मध्य प्रदेश

आज ऊर्जा के नवीनीकरणीय स्त्रोतों की उपयोगिता बढ़ानी की महती आवश्यकता है- प्रो चेतन सोलंकी

कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में ऊर्जा साक्षरता प्रशिक्षण आयोजित

रिपोर्टर : शिवलाल यादव, रायसेन
रायसेन । कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित ऊर्जा साक्षरता प्रशिक्षण में मप्र के सौर ऊर्जा ब्रांड एम्बेसडर तथा एनर्जी स्वराज संस्थान के संस्थापक प्रोफेसर चेतन सोलंकी ने कहा कि हमें ऊर्जा के नवीनीकरणीय स्त्रोतों की उपयोगिता बढ़ानी होगी। यदि हम नहीं बदले तो इसके परिणाम भयानक होंगे। हमें ऊर्जा पैदा करने के तरीकों के बारे में दोबारा सोचने की जरूरत है। कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में कलेक्टर अरविंद कुमार दुबे, अपर कलेक्टर अनिल डामोर, जिला पंचायत सीईओ पीसी शर्मा उपस्थित थे।
प्रोफेसर सोलंकी ने कहा कि सूरज की रोशनी सबके लिए है और इसका उपयोग करते हुए हमें प्रकृति से दोस्ती बढ़ाना चाहिए। हम टेक्नॉलाजी का अंधाधंध इस्तेमाल कर रहे हैं और हमें इसके दुष्परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं लेकिन हम लापरवाह बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि हमें ऊर्जा का कम से कम और जरूरत पड़ने पर ही उपयोग करना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। हम सभी कहीं ना कहीं ऊर्जा का बेजा इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सोलर टेक्नोलॉजी बेहतर और इससे पर्यावरण को नुकसान भी नहीं होता। प्रोफेसर सोलंकी ने कहा प्रशिक्षण के दौरान कहा कि हम ऑगनबाड़ी भवनों, स्कूल भवनों, पंचायत भवनों पर सोलर प्लांट लगा सकते हैं।
प्रोफेसर सोलंकी ने कहा कि अगर हम किसी एनर्जी को उपयोग कर रहे हैं तो एएमजी मंत्र याद रखिए, जिसका मतलब है एवाइड करना, मिनिमाइज करना तथा जनरेट करना। उन्होंने कहा कि हम सोलर एनर्जी या किसी अन्य एनर्जी का उपयोग कर रहे हैं तो कोशिश करना चाहिए कि हम कम से कम उपयोग करें। उन्होंने कहा कि आज हम एनर्जी के लिए दूसरे देशों पर निर्भर हैं और इसमें बहुत बड़ी राशि भी प्रतिवर्ष खर्च हो रही है। हमें आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए दूसरों पर निर्भरता धीरे-धीरे कम करनी होगी। उन्होंने कहा कि आज पेट्रोल, डीजल, कोयला, बिजली सभी का अत्याधिक इस्तेमाल हो रहा है जिससे पर्यावरण को बहुत नुकसान हो रहा है। इससे लगातार तापमान में वृद्धि हो रही है तथा पर्यावरण भी दूषित हो रहा है। प्रशिक्षण में अनेक विभागों के जिला अधिकारी शामिल हुए।

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