकाय नमः।
🤷🏻‍♀️ आज का उपाय – हनुमान मंदिर में मसूर दाल का मीठा पकवान चढ़ाएं।
🌳 वनस्पति तंत्र उपाय – खैर के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – शाहजीराजे भोसले जयन्ती (अंग्रेजी दिनांक के अनुसार), राजनीतिज्ञ देवरगुंडा वेंकप्पा सदानंद जी जन्म दिवस, राजनीतिज्ञ डी. वी. सदानंद गौड़ा जन्म दिवस, राजनेता रावसाहेब दानवे जन्म दिवस, आज़ाद हिन्द फ़ौज के अधिकारीगुरबख्श सिंह ढिल्लों जयन्ती, आयुध निर्माणी दिवस, एकनाथ सोलकर जयन्ती, कुंजी लाल दुबे जन्म दिवस, अभिनेता शशि कपूर जन्म दिवस, वैश्विक पुनर्चक्रण दिवस, विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस, राष्ट्रीय जैवडीजल दिवस
✍🏼 तिथि विशेष – चतुर्थी तिथि को मूली एवं पञ्चमी तिथि को बिल्वफल त्याज्य बताया गया है। इस चतुर्थी तिथि में तिल का दान और भक्षण दोनों त्याज्य होता है। इसलिए चतुर्थी तिथि को मूली और तिल एवं पञ्चमी को बिल्वफल नहीं खाना न ही दान करना चाहिए। चतुर्थी तिथि एक खल और हानिप्रद तिथि मानी जाती है। इस चतुर्थी तिथि के स्वामी गणेश जी हैं तथा यह चतुर्थी तिथि रिक्ता नाम से विख्यात मानी जाती है। यह चतुर्थी तिथि शुक्ल पक्ष में अशुभ तथा कृष्ण पक्ष में शुभफलदायिनी मानी गयी है।
🏘️ Vastu tips_🏚️
इन पौधों को भूलकर न लगाएं घर में
वास्तु शास्त्र के अनुसार नींबू, कैक्टस आदि काटेदार पेड़-पौधों को घर के अंदर नहीं लगाना चाहिए। साथ ही ऐसे पौधे जिनसे दूध निकलता है उन्हें भी नहीं लगाना चाहिए, ऐसे पौधों को अशुभ माना जाता है। ऐसे पौधों से नकारात्मक ऊर्जा निकलती है जिससे घर में अशांति रहती है। काटेदार पौधों में गुलाब का पौधा घर में लगाना शुभ माना जाता है लेकिन काला गुलाब नहीं लगाना चाहिए क्योंकि काला गुलाब लगाने से चिंता बढ़ती है। घर में ऐसे पेड़-पौधे भी नहीं लगाने चाहिए जो सांप, मधुमक्खी, उल्लू आदि को आमंत्रित करते हैं।
♻️ जीवनोपयोगी कुंजियां
⚜️
अमरूद के पत्ते पेट की बीमारियों जैसे दस्त, कब्ज, अपच और पेट दर्द में लाभकारी होते हैं। इनमें एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं, जो पाचन तंत्र को सुधारने में मदद करते हैं।
उपयोग का तरीका:
4-5 पत्तों को पानी में उबालकर छान लें और इसे दिन में दो बार पिएं।
अमरूद के पत्तों का पाउडर बनाकर इसे गुनगुने पानी के साथ लेने से भी फायदा होता है।
हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद अमरूद के पत्ते कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। यह हृदय संबंधी बीमारियों के जोखिम को कम करता है।
🍂 आरोग्य संजीवनी 🍁
बीपी हाई/ उच्च रक्तचाप दूर करने का घरेलू तरीका
आप सुबह फ्रेश होने के बाद कम से कम उल्टी तरफ की नाक बंद करके 200 बार सीधी नाक से श्वास धीरे धीरे नाभी तक ले जाकर सीधी नाक से ही छोड़े।
दुपहर और रात भोजन से 30 मिनिट पहले भी 100 से 200 बार ऐसा ही करें।
रात को सोते समय आंख बंद कर पूरे शरीर की पूरी तरह ढीला छोड़कर राइट साइड की नाक से श्वास लेकर सीधी नाक से ही छोड़े।
ध्यान रहे सांस लेते और छोड़ते समय आवाज नहीं आना चाहिए। मात्र तीन दिन में आपको चमत्कारी रूप से राहत मिलने लगेगी।
एक बात अच्छी तरह जान लें कि सीधी वाली नाक सूर्य नाड़ी कहलाती है और अक्सर ये बंद रहती है या ज्यादा नहीं क्ली, तो शरीर में रक्त का संचार अनियंत्रित, अनियमित हो जाता है।
जिस जिन भी सूर्य नाड़ी स्वत: चलने लगेगी, तो समझ लेना कि सारी बीमारियां जड़ से मिट जाएंगी।
🌷 गुरु भक्ति योग
🌸
बेलपत्र के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से क्या होता है?
बेलपत्र का पेड़ हिंदू धर्म में भगवान शिव को समर्पित माना जाता है। इस पेड़ के नीचे दीपक जलाने का धार्मिक महत्व बहुत गहरा है। आइए जानते हैं कि 🫵🏼 ऐसा करने से क्या होता है:
भगवान शिव की कृपा: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बेलपत्र के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। ऐसा माना जाता है कि इससे व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
मनोकामनाओं की पूर्ति: बेलपत्र के पेड़ को मनोकामनाओं को पूरा करने वाला भी माना जाता है। इसलिए, लोग अपनी मनोकामना लेकर इस पेड़ के नीचे दीपक जलाते हैं।
नकारात्मक ऊर्जा का निवारण: ऐसा माना जाता है कि बेलपत्र के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
आध्यात्मिक विकास: बेलपत्र के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से व्यक्ति का आध्यात्मिक विकास होता है और उसे शांति मिलती है।
🕯️ कब जलाएं दीपक:
महाशिवरात्रि: इस दिन बेलपत्र के पेड़ के नीचे दीपक जलाना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
सोमवार: सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है, इसलिए इस दिन भी बेलपत्र के पेड़ के नीचे दीपक जला सकते हैं।
अमावस्या: अमावस्या के दिन भी बेलपत्र के पेड़ के नीचे दीपक जलाना शुभ होता है।
🪔 कैसे जलाएं दीपक:
सामग्री: आपको एक दीपक, रुई, तेल और बेलपत्र की कुछ पत्तियां चाहिए होंगी।
विधि: बेलपत्र की पत्तियों को दीपक के पास रखें और दीपक में तेल भरकर रुई जलाएं।
👀 ध्यान रखें:_

दीपक जलाते समय साफ-सफाई का ध्यान रखें।
दीपक को सुरक्षित स्थान पर जलाएं ताकि कोई हादसा न हो।
दीपक जलाने के बाद हाथों को धो लें।
अन्य बातें: बेलपत्र के पेड़ के नीचे दीपक जलाने के अलावा, आप बेलपत्र की पत्तियों को भगवान शिव को अर्पित भी कर सकते हैं।
बेलपत्र का पेड़ लगाना भी शुभ माना जाता है।
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⚜️ चतुर्थी तिथि में तिल का दान और भक्षण दोनों भी त्याज्य है। आज गणपति, गजानन, विघ्नहर्ता श्री गणेशजी की पूजा का विशेष महत्त्व है। आज गणपति की पूजा के उपरान्त मोदक, बेशन के लड्डू एवं विशेष रूप से दूर्वादल का भोग लगाना चाहिये इससे मनोकामना की सिद्धि तत्काल होती है। शास्त्रानुसार जिस व्यक्ति का जन्म चतुर्थी तिथि को होता है वह व्यक्ति बहुत ही भाग्यशाली होता है। चतुर्थी तिथि में जन्म लेने वाला व्यक्ति बुद्धिमान एवं अच्छे संस्कारों वाला होता है। ऐसे लोग अपने मित्रों के प्रति प्रेम भाव रखते हैं तथा इनकी सन्तानें अच्छी होती है। इन्हें धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है और ये सांसारिक सुखों का पूर्ण उपभोग करते हैं।।

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