हिंदू संगठनों के आव्हान पर दूसरे दिन भी बंद रहे बाजार, पुलिस बल तैनात

अपराधियों पर कड़ी कार्यवाही मांग को लेकर हिंदू संगठनो ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा
सिलवानी। सिलवानी तहसील के कस्बा बम्होरी में महाशिव रात्रि के अवसर पर आसामाजिक तत्वो द्वारा की गई घटना पर विरोध जताते हुए कस्बा बम्होरी के सभी व्यापारियों ने दूसरे दिन भी अपने प्रतिष्ठान बंद रखें व्यापारियों एवं हिंदू संगठनों का कहना है कि हम सब प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी महाशिवरात्रि पर भगवान शिव का अभिषेक करने के लिए पुलिस थाने से पुराने थाना भवन परिसर में लाकर शांतिपूर्ण तरीके से पूजा पाठ किया जा रहा था लेकिन आसामाजिक तत्वों द्वारा किए गए पथराव के कारण हमारे पूजा पाठ में व्यवधान उत्पन्न हुआ। और हमारी धार्मिक भावनाये आहत हुई, उसकी हम सब हिंदू संगठन कड़ा विरोध करते हैं। हमारी मांग है कि जिनके द्वारा यह कृत्य किया गया है उनके विरुद्ध तत्काल प्रशासन कड़ी कार्रवाई करें एवं भगवान शंकर का शिवलिंग जहां स्थापित थे, वही वहीं पुन स्थापित कराया जाए।
जेलेश्वर महादेव संघर्ष समिति कस्बा बम्होरी के बैनर तले पुलिस थाने पहुंचकर एसडीएम प्रकाश नायक को ज्ञापन सौंपा, ज्ञापन में चार मांगे शासन से की है।
1.वर्ष 1987-88 के लगभग हुऐ समझौते अनुसार महादेव जी के स्थान की स्थिति वहाल की जावे तथा मंदिर बनाने की अनुमति प्रदान की जावे। 2. बैटनरी अस्पताल की जगह पर पुलिस चौकी स्थापित की जावे। 3. पुलिस आवास गृह की जो भूमि जो महादेव मंदिर के पीछे हैं उसे पुलिस विभाग अपने कब्जे में लेकर पुलिस आवास कालोनी निर्माण करें। 4. लाउड स्पीकर के मामले में कोर्ट के आदेश का पालन कराया जावे।
सिलवानी एसडीओपी अनिल मौर्य का कहना है बम्होरी में शांतिपूर्ण माहौल है। प्रशासन सभी गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है, शनिवार को हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओ ने ज्ञापन दिया है, जिसकी विवेचना की जा रही है।
क्या है पूरा मामला
ज्ञातव्य है कि कस्बा बम्होरी में महाशिव रात्रि के अवसर पर पुलिस थाने से पुराने थाना भवन परिसर में प्रति वर्षानुसार इस वर्ष भी शुक्रवर को जेलेश्वर महादेव (शिवलिंग) को पुलिस के वाहन से लाया गया था।
शुक्रवार को प्रात शिवलिंग को नियत स्थान पर रखकर शिव भक्तों द्वारा पूजा, अर्चना अभिषेक किया जा रहा था। इस बीच कुछ आसामाजिक तत्वों द्वारा टेंट के ऊपर टाल्स के टुकड़े (पत्थर) फेंक दिए थे जिससे हिन्दू समाज में आक्रोश फैल गया। हिन्दू संगठनों के आव्हान पर सभी प्रतिष्ठान बंद कर पुलिस थाने पहुंच गए । और राजमार्ग 15 बम्होरी थाने के सामने चक्काजाम कर दिया। प्रशासन और पुलिस हस्तक्षेप के बाद हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता नारेबाजी कर थाना परिसर पर धरने पर बैठ गए। पुलिस की कार्यवाही से नाराज होकर पुन राजमार्ग पर बैठकर चक्काजाम कर दिया। इस बीच पूर्व मंत्री रामपाल सिंह राजपूत भी चक्काजाम स्थल पहुंचे और घटना की जानकारी और प्रशासन से उचित कार्यवाही करने की बात की। नाराज कार्यकर्ता पुन पुराने थाना परिसर में आकर पूजन करने लगे और शिवलिंग स्थापना के लिए चबूतरा निर्माण की तैयारी करने लगे, चबूतरा निर्माण रोकने के लिए पुलिस द्वारा लाड़ी चार्ज किया। इस बीच पुलिल अधीक्षक विकास कुमार शाहबाल घटना स्थल पहुंचे और सभी लोगो से चर्चा की। कुछ देर कलेक्टर अरविन्द कुमार दुबे भी आ गए और घटनाक्रम की जानकारी ली उपस्थित लोगो से मामले में कानून के दायरे में स्थाई निराकरण की बात कही। हिन्दू संगठनों के जेलेश्वर महादेव (शिवलिंग) की स्थापना पुराने स्थान पर करने के साथ और घटना में शामिल आसामजिक तत्वों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर कड़ी कार्यवाही की मांग कर रहे थे प्रशासन ने उचित कार्यवाही की बात कर मामला शांत करा दिया था। और जेलेश्चर महादेव की पूजन के बाद पुन पुलिस की गाड़ी में नए थाना भवन को रवाना किया गया। कुछ देर में परिसर के पास में कुछ लोग थारदार हथियारों से लैस होकर नारेबाजी करने लगे और दोनो आमने सामने होने लगे, खबर लगते ही पुलिस अधीक्षक ने मोर्चा संभाला और स्थिति को नियंत्रण में लिया।
दोपहर में एसडीआईपी सिलवानी अनिल मौर्य, एसडीओपी बरेली सुरेश दामले, सहित आसपास के थाना क्षेत्र की पुलिस बम्होरी पहुंच गई थी रात में हुए उपद्रव के बाद पुलिस सशस्त्र पुलिस को बम्होरी में तैनात किया गया है।

क्या है जेलेश्वर महादेव की स्थिति
कैदी की तरह पुलिस अभिरक्षा में थाने से निकालते हैं शिवलिंग, पुलिस जीप में ही गांव में दर्शन के लिए ले जाते हैं, शाम को फिर थाने ले आते हैं
गौड़ राजा के किला परिसर में बने थाने में था शिव मंदिर, थाना दूसरी जगह शिफ्ट किया, इसके बाद असामाजिक तत्वों ने शिवलिंग को नुकसान पहुंचाया था। विवाद समाप्त करने के लिए पुलिस ने नए थाने में रखवा दिया शिवलिंग।
सिलवानी के बम्होरी थाने में भोलेनाथ वर्षों से कैद हैं। इन्हें साल में सिर्फ दो बार यानी महाशिवरात्रि और सावन के महीने में कजलियों के दिन बाहर निकाला जाता है, वह भी पुलिस अभिरक्षा में। इस शिवलिंग को पीडब्ल्यूडी के विश्राम गृह में श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ रखा जाता है। शाम को फिर इसे पुलिस जीप में रखकर थाने लाया जाता है। इस तरह की परंपरा करीब 33 सालों से चल रही है।
दरअसल अभी जहां विश्रामगृह बना है, वहां गौड़ राजा का किला हुआ करता था। वहीं पर शिव मंदिर था। किले में ही थाना बना दिया गया। यहां पुलिस द्वारा शिवलिंग की पूजा की जाती रही। जब ये किला जर्जर हो गया तो एक किलोमीटर दूर थाने के लिए भवन का निर्माण कराया गया। थाना शिफ्ट होते के शिवलिग चोरी हो गया। फिर मिल भी गया। असामाजिक तत्वों ने शिवलिंग की पवित्रता भंग करने के प्रयास किए। इन घटनाओं से बड़े विवाद भी हुए।
पूर्व सरपंच मदन नेमा ने बताया कि अधिकारियों और स्थानीय लोगों के बीच हुए समझौते के तहत शिवलिंग को थाना परिसर के मंदिर में रखा गया और वहां से साल में दो बार पुराने थाने में आम लोगों को दर्शन के लिए शिवलिंग को लाया जाने लगा। अब वहां पीडब्ल्यूडी द्वारा पुराने किले को तोड़कर विश्राम गृह बना दिया गया। इसलिए अब विश्राम गृह के परिसर में साल में दो दिन पुलिस अभिरक्षा में शिवलिंग की प्रतिमा को दर्शन के लिए रखा जाने लगा। नंदी थाने में ही रहते हैं।