ज्ञान यज्ञ के साथ प्रतिदिन किया जा रहा है योग शिविर

सिलवानी । तन और मन के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए ज्ञान यज्ञ स्थल पर ही प्रतिदिन सुबह 6 बजे से योगा ओर तनाव मुक्ति शिविर भी लगाया जा रहा है। जिसमे सुबह सुबह आने वाले भाई बहनो को खुश रहने और स्वस्थ रहने के तरीके सिखाये जा रहे है। साथ ही आयोजन के चतुर्थ दिवस में आज श्रीकृष्ण का जनमोत्स्व मनाया गया।
श्री कृष्ण है, धरती के प्रथम राजकुमार 16 कला सम्पूर्ण । गीता ज्ञान यज्ञ के चतुर्थ दिवस पर कृष्ण की महिमा सुनाई गई।
योगेश्वर श्रीकृष्ण का चरित्र युवाओं के लिए प्रेरणा है
ब्रह्माकुमारी नीलम बहन ने श्रीकृष्ण की बाल लीला का आध्यात्मिक चरित्र बताते हुए कहा कि योगेश्वर श्रीकृष्ण का सम्पूर्ण चरित्र युवाओं को प्रेरणा देने वाला हैं। 16 कलाओं के धनी श्रीकृष्ण का चरित्र, उनकी साधना, उनकी विपरीत परिस्थितियां आज के मानव को आत्मदर्शन कराती हैं। कहते है ,कि मानव जब-जब सम्पूर्ण पवित्र बनने की कोशिश करेगा, तब-तब बाधाएं आएगी। श्रीकृष्ण का जन्मचरित्र ही देखो, भादों का अंधियारा नकारात्मक अंधेरा, जेल में जन्म दिखाते हैं। अतः आज के मानव को केवल जीवन निर्वाह और वासनामय, तृष्णा, लोभ से ऊपर उठकर देश, धर्म, समाज, संस्कृति के लिए सेवा, सहयोग और त्याग , बलिदान की प्रेरणा श्री कृष्ण के चरित्र से लेनी चाहिए।
श्रीकृष्ण की विशेषताओं को बताते हुए कहा, कि श्रीकृष्ण सतयुग के प्रथम राजकुमार हैं, जो 16 कला सम्पूर्ण, सम्पूर्ण निर्विकारी, डबल अहिंसक, डबल सिरताज धारी हैं। जिनके अंदर क्रोध का अंश मात्र भी नहीं था। विपरीत परिस्थिति में भी उनके चेहरे पर बिखरी हुई मुस्कुराहट उनकी सात्विकता और संतुष्टता का प्रतीक है। बचपन से लेकर युवावस्था तक उनका जीवनकाल समस्याओं से घिरा होने के बावजूद भी उन्होंने कभी शिकायत नहीं की। श्री कृष्ण के जीवन से हमें सीख मिलती है कि परिस्थिति कैसी भी हो लेकिन हमें मुस्कुराकर उसका सामना करना चाहिए। परमपिता परमात्मा के साथ हमें यह संकल्प करना है, कि हम सबको भी एक दूजे को साथ लेकर, मिलजुल कर भारत को स्वर्ग बनाने में अपना सहयोग देना है।
आयोजन का शुभारंभ भागवत की आरती से हुआ जिसमें सभी भाइयों बहनो ने नन्द के आनन्द भयो, जय कन्हैया लाल की जयकारे लगाये। इस पावन पर्व पर कलाकारों द्वारा महारास किया गया, जिसने सभी का मन मोह लिया।