तंत्र मार्गियों के तीर्थ जामगढ़- भगदेई के प्राचीन शिवधाम में हुई शिव उपासना

महाशिवरात्रि पर सूर्य ने शिव का श्रृंगार हुई शक्ति की आराधना
75 साल की उम्र में बिना सहारे शिव गुफा की डेढ़ किलोमीटर चढ़ाई करने पहुंची बरिष्ठ धार्मिक गिरिजा बाई शर्मा
रिपोर्टर : कमल याज्ञवल्क्य
बरेली। शुक्रवार को महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर जिले के बरेली तहसील स्थित ऐतिहासिक ग्राम जामगढ़-भगदेई के अति प्राचीन ऐतिहासिक शिव गुफा- मंदिर पर सुबह से ही भक्तों को तांता भोले को मनाने लग गया था, जो खबर लिखे जाने तक जारी रहा। यहाँ सबसे पहले सूर्य की पहली किरण से शिवजी का अभिषेक – श्रृंगार हुआ। फिर भक्तों ने नर्मदा जल और दूध सहित पंचामृत से वैदिक विधान के अनुसार भगवान् भोले के अभिषेक का क्रम शुरू हो गया। यहाँ रात में भी भक्त अपने वरदानी भोले की भक्ति करेंगे। महाशिवरात्रि के महापर्व पर जामगढ़ भगदेई के अति प्राचीन शिवधामों में रायसेन जिले के अनेंक स्थानों के साथ ही बरेली अंचल के दर्जनों गांवों के भक्तों ने भगवान् शंकर के पूजन दर्शन किए।
ऊबड़ खाबड़ रास्ते से पहुंचे भक्त शिवधाम गुफा
रायसेन जिले के बरेली तहसील मुख्यालय के करीब स्थित शिव और शक्ति के ऐतिहासिक प्राचीन स्थल जामगढ़ भगदेई भक्तों की मनोकामना पूर्ति के जाने जाते हैं। इसके अलावा तंत्र मार्गियों के लिए बड़े तीर्थ के रूप में भी विख्यात हैं। यह विडम्बना ही है कि शिव गुफा पहुंचने के लिए भक्तों को ऊबड़ खाबड़ रास्ते से चलकर जाना पड़ता है।
सरकारी हैण्डपम्प ने भी नहीं दिया साथ, सूखे कंठ डेढ़ किलोमीटर की चढ़ाई चढ़े भक्त
शिव गुफा के नीचे लगा सरकारी हैण्डपम्प भी महाशिवरात्रि पर भक्तों के काम नहीं आ सका। बताया गया है कि तीन चार दिन पहले सुधारे गए इस हैण्डपम्प ने शुक्रवार को भक्तों की प्यास बुझाने से मना कर दिया और भक्त सूखे कंठ ही करीब डेढ़ किलोमीटर की पहाड़ की चढ़ाई करके अपने भोले भगवान् के पास पहुंचे। यहाँ शिवजी के पास ही पहाड़ के बीचों बीच गुफा में जल भरा है। जिसे भक्त बॉटल आदि में भरकर घर ले जाते रहे।
उम्र 75 साल भगवान् की कृपा से डेढ़ किलोमीटर की सीधी चढाई चढ़ गई गिरिजा बाई
आमतौर पर 75 साल की उम्र के नागरिक सीधी सड़क पर चलने में परेशानी महसूस करते हैं, किन्तु भगवान् के प्रति भक्तों की अगाध श्रृद्धा ही है और भगवान् शिव की कृपा जो जामगढ़ की बरिष्ठ, धार्मिक कार्यों में हमेशा आगे रहने वाली गिरिजा बाई शर्मा को विंध्याचल पर्वत की डेढ़ किलोमीटर की चढ़ाई सहजता से पूरी कराकर दर्शन दे देते हैं। ऐतिहासिक प्राचीन शिव गुफा के बीच रास्ते में इस प्रतिनिधि को शिवधाम दर्शन और रात्रि जागरण के जा रहीं बरिष्ठ गिरिजा बाई शर्मा ने बताया कि मैं तो गाँव के मंदिर पर दर्शन करने आई थी। भगवान् शंकर जी की कृपा से पहाड़ की चढ़ाई विना सहारे चढ़ रही हूँ और रात भर भगवान् के पावन धाम श्री शिव गुफा पर रातभर जागकर भोलेनाथ का भजन करूंगी।