धार्मिक

Today Panchang आज का पंचांग मंगलवार, 25 मार्च 2025

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
✦••• जय श्री हरि •••✦
🧾 आज का पंचाग 🧾
मंगलवार 25 मार्च 2025
25 मार्च 2025 दिन मंगलवार को चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि है। आज पापमोचनी एकादशी का पावन व्रत है। यह पापमोचनी एकादशी व्रत का बड़ा ही महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि आज काशी में वृद्ध अंगारक पर्व ( बुढ़वा मंगल) का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। शास्त्र अनुसार एकादशी सर्वश्रेष्ठ एवं सर्वाधिक पुण्यदायी व्रत होता है। इसे हर व्यक्ति को अवश्य करना चाहिए। आप सभी सनातनियों को “पापमोचनी एकादशी और बुढ़वा मंगल पर्व के पावन त्यौहार” की हार्दिक शुभकामनाएं।।
हनुमान जी का मंत्र : हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट् ।
🌌 दिन (वार) – मंगलवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से उम्र कम होती है। अत: इस दिन बाल और दाढ़ी नहीं कटवाना चाहिए ।
मंगलवार को हनुमान जी की पूजा और व्रत करने से हनुमान जी प्रसन्न होते है। मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा एवं सुन्दर काण्ड का पाठ करना चाहिए।
मंगलवार को यथासंभव मंदिर में हनुमान जी के दर्शन करके उन्हें लाल गुलाब, इत्र अर्पित करके बूंदी / लाल पेड़े या गुड़ चने का प्रशाद चढ़ाएं । हनुमान जी की पूजा से भूत-प्रेत, नज़र की बाधा से बचाव होता है, शत्रु परास्त होते है।
🔮 शुभ हिन्दू नववर्ष 2024 विक्रम संवत : 2081 पिंगल संवत्सर विक्रम : 1946 क्रोधी
🌐 संवत्सर नाम पिंगल
🔯 शक सम्वत : 1946 (पिंगल संवत्सर)
☸️ काली सम्वत् 5125_

🕉️ संवत्सर (उत्तर) पिंगल
☣️ आयन – उत्तरायण
☀️ ऋतु – सौर बसंत ऋतु
🌤️ मास – चैत्र मास
🌒 पक्ष – कृष्ण पक्ष
📅 तिथि – मंगलवार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि 03:45 AM तक उपरांत द्वादशी
📝 तिथि स्वामी – एकादशी के देवता हैं विश्वेदेवगणों और विष्णु। इस तिथि को विश्वेदेवों पूजा करने से संतान, धन-धान्य और भूमि आदि की प्राप्ति होती है।
💫 नक्षत्र – नक्षत्र श्रवण 03:49 AM तक उपरांत धनिष्ठा
🪐 नक्षत्र स्वामी – श्रवण नक्षत्र के स्वामी चंद्रमा हैं। तथा नक्षत्र के देवता भगवान विष्णु हैं।
⚜️ योग – शिव योग 02:53 PM तक, उसके बाद सिद्ध योग
प्रथम करण : बव – 04:30 पी एम तक
द्वितीय करण : बालव – 03:45 ए एम, मार्च 26 तक कौलव
🔥 गुलिक काल : मंगलवार का गुलिक दोपहर 12:06 से 01:26 बजे तक।
🤖 राहुकाल (अशुभ) – दोपहर 15:19 बजे से 16:41 बजे तक। राहु काल में शुभ कार्य करना वर्जित माना गया है।
⚜️ दिशाशूल – मंगलवार को उत्तर दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिये, यदि अत्यावश्यक हो तो कोई गुड़ खाकर यात्रा कर सकते है।
🌞 सूर्योदयः- प्रातः 05:57:00
🌅 सूर्यास्तः – सायं 06:03:00
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 04:45 ए एम से 05:32 ए एम
🌇 प्रातः सन्ध्या : 05:09 ए एम से 06:19 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 12:03 पी एम से 12:52 पी एम
✡️ विजय मुहूर्त : 02:30 पी एम से 03:19 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 06:34 पी एम से 06:57 पी एम
🌃 सायाह्न सन्ध्या : 06:35 पी एम से 07:45 पी एम
💧 अमृत काल : 05:41 पी एम से 07:15 पी एम
🗣️ निशिता मुहूर्त : 12:03 ए एम, मार्च 26 से 12:50 ए एम, मार्च 26
🌸 द्विपुष्कर योग : 03:49 ए एम, मार्च 26 से 06:18 ए एम, मार्च 26
🚓 यात्रा शकुन-दलिया का सेवन कर यात्रा पर निकलें।
👉🏼 आज का मंत्र-ॐ अं अंगारकाय नम:।
💁🏻 आज का उपाय-हनुमान मंदिर में पंचमुखा दीपक प्रज्जवलित करें।
🪵 वनस्पति तंत्र उपाय- खैर के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – द्विपुष्कर योग/ द्विपुष्कर योग/ पापमोचिनी एकादशी व्रत (स्मार्त)/पंचांग भेद-सर्वे/ अभिनेत्री नन्दा पुण्य तिथि, भारतीय कवि तेज राम शर्मा जन्म दिवस, (पद्म श्री और पद्म भूषण से सम्मानित भारतीय वैज्ञानिक) वसंत गोवारिकर जन्म दिवस, प्रसिद्ध अभिनेता फ़ारुख़ शेख़ जन्म दिवस, ग्रीस स्वतंत्रता दिवस, हिरासत में लिए गए और लापता स्टाफ सदस्यों के साथ एकजुटता का अंतर्राष्ट्रीय दिवस, गणेश शंकर विद्यार्थी का बलिदान दिवस, प्रसिद्ध भारतीय राजनेता मिर्जा राशिद अली बेग जयन्ती, गुलामी और ट्रांसअटलांटिक दास व्यापार के पीड़ितों की याद का अंतरराष्ट्रीय दिवस, सेन जयंती
✍🏼 तिथि विशेष – एकादशी तिथि को चावल एवं दाल नहीं खाना चाहिये तथा द्वादशी को मसूर नहीं खाना चाहिये। यह इस तिथि में त्याज्य बताया गया है। एकादशी को चावल न खाने अथवा रोटी खाने से व्रत का आधा फल सहज ही प्राप्त हो जाता है। एकादशी तिथि एक आनन्द प्रदायिनी और शुभफलदायिनी तिथि मानी जाती है। एकादशी को सूर्योदय से पहले स्नान के जल में आँवला या आँवले का रस डालकर स्नान करना चाहिये। इससे पुण्यों कि वृद्धि, पापों का क्षय एवं भगवान नारायण के कृपा कि प्राप्ति होती है।।
🏘️ Vastu tips 🏚️
अगर सुबह उठते ही आप कभी बंद घड़ी देखते हैं तो इसकी वजह से आपके जीवन में रुकावटें आ सकती हैं। आपके काम अटक सकते हैं। सुबह बंद घड़ी का दिखना वास्तु में अशुभ सूचक माना गया है, इसलिए कभी भी बंद घड़ी आपको अपने बेडरूम में नहीं रखनी चाहिए।
झाडू और कूड़ेदान सुबह के समय झाडू या कूड़ेदान का दिखना भी अच्छा संकेत नहीं माना गया है। वास्तु के अनुसार इसकी वजह से आपके जीवन में आर्थिक तंगी आ सकती है।
जूठे बर्तन अगर आप सुबह उठते ही सबसे पहले जूठे बर्तन देखते हैं तो वास्तु में इसे भी शुभ संकेत नहीं माना जाता है। इसकी वजह से शरीर में नकारात्मकता आ सकती है। इसीलिए कहा जाता है कि कभी भी रात को घर में जूठे बर्तन नहीं छोड़ने चाहिए।
🔰 जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
आचार्य श्री गोपी राम के अनुसार, जब आप 42 दिनों तक पारिजात सेवन करते हैं तो इससे माइग्रेन के दर्द में काफी आराम मिलता है. पारिजात के फूलों में पॉलीफेनॉल्स, बायोएक्टिव एंजाइम्स पाए जाते हैं, जिनमें सूजन को कम करने वाले गुण मौजूद होते हैं.
माइग्रेन समेत पारिजात अर्थराइटिस, डायबिटीज, हार्ट संबंधित समस्याओं में भी बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है. आयुर्वेद में इस पौधे के हर भाग को सेहत के लिए खजाना माना जाता है.
42 दिनों तक यदि नियमित पारिजात का इस्तेमाल किया जाए तो यह माइग्रेन के ट्रिगर को कम कर सकता है. माइग्रेन में दिमाग की नसें सिकुड़ जाती हैं, जिससे तेज दर्द होता है. इसमें पारिजात के पत्तों से बना काढ़ा बेहद फायदेमंद होता है.
काढ़ा बनाने के लिए पारिजात के सात पत्ते लें. इसे एक गिलास पानी में डालकर उबालें. जब पानी का आठवां हिस्सा बच जाए तो इसे छानकर पिएं. यह बेहद सरल और प्रभावी इलाज है. इससे दिमाग का फंक्शन सही होने लगता है. माइग्रेन के दर्द में राहत मिलती है. इस काढ़े का सेवन कम से कम आप 42 दिनों तक करें.
💉 आरोग्य संजीवनी 🩸
दांत दर्द से राहत के लिए घरेलू उपाय
1️⃣ लौंग का तेल 1-2 बूंद लौंग का तेल दर्द वाले स्थान पर लगाएं।* लौंग में यूजेनॉल (Eugenol) होता है, जो दर्द को तुरंत कम करता है। 2️⃣ नमक और गर्म पानी से कुल्ला 1 चम्मच नमक गुनगुने पानी में मिलाकर कुल्ला करें। इससे इंफेक्शन और सूजन कम होती है। 3️⃣ हल्दी का पेस्ट हल्दी और सरसों के तेल का पेस्ट बनाकर मसूड़ों पर लगाएं। हल्दी में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो दर्द को कम करते हैं। ⚠️ सावधानियां:
अगर दर्द 24 घंटे से ज्यादा हो तो डॉक्टर से परामर्श लें।
*
कैविटी और दांतों की सड़न को नजरअंदाज न करें।
📖 *गुरु भक्ति योग* 🕯️
एक दिन, एक युवा लड़का जिसका नाम राहुल था, उदास और निराश होकर दादी माँ के पास आया। राहुल एक प्रतिभाशाली चित्रकार था, लेकिन हाल ही में उसे अपने काम में कोई प्रेरणा नहीं मिल रही थी। वह अपनी कला के प्रति अपना जुनून खो रहा था, और उसे डर था कि वह कभी भी एक महान कलाकार नहीं बन पाएगा।
दादी माँ ने राहुल की बात ध्यान से सुनी और उसे एक गहरी सांस लेने के लिए कहा। फिर, उन्होंने उसे एक कहानी सुनाई:
बहुत समय पहले, एक छोटा सा पौधा था जो एक चट्टानी पहाड़ी की चोटी पर उगता था। पौधा अकेला और कमजोर था, और उसे अक्सर तेज हवाओं और कठोर मौसम का सामना करना पड़ता था। लेकिन पौधे ने कभी हार नहीं मानी। उसने अपनी जड़ों को चट्टान में गहराई तक जमा लिया, और उसने सूरज की रोशनी और बारिश की हर बूंद का उपयोग किया।
धीरे-धीरे, पौधा मजबूत और स्वस्थ हो गया। उसने सुंदर फूल खिलाए, और उसकी खुशबू दूर-दूर तक फैल गई। एक दिन, एक थका हुआ यात्री पहाड़ी पर आया। वह फूलों की खुशबू से आकर्षित हुआ, और उसने पौधे के नीचे आराम किया। पौधे ने उसे अपनी कहानी सुनाई, और यात्री को एहसास हुआ कि पौधे ने कितनी मुश्किलों का सामना किया था।
यात्री ने पौधे से कहा, ‘तुम एक अद्भुत पौधे हो। तुमने कभी हार नहीं मानी, और तुमने अपनी ताकत और सुंदरता को पाया।’ पौधे ने मुस्कुराते हुए कहा, ‘मैंने कभी हार नहीं मानी क्योंकि मुझे पता था कि मेरे अंदर कुछ खास है। मुझे पता था कि मैं सुंदर फूल खिला सकता हूं, और मैं दुनिया को अपनी खुशबू से भर सकता हूं।’
दादी माँ ने राहुल को देखा और कहा, “राहुल, तुम भी उस पौधे की तरह हो। तुम्हारे अंदर एक कलाकार है, और तुम सुंदर चित्र बना सकते हो। तुम्हें बस खुद पर विश्वास करना होगा, और कभी हार नहीं माननी चाहिए।”
राहुल दादी माँ की बातों से प्रेरित हुआ। उसने घर जाकर अपनी चित्रकला शुरू की, और उसने कभी हार नहीं मानी। धीरे-धीरे, उसने अपनी प्रेरणा वापस पा ली, और उसने कुछ अद्भुत चित्र बनाए।
राहुल एक महान कलाकार बन गया, और उसने अपनी कला से दुनिया को प्रेरित किया। उसने कभी भी दादी माँ की सीख को नहीं भुलाया, और उसने हमेशा खुद पर विश्वास किया।
समझ शक्ति
कैसे समझ शक्ति किसी का जीवन बदल सकती है और उसे जीवन में आगे बढ़ा सकती है।
निराशा जीवन में कई बार आती है लेकिन उसे एक ही शक्ति हरा सकती है और वो है समझ शक्ति।
बूढ़ी दादी की समझ शक्ति ने राहुल के जीवन को बड़ी ही आसानी से बचा लिया था।
समझ शक्ति कैसे बढ़ाएं?
समझ शक्ति को हम भी विकसित कर सकते है, ध्यान के माध्यम से। नियमित ध्यान जब हम करते है तो एक समय ऐसा आता है कि समझ शक्ति विकसित होना शुरू हो जाता है। लेकिन समझ शक्ति गहरे ध्यान के बाद ही विकसित होती है।
ॐ❀ೋ═══ • ═══ೋ❀ॐ
⚜️ एकादशी तिथि के देवता विश्वदेव होते हैं। नन्दा नाम से विख्यात यह तिथि शुक्ल पक्ष में शुभ तथा कृष्ण पक्ष में अशुभ फलदायिनी मानी जाती है। एकादशी तिथि एक आनंद प्रदायिनी और शुभ फलदायी तिथि मानी जाती है। इसलिये आज दक्षिणावर्ती शंख के जल से भगवान नारायण का पुरुषसूक्त से अभिषेक करने से माँ लक्ष्मी प्रशन्न होती है एवं नारायण कि भी पूर्ण कृपा प्राप्त होती है।
यदि एकादशी तिथि रविवार और मंगलवार को पड़ती है तो मृत्युदा योग बनाती है। इस योग में शुभ कार्य करना वर्जित है। इसके अलावा एकादशी तिथि शुक्रवार को होती है तो सिद्धा कहलाती है। ऐसे समय में किसी भी कार्य की सिद्धि प्राप्ति का योग निर्मित होता है। यदि किसी भी पक्ष में एकादशी सोमवार के दिन पड़ती है तो क्रकच योग बनाती है, जो अशुभ होता है। इसमें शुभ कार्य निषिद्ध बताये गये हैं। एकादशी तिथि नंदा तिथियों की श्रेणी में आती है। वहीं किसी भी पक्ष की एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा करना शुभ माना जाता है।

Related Articles

Back to top button