ग्राम पंचायत में चल रही हैं मनरेगा, खोदा जा रहा है परकोलेशन टैंक, ग्रामीण कर रहे हैं काम
रिपोर्टर : भगवत सिंह लोधी
दमोह । जनपद पंचायत तेन्दूखेडा अंतर्गत ग्राम पंचायत झरोली में केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही मनरेगा एक मात्र योजना ऐसी है जो मजदूरों का भला चाहती है। इस योजना के तहत मजदूरों को उन्हीं के गाँव मे रोजगार दिया जाता है और मजदूरी का भुगतान उनके खातों में किया जाता है।
तेन्दूखेड़ा मुख्यालय से 5 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत झरोली में इन दिनों मनरेगा योजना जे तहत लोगो को काम दिया जा रहा है। ग्राम झरोली में शांति धाम के बाजू से एक परकोलेशन टैंक बनाया जा रहा है। जिसमे करीब 70 -80 मजदूरों को काम दिया जा रहा है।बहुत दिनों के बाद इस ग्राम पंचायत में मनरेगा के तहत काम दिया गया है। नही तो इस गाँव के युवक तेन्दूखेड़ा, जबलपुर जाकर मजदूरी करते है ओर महिलाएं घर मे बैठ कर बीड़ी बनाने का कार्य करती है। काम कर रहे मजदूर सोमवती, खुशबू, शिवप्रसाद, मीरा, मुन्ना, विजय, उमेद, भीकम, मुकेश बताते हैं कि हमे बाहर रोज रोज मजदूरी वाला काम नही मिलता है जिस कारण हमारी पारिवारिक आर्थिक स्थिति गड़बड़ रहती थी । मगर नए सरपंच सचिव और रोजगार सहायक की नई कार्यशैली से हमे रोज काम मिलने लगा है । अब हमें बाहर रोजी रोटी के लिये जाना नही पड़ेगा।
ग्राम पँचायत के रोजगार सहायक रामदास केवट ने बताया कि ग्राम झरोली में पिछली पंच वर्षीय में मनरेगा के तहत कोई कार्य नही किया गया था। इसलिये यहाँ के युवक बाहर जाते थे मजदूरी करने को इसलिए हमने इस कार्यकाल मे यह पहला परकोलेशन टेक करीब 6 लाख रुपये से अधिक की राशि का यह परकोलेशन टैंक हमने बनाने की ठानी है। वही सचिब उषा किरण अवस्थी ने बताया कि ग्राम झरोली में इस सीजन के यह पहला मनरेगा योजना का कार्य है इसमे हमने अभी करीब 80 लोगो को रोज काम देने का लक्ष्य बनाया है और भविष्य में हम अधिक से अधिक मनरेगा योजना को यहां विस्तार देगे ओर क्यों कार्य करेंगे। उप सरपंच किसन केवट ने बताया कि अभी गाँव मे लोग अपने खेती किसानी में ब्यस्त हैं इसलिये पुरुष कम आ रहे हैं। जब अगला कार्य होगा तो उसमे करीब 200 के अधिक मजदूर होने की संभावनाएं है। क्योंकि यहाँ कभी पँचायत की तरफ से कभी लोगो को कार्य दिया ही नही है।
ग्राम पंचायत के सरपंच वीरेंद्र ठाकुर ने बताया कि हमारी पहली प्राथमिकता यही रहेगी कि मजदूरों को काम हमेशा मिलता रहे हैं। सरपँच ने बताया की इसके बाद सार्वजनिक खकरी अमृत सरोबर ओर परकोलेशन टैंक है जिनके जरिये हम लोगो को काम हमेशा देते रहेंगे। वही पंच खेत सिंह ने बताया गाँव मे लोगो को काम मिलने लगा तो जो लोग काम नही कर सकते जैसे बच्चे बूढे ओर अपाहिज भी जा रहे हैं और बैठ कर देखते हैं तथा काम मे मार्गदर्शन देते रहते हैं उनका कहना है कि यही ग्राम विकास में हमारा योगदान है।



