गलती ठेकेदार की, खामियाजा भुगत रही जनता, नल जल योजना के तहत 54 लाख स्वीकृत, 4 वर्ष में भी काम नहीं हुआ पूरा
रिपोर्टर : सतीश चौरसिया, उमरिया पान।
उमरियापान। जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा की ग्राम पंचायत उमरियापान में घर-घर पानी पहुंचाने के उद्देश्य से शासन द्वारा 54 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई थी और उक्त कार्य 4 वर्ष पूर्व शुरु किया गया था लेकिन ठेकेदार की करतूतों के कारण आज भी उमरियापान की जनता को उसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
उल्लेखनीय है कि 4 वर्ष बीत जाने के बाद भी ठेकेदार के द्वारा संबंधित कार्य को पूर्ण नहीं किया गया और पीएचआई विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से बिना कार्य के ही उसे भुगतान किया जा रहा है जबकि मौका स्थल पर उसके द्वारा निर्माण कार्य प्रगति नहीं है। वहीं उमरियापान पंचायत सरपंच/सचिव के द्वारा ठेकेदार की मनमानी को लेकर कई बार मौखिक रुप से संबंधित अधिकारियों को अवगत कराया गया लेकिन भ्रष्टाचार की नाव में सवार संबंधित अधिकारियों को भी इससे मतलब नहीं है और जब पंचायत की बात नहीं सुनी गई तो फिर से उमरियापान सरपंच/सचिव के द्वारा लिखित रुप से पत्र क्रमांक- 13/2020 के माध्यम से संबंधित अधिकारियों से फिर से गुहार लगाई गई कि संबंधित ठेकेदार के द्वारा जवाबदारी से कार्य पूर्ण नहीं किया जा रहा है इसलिये जब तक पंचायत द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी न किया जाये तब तक उसका भुगतान न किया जाये लेकिन पीएचई विभाग के कुछ कथाकथित अधिकारियों द्वारा अपने कमीशन के कारण जबरन बिना कार्य के भुगतान कर किया जा रहा है। वहीं जानकारी यह भी सामने आई है कि विभाग द्वारा जितना भुगतान किया गया है उससे आधा भी काम ठेकेदार के द्वारा नहीं किया गया है इसके बाद भी विभाग के अधिकारी मूकदर्शक बनकर तामाशा देख रहे है और अपनी शह पर ठेकेदार को बिना कार्य के भुगतान कर रहे है।
स्मरण रहे कि शासन द्वारा चार वर्ष पूर्व उमरियापान पंचायत की समस्या को दृष्टिगत रखते हुये 54 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई थी जिससे वहां के वांशिदों को घर-घर पानी उपलब्ध हो सकता था लेकिन उक्त ठेकेदार की मनमानी का खामियाजा वहां के निवासी भुगत रहे है और आज भी कई वार्ड में घर-घर पानी पहुंचाने की योजना में ठेकेदार के द्वारा पानी फेरा जा रहा है। वहीं ठेकेदार की मनमानी के कारण उमरियापान पंचायत द्वारा संबंधित विभाग को पत्र लिखकर पुनः अवगत कराया गया है कि यदि 7 दिवस के अंदर उक्त कार्य पूर्ण नहीं किया जायेगा तो पंचायत की ओर से एक याचिका माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में प्रस्तुत की जायेगी जिसमें संबंधित विभाग प्रमुख, ठेकेदार सहित अन्य को पक्षकार बनाया जायेगा जिसके समस्त हर्जे-खर्चे की जवाबदारी भी इन्हीं लोगों की होगी।
अधिकारी नहीं उठाते फोन
वहीं जब उपरोक्त मामले में बात करने के लिये कार्यपालन यंत्री पीएचई विभाग कटनी सतरेलाल कोरी से बात करने की कोशिश की गई तो उनके मोबाइल नं.9752338557 पर लगातार रिंग जाती रही लेकिन उक्त महोदय ने फोन उठाना उचित नहीं समझा और बाद में मोबाइल बंद कर लिया गया। वहीं उनके एक और अधिनस्थ अधिकारी से बात करने की कोशिश की गई तो उनके द्वारा भी फोन उठाना उचित नहीं समझा गया इससे यह साफ होता है कि संबंधित अधिकारी अपने कार्य के प्रति कितने जिम्मेदार है और किस तरह से अपने कार्य का संपादन कर रहे है। लिहाजा उपरोक्त मामले में पंचायत द्वारा अपना रुख स्पष्ट कर दिया गया है और यदि 7 दिवस के अंदर उपरोक्त कार्य पूर्ण नहीं किया जाता तो पंचायत द्वारा उच्च न्यायालय की शरण की जायेगी।