कृषिमध्य प्रदेश

हमारे जिले से दो सांसद, दो मंत्रियों, दो विधायकों के बाद भी किसान खाद के लिए करने लगे जद्दोजहद

जिले में रबी सीजन की फसलों की शुरू हुई बोवनी, लेकिन डीएपी, यूरिया खाद के संकट से किसान हुए चिंतित, बोले बीजेपी अध्यक्ष डॉ जेपी किरार डीएपी खाद के लिए शिवराज सरकार है चिंतित, कांग्रेस जिलाध्यक्ष देवेंद्र पटेल ने कहा प्रदेश की शिवराज सरकार हर मोर्चे पर फेल
रिपोर्टर : शिवलाल यादव, रायसेन
रायसेन।
मानसून की विदाई के बाद किसान इन दिनों रबी सीजन की बोवनी की तैयारियों में जुट गए हैं।लेकिन डीएपी, यूरिया खाद के संकट ने किसानों की मुश्किलों को बढ़ा दिया है। विशेष बात तो यह है कि हमारे कृषि प्रधान रायसेन जिले से होशंगाबाद उदयपुरा के सांसद राव उदय प्रतापसिंह, विदिशा रायसेन सीट के भाजपा सांसद रमाकांत भार्गव प्रतिनिधित्व करते हैं। इसके अलावा रायसेन जिले से ही वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की विशेष निगाह वाला रायसेन जिला है। जिले से स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी, सहकारिता मंत्री डॉ अरविंद सिंह सिसौदिया, भोजपुर के बीजेपी विधायक सुरेंद्र पटवा, सिलवानी से रामपालसिंह, उदयपुरा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक भी प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इसके बाद भी जिले के किसान डीएपी, यूरिया संकट से जूझ रहे हैं।यह बड़े शर्म की बात है। इन दोनों भाजपा सांसदों के संसदीय क्षेत्र के किसान डीएपी यूरिया खाद की कालाबाजारी की समस्या से दो चार होना पड़ रहा है। रायसेन जिले में रबी सीजन में डेढ़ लाख हैक्टर क्षेत्र में फसल बुआई का कृषि विभाग ने तय किया है। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जिले में लगभग 13 हजार मीट्रिक टन खाद मौजूद है।लेकिन जिलेभर के किसानों को सरकारी व निजी स्तर पर 2556 मीट्रिक टन डीएपी खाद उपलब्ध कराई है। किसानों राजेन्द्र बाबू राय, सुरेश वाजपेयी, हरनाम सिंह जाट, राजेन्द्र यादव, महेंद्र सिंह यादव भादनेर, चैन सिंह मीणा का कहना है कि यूरिया खाद की किल्लत भी खड़ी हो सकती है। ऐसे में किसान परेशान हो रहे हैं। आगामी समय में जब गेंहू चना मसूर आदि की बोवनी शुरू होगी तो निश्चित रूप से यूरिया, डीएपी खाद संकट खड़ा हो सकता है। उस समय क्या समस्या खड़ी होगी यह आप सहज जान सकते हैं। एक बीघा जमीन में किसान डीएपी यूरिया गेंहू, चना और सरसों की बोवनी में करते हैं। एक बीघा खेत में किसान 20 से 25 किलोग्राम डीएपी यूरिया खाद इस्तेमाल करते हैं। मौजूदा समय में डीएपी यूरिया खाद के संकट ने किसानों की मुश्किलों और बढ़ा दिया है। फिलहाल रायसेन जिले के किसान डीएपी, यूरिया खाद के स्टॉक करने में जुट गए हैं। हालांकि डीएपी खाद के विकल्प के तौर पर एनपीके खाद कि कृषि विभाग के अधिकारी एनपी सुमन और कृषि विज्ञान केंद्र नकतरा के डॉ स्वप्निल दुबे ने बताया कि डीएपी खाद के विकल्प के लिए एनपीके खाद इस्तेमाल किया जाने की सलाह दी जा रही है।
इनका कहना है…..
डीएपी, यूरिया खाद की आपूर्ति के प्रयास जारी
यूं तो डीएपी खाद की किल्लत तो समूचे देश में ही बनी हुई है। यूरिया खाद किसानों को स्टॉक लगाने में शिवराज सरकार कोई कमी नहीं छोड़ेगी। लेकिन एनपीके खाद गोदामों में पर्याप्त मात्रा में स्टॉक है। यह बात तो जिला विपणन संघ के अधिकारी संदीप भार्गव खुद बता चुके हैं। डीएपी यूरिया खाद का स्टॉक कराने हमारे मंत्री सांसद विधायक प्रयासरत हैं। – डॉ जयप्रकाश किरार जिला भाजपा अध्यक्ष
हर मोर्चे पर फेल केंद्र की मोदी सरकार, प्रदेश सरकार

शिवराज सरकार दावे तो खाद की पर्याप्त उपलब्धता और खेती को फायदा का कारोबार के कर रही है।लेकिन किसानों के लिए खेती बजाय फायदे के नुकसान का धंधा बन चुका है। देवेन्द पटेल कांग्रेस जिलाध्यक्ष

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