खेलमध्य प्रदेश

सालों से अधूरे पड़े हैं खेल मैदान, युवा नहीं कर पा रहे आर्मी पुलिस की तैयारी

सिहुंडी (छपरा) का मामला
रिपोर्टर : सतीश चौरसिया
उमरियापान । ग्रामीण क्षेत्रों में खेत प्रतिभाओं को निखारने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में खेल मैदान बनाए जाने थे। इसके लिए राज्य सरकार ने बजट भी प्रस्तावित किए गए। लेकिन इसके बाद भी ग्राम पंचायत स्तर पर खेल मैदान नहीं बनाए गए हैं । जिन पंचायतों में खेल के मैदान हैं वहां खेलों से जुड़ी आवश्यक सामाग्री मौजूद ही नहीं है । शासन की तमाम कोशिशों के बावजूद ग्राम पंचायतों की उदासीनता के चलते क्षेत्र की प्रतिभाएं सामने नहीं आ रहीं हैं ।
कटनी जिले के ग्रामीण पंचायतों में खेल के मैदानों का निर्माण कार्य अटका पड़ा हुआ है। विगत कई साल पहले प्रत्येक ग्राम पंचायत में खेल के मैदान बनाए जाने के लिए राशि जारी की गई थी। प्रत्येक ग्राम पंचायत में लाखों रुपए की राशि से मैदानों का निर्माण किया जाना था जिसकी राशि पंचायतों में जारी की गई थी । लेकिन ग्राम पंचायतों की उदासीनता के चलते खेल मैदानों का निर्माण कार्य अटक गया है । वहीं, जिन पंचायतों में खेल मैदान तैयार कर दिए गए हैं वहां खेलों से संबंधित कोई भी सामाग्री ग्राम पंचायतों ने अभी तक उपलब्ध नहीं कराई। वहीं कुछ पंचायतों में जमीन नहीं मिल पाने के कारण भी खेल मैदान का निर्माण कार्य नहीं हो सका। हैरानी की बात तो यह है कि इस ओर प्रशासन ध्यान नहीं दे रहे हैं। वहीं दूसरी ओर जहां खेल मैदान होने के भी प्रतिभाएं ग्रामीणों इलाकों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं । जिसका कारण, खेल सामाग्री का न होना है। खेल सामाग्री नहीं होने का खामियाजा खेल में भविष्य निर्माण का सपना पाले बैठी युवा पीढ़ी को ही भुगतना पड़ रहा है ।
सालों से चल रही प्रक्रिया, फिर भी अधूरे निर्माण: ग्रामीणों इलाकों से विभिन्न खेलों के प्रतिभाएं निकल सकें इसके लिए शासन सालों से प्रयास कर रहा है। लेकिन क्षेत्र के अंचल में अभी तक खेल मैदान बनाने का कार्य अभी तक पूरा नहीं हो पाया है । जहां निर्माण कार्य हुआ वहां सिर्फ खेल मैदान के नाम पर अव्यवस्थित जमीन का टुकड़ा पड़ा हुआ है। कई मैदानों में तो झाड़ी हटाने और जमीन समतल करने का भी ग्राम पंचायतें प्रयास नहीं कर रहा ही हैं। इस स्थिति में कैसे खेल प्रतिभाएं निकल पाएंगी।
सिहुंडी (छपरा) में खेल मैदान नहीं हो पाया तैयार
मूलभूत सुविधाएं भी नहीं: ग्रामीण पंचायतो मे जहां एक ओर जमीन नहीं मिल पाने से खेल मैदान बनाए ही न जा सके तो वहीं दूसरी ओर जिन पंचायतों में खेल के मैदान बना दिए गए वहां सिर्फ खेल मैदान के नाम पर एक लाल मिट्टी की जमीन पड़ी हुईं । जबकि यहां खेलने के लिए हरी घास, फुटबॉल स्टैंड, बास्केटबॉल स्टैंड और क्रिकेट पिच के साथ मैदान के चारो तरफ पेड़ और खिलाड़ियों के चेंजिंग रूम, बाथरूम, पवेलियन का निर्माण भी कराया जाना था। साथ ही खिलाड़ियों के लिए खेल सामाग्री का प्रबंध भी नहीं किया गया है। वहीं पीने के पानी जैसी मूलभूत सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है।
सिहुंडी में के खेल मैदान पर दबंगों का कब्जा
रेशम केन्द्र के पास में पंचायत खेल मैदान अव्यवस्थाओं को शिकार बना हुआ है। यहां पर दबंगों ने कब्जा कर लिया है। इसके कारण बाउंड्रीवाल निर्माण कार्य आज भी अधूरा पड़ा है । यहां खेल के मैदान के नाम पर सिर्फ जमीन का टुकड़ा है । अतिक्रमण के चलते यहां बाउंड्रीवाल का निर्माण पंचायत नहीं करा सकी है। प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने के लिए कई बार आदेश जारी किए लेकिन ग्राम पंचायत की उदासीनता के चलते यहां अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नहीं की गई। जिसके चलते बाउंड्रीवाल निर्माण का कार्य आज भी अटका पड़ा है । वहीं भनपुरा कला, सलैया फाटक सिहुंडी छपरा, अनेको ग्राम पंचायतों मे खेल के मैदानों का निर्माण कार्य अटका पड़ा है।
यहां बास्केटबॉल कोर्ट, फुटबॉल कोर्ट, बॉलीबॉल खेलने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है । इन ग्राम पंचायतों द्वारा खेल सामाग्री की भी कोई व्यवस्था नहीं की गई है।

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