10 मार्च 2024 फाल्गुन अमावस्या कब है? स्नान-दान का मुहूर्त

Astologar Gopi Ram : आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
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🔮 10 मार्च 2024 फाल्गुन अमावस्या कब है? नोट कर लें सही डेट और स्नान-दान का मुहूर्त
⭕ HIGHLIGHTS
♦️ फाल्गुन अमावस्या का महत्व धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है।
♦️ फाल्गुन अमावस्या 10 मार्च को मनाई जाएगी।
♦️ अमावस्या तिथि पितरों की पूजा के लिए समर्पित है।
🌎 हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का दिन बेहद महत्वपूर्ण होता है, इस दिन आकाश में चंद्रमा नहीं उदय होता है। प्रत्येक अमावस्या का अपना एक धार्मिक महत्व होता है। यह तिथि हर महीने कृष्ण पक्ष के पंद्रहवें दिन आती है। अमावस्या का दिन पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उत्तम माना जाता है। इसी के साथ यह दिन भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए भी विशेष होता है।
अमावस्या के दिन स्नान-दान का सर्वाधिक महत्व है, साथ ही पितरों के निमित्त तर्पण एवं दान करना शुभ फलदायक माना जाता है। अभी फाल्गुन मास चल रहा है, इस महीने की अमावस्या तिथि किस दिन है, क्या है स्नान-दान का शुभ मुहूर्त? आइए जानते हैं आचार्य श्री गोपी राम के अनुसार साथ ही जानेंगे इसका धार्मिक महत्व।
⚛️ फाल्गुन माह की अमावस्या का शुभ मुहूर्त
◼️ फाल्गुन माह की अमावस्या- 10 मार्च 2024 दिन रविवार
◼️ फाल्गुन माह की अमावस्या तिथि प्रारंभ- 9 मार्च 2024 दिन शनिवार को शाम 6 बजकर 17 मिनट से शुरू।
◼️ फाल्गुन माह की अमावस्या तिथि समापन – 10 मार्च 2024 दिन रविवार को दोपहर 2 बजकर 29 मिनट पर समाप्ति।
💰 स्नान-दान का मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह की अमावस्या के दिन स्नान-दान का शुभ मुहूर्त 10 मार्च 2024 दिन रविवार को प्रातः 4 बजकर 49 मिनट से लेकर सुबह 5 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। क्योंकि अमावस्या की उदया तिथि 10 मार्च 2024 को मान्य होगी, इस लिहाज से इस दिन ही स्नान-दान किया जाएगा।
💮 पूजाविधि :
🪶 फाल्गुन अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठें।
🪶 संभव हो तो किसी पवित्र नदीं में स्नान करें।
🪶 स्नानादि के बाद स्वच्छ कपड़े धारण करें।
🪶 इसके बाद सूर्यदेव को जल अर्घ्य दें।
🪶 विष्णुजी की विधिवत पूजा करें।
🪶 इसके बाद अपनी क्षमतानुसार दान-पुण्य के कार्यों करें।
✡️ पितृ दोष और काल सर्प दोष उपाय
👉🏽 फाल्गुनी अमावस्या की विशेष तिथि पर कुछ उपायों की मदद से पितृ दोष और काल सर्प दोष से मुक्ति मिल सकती है। इसलिए इस दिन पूरी श्राद्धा के साथ भगवान शिव की आराधना करें। वहीं, पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए इस दिन पितृ स्तोत्र और पितृ कवच का पाठ जरूर करें। फाल्गुनी अमावस्या पर ब्राह्मणों को भोजन कराने और तर्पण करने से पितरों की कृपा घर के सदस्यों पर बनी रहती है।
👉🏽 फाल्गुन अमावस्या के सरल उपाय : इस दिन पीपल के पेड़ पर जल जरूर अर्पित करें। साथ ही दूध से बनी 5 मिठाई अर्पित करें और पेड़ की 11 बार परिक्रमा करें। मान्यता है कि ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
🤷🏻 फाल्गुन माह की अमावस्या का महत्व
हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि को पितरों की शांति और पितृ दोष से छिटकारा पाने के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। फाल्गुन माह की यह अमावस्या तिथि हिंदू धर्म में बड़े मायने रखती है। मान्यता है कि जो लोग इस दिन तीर्थ स्नान और दान करते हैं उनके समस्त पाप मिट जाते हैं। जो लोग पितृ पक्ष पर अपने पितरों का श्राद्ध कर्म नहीं कर पाते हैं, तो उन्हें अमावस्या के दिन विधि पूर्वक पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रत्येक अमावस्या को जल से तर्पण और उनके निमित्त कर्मकांडी पंडित को दान-दक्षिणा श्रद्धानुसार देना चाहिए। जो लोग जरूरतमंद हों उनको अनाज और जरूरत की चीजें दान करने से पितृ दोष से छुटकारा मिलता है। साथ ही इस दिन भगवान विष्णु की अराधना करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
💁🏻 करें पितरों का तर्पण
फाल्गुन अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण और श्राद्ध करना काफी शुभ माना जाता है। आचार्य श्री गोपी राम के अनुसार, अमावस्या तिथि के दिन कुछ खास उपाय करके पितृदोष से भी मुक्ति पाई जा सकती है।
पितरों का तर्पण करने के लिए एक लोटे में जल लें और उसमें फूल और तिल डाल लें। इसके बाद पितरों को जल अर्पित करें। जल अर्पित करते समय हथेली में लेकर अपने अंगूठे की ओर से चढ़ाएं। इसके बाद गाय के गोबर का कंडा या उपला जलाकर केसर युक्त खीर, गुड़ घी डालकर अर्पित करें।